Climate कहानी बस एक कोशिश है। कोशिश जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को हिन्दी मीडिया की मुख्यधारा के पटल पर लाने की।
वजह साफ़ है। हिंदुस्तान का एक बड़ा हिस्सा हिन्दी में बात करता है। हिन्दी न सही तो हिंदुस्तानी। हमारी climate कहानियों की भाषा भी हिन्दी नहीं। हिंदुस्तानी ही है शायद। कभी हिंगलिश सी भी लगेगी आपको।
सच कहें तो आप जिस भाषा में अपने दोस्तों यारों बच्चों और परिवार के सदस्यों से बात करते हैं, वैसी ही कुछ लिखने की कोशिश है।
ऐसा नहीं कि हम अंग्रेज़ी में नहीं कहानियाँ कहते हैं। बिल्कुल कहेंगे। लेकिन ज़ोर हिन्दी पर है।
अब वापस बात हिन्दी पर ज़ोर होने की। दरअसल हिन्दी भाषी ही हिंदुस्तान की राजनीतिक दशा और दिशा तय करते हैं। अब यहाँ आप भाषा को बस भाषा के तौर पर देखिएगा। सियासत न तलाशियेगा।
लेकिन सच तो ये है कि हम भी बात सियासत की कर रहे हैं। दरअसल माजरा ये है कि हिन्दी क्योंकि देश की राजनीति तय कर रही है और बेहतर जलवायु के लिए बेहतर नीतियां ज़रूरी हैं, इसलिए हिन्दी भाषा में जलवायु परिवर्तन को एक सियासी मुद्दा बनाना हमारी कोशिश है। किसी पार्टी का मुद्दा नहीं। क्योंकि हम किसी पार्टी से नहीं जुड़े।
आप सोच रहे होंगे कि फिर हमारा एजेंडा क्या है। तो जनाब एजेंडा यही है कि आप जब अपने दोस्तों, यारों, परिवार वालों के साथ बैठे हों, तब रूटीन की बातचीत में क्लाइमेट की इन कहानियों को भी एक हिस्सा बनाएं।
क्योंकि आप जब बात करेंगे, तब ही बात बनेगी। और हां, ध्यान रहे कि हम जलवायु परिवर्तन को सियासी मुद्दा किसी पार्टी के लिए नहीं बना रहे।
हमें इसे सियासी मुद्दा जनता के लिए बनाना है। हम चाहते हैं कि आम जनता #climatechange को अपने भविष्य से जुड़ा एक मुद्दा माने। अपने बच्चों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा माने। क्योंकि जब तक हम और आप इस मुद्दे को प्राथमिकता नहीं देंगे, नेता भी नहीं देंगे इसे तरजीह।
हम आप धर्म, मज़हब, हथियार, पेट्रोल, वग़ैरह जैसे मुद्दों के आगे जलवायु परिवर्तन जैसे ज्वलंत मुद्दे को जब तक बौना बनाये रखेंगे, नेता कभी नीतियां नहीं बनाएंगे हमारे आपके लिए बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए। इसीलिए कहा कि इन कहानियों को अपनी चर्चा का हिस्सा बनाएं। कुछ पढ़ें और औरों को पढ़ाएं।
ख़ैर, आपसे अनुरोध बस इतना ही है कि पढ़िए और पढ़ाइये क्लाइमेट की इन कहानियों को।
हम वेबसाइट शायद अभी अच्छी नहीं बना पाए हैं, लेकिन कोशिश जारी है। क्या करें, बस लिखना ही आता है। लेकिन सीख-सीख कर बेहतर करते रहेंगे इसे।
यहाँ आने के लिए दिल से शुक्रिया। अब चलिये पढ़ा जाए….