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Climate कहानी

चलिए पढ़ा जाये

इस वजह से भारत में नहीं बन रहा जलवायु परिवर्तन एक सियासी मुद्दा!

Posted on February 19, 2021

निशान्त कभी सोचा है कोई मुद्दा सियासी कब बनता है? बात आगे बढे उससे पहले ज़रा समझ लेते हैं कि सियासत या राजनीति का मतलब होता क्या है और आख़िर मुद्दा किसे कहते हैं। तो जनाब ऐसा है कि जब किसी बात से सत्ता हासिल की जाये और फिर उस सत्ता का इस्तमाल उसी बात…

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क्या है विद्युत संशोधन विधेयक 2022 में ख़ास, क्यों हो रहा है इसका विरोध, क्या कहना है विशेषज्ञों का?

Posted on August 17, 2022

अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किया और कहा कि यह विधेयक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए है।  फिलहाल ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने विधेयक पर चर्चा के लिए इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने का अनुरोध किया है।सरकार का कहना है कि यह बिल पावर…

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अधिकांश दुनिया ले रही ज़हरीली हवाओं में सांस

Posted on August 17, 2022

धरती के 7,000 से अधिक शहरों में हुए वायु गुणवत्ता विश्लेषण ने पेश की परेशान करने वाली तस्वीर दुनिया भर में विकास का पहिया कुछ इस रफ्तार से घूमता हुआ आगे बढ़ रहा है कि तमाम कोशिशों के बावजूद, पीछे जानलेवा हवाओं का गुबार छोड़ रहा है।जी हाँ, फिलहाल दुनिया के तमाम बड़े शहर में…

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पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत में फिलहाल हरित वित्त प्रवाह जरूरत का सिर्फ एक चौथाई

Posted on August 10, 2022

भारत में हरित निवेश प्रवाह को ट्रैक करने के अपने तरह के एक पहले प्रयास को प्रस्तुत करती एक ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो फिलहाल देश में इस निवेश के प्रवाह की दशा और दिशा चिंताजनक है।दरअसल क्लाइमेट पॉलिसी इनिशिएटिव (सीपीआई इंडिया) की इस नई रिपोर्ट में इस दिशा में एक अपडेट जारी किया है…

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दी देश के एनडीसी को मंजूरी, प्रधानमंत्री के ‘पंचामृत’ को जलवायु लक्ष्यों में किया परिवर्तित

Posted on August 3, 2022

भारत अब अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 2030 तक 45 प्रतिशत तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मलेन (यूएनएफसीसीसी) को सूचना दिए जाने के लिए भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान या  अपडेटेड  नैशनली डिटर्मिण्ड कोंट्रीब्यूशन्स (एनडीसी)…

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नीतिगत प्रयासों में तेज़ी 2030 के ई-मोबिलिटी लक्ष्‍य के लिए ज़रूरी

Posted on July 28, 2022

चार्जिंग ढांचे को तेजी से विस्‍तार देना, वित्‍तीय समाधान पेश करना, अधिदेश (मैन्‍डेट) पेश करना और सम्‍बन्धित राष्‍ट्रीय महत्‍वाकांक्षा के अनुरूप सरकारी नीतियां बनाना ई-मोबिलिटी में तेजी लाने के लिये बेहद महत्‍वपूर्ण भारत में वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत तय अवधि तक बेचे जाने वाले…

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भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्य हासिल करने में क्लीनटेक स्टार्टअप्स निभा सकते हैं अहम भूमिका

Posted on July 26, 2022

बात दुनिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम या समुदाय के आकार की हो तो भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। फिलहाल जनवरी 2022 तक भारत में 61,000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों को मान्यता दी गई है और उन्हें पंजीकृत किया गया है। लेकिन अगर भारत को नेट ज़ीरो के संदर्भ में अपने 2030 के लक्ष्य को हासिल करना…

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दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन नीति तैयार

Posted on July 16, 2022

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता के सम्पूर्ण सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए एक व्यापक नीति तैयार की है। इस नीति में उद्योगों, वाहनों/परिवहन, निर्माण…

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आयातित ऊर्जा पर निर्भरता का खामियाज़ा भुगत रहा है यूरोप, आत्मनिर्भरता टाल सकती थी ऊर्जा संकट

Posted on July 13, 2022

प्रधान मंत्री मोदी जिस आत्मनिर्भरता की मदद से देश के विकास की बात करते हैं, अगर उस आत्मनिर्भरता का पाठ यूरोप ने पढ़ा होता तो आज वो इस मुश्किल में न फंसा होता। यूरोप के तमाम विकसित देश अक्सर भारत जैसे विकासशील देशों पर अधिक कार्बन एमिशन का आरोप लगाते हैं और उम्मीद करते हैं…

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सिर्फ बाज़ार-आधारित खाद्य सुरक्षा के लिए नहीं है प्रकृति, मूल्य शृंखला में 50 से अधिक घटक हैं मौजूद

Posted on July 11, 2022

जिस तरह से राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों में प्रकृति को महत्व दिया जाता है, वह वैश्विक जैव विविधता संकट का न सिर्फ एक प्रमुख घटक है बल्कि इसे संबोधित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। यह कहना है दुनिया के 82 शीर्ष वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का एक चार साल के मूल्यांकन के बाद। आईपीबीईएस की…

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50 हजार वन्‍यजीव प्रजातियाँ कर रहीं सेवा, अरबों लोग खा रहे मेवा

Posted on July 9, 2022

हर पांच में से एक व्‍यक्ति अपनी आमदनी और भोजन के लिये वन्‍यजीव प्रजातियों पर है निर्भर। इंसान के भोजन के लिये 10 हजार वन्‍यजीव प्रजातियों का होता है दोहनअक्‍सर ‘जैव-विविधता के लिये आईपीसीसी’ के तौर पर वर्णित की जाने वाली अंतर्राष्‍ट्रीय शोध एवं नीति इकाई आईपीबीईएस ने एक नयी रिपोर्ट जारी की है, जो कहती है-  विकसित और विकासशील…

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क्लाइमेट की कहानी, मेरी ज़बानी

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