जहां एक ओर खाद्य सुरक्षा दुनिया के लगभग सभी देशों की प्राथमिकता है, वहीं पड़ोसी देश बांग्लादेश से इस संदर्भ में एक हैरान करने वाली खबर आ रही है। दरअसल हाल ही में बांग्लादेश ने जीवाश्म ईंधन की बढ़ती लागत के कारण गरीबों के लिए खाद्य सब्सिडी को कम करने का फैसला लिया। इसी क्रम में ग्रोथवॉच इंडिया…
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इस RWA’ संगठन ने नगर निगम चुनाव से पहले रखी बेहतर हवा और गवर्नेंस की मांग
देश के तमाम नागरिक संगठनों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए दिल्ली नगर निगम के आसन्न चुनाव से पहले देश की राजधानी के यूनाइटेड रेजिडेंट्स ज्वाइंट एक्शन (ऊर्जा) ने नगर निगम की नयी सरकार के लिये अपनी मांगों की सूची जारी की है। ऊर्जा देश की राजधानी के 2500 से ज्यादा रेजिडेंट्स वेलफेयर…
साल 2030 के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों के लिए अक्षय ऊर्जा सब्सिडी में वृद्धि ज़रूरी
भारत में अक्षय ऊर्जा पर सब्सिडी 59 प्रतिशत गिरकर 6,767 करोड़ रुपये हो गई है, जो वित्त वर्ष 2017 में 16,312 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। वहीं जीवाश्म ईंधन को वित्त वर्ष 20-21 में मिल रही सब्सिडी अक्षय ऊर्जा को मिल रही सब्सिडी से नौ गुना रही। अक्षय ऊर्जा को मिलने…
इस केस में जलवायु क्षति आंकलन के लिए खुद जज पहुंचे मौका मुआइना करने
एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में, पूरी दुनिया को जलवायु परिवर्तन की गाज से बचाने के लिए हुए तमाम मुकदमों में से एक में, जर्मनी के न्यायाधीशों ने पेरू का दौरा किया है जिससे यूरोप के सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक की वजह से वहाँ होने वाले नुकसान के स्तर को निर्धारित किया जा सके। यह मामला मानव-जनित ग्लोबल वार्मिंग पर कानूनी…
सौर हो या पवन, चीन नंबर वन
क्या आपको पता है दुनिया के किस देश में सौर ऊर्जा उत्पादन की सबसे ज़्यादा क्षमता है? अच्छा क्या आपको पता है दुनिया के किस देश में पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता सबसे ज़्यादा है? चलिये एक इशारा देते हैं आपको। इन दोनों मामलों में हमारा एक पड़ोसी देश सबसे ऊपर पर बैठा है। अब तो इशारा आप समझ ही…
जलवायु परिवर्तन ने 30 गुना बढ़ाया भारत और पाकिस्तान में समय से पहले हीटवेव का खतरा
भारत और पाकिस्तान में पिछले लंबे समय से चल रही ताप लहर (हीटवेव) की वजह से इंसानी आबादी को बड़े पैमाने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा है और इसने वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति पर भी असर डाला है। दुनिया के प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल द्वारा किए गए रैपिड एट्रीब्यूशन…
टल सकता था अप्रैल का कोयला संकट अगर रिन्यूएबल एनेर्जी लक्ष्य होते हासिल
अप्रैल 2022 में, कोयले की उपलब्धता में कमी के कारण भारत में बिजली संकट पैदा हो गया था। बिजली उत्पादन में भारी कमी देखी गई और महीने के 8 दिनों में 100 मिलियन यूनिट (एमयू) (MU) से अधिक ऊर्जा की कमी हुई। इसने कई राज्यों में डिस्कॉम को बिजली सप्लाई राशन करने के लिए लोड-शेडिंग…
दुनिया की हर छठी मौत के लिए प्रदूषण था ज़िम्मेदार: द लांसेट
वर्ष 2019 में 90 लाख लोगों की मौत का कारण बना वायु प्रदूषण, बीते चार सालों में स्थिति में मामूली सुधार वर्ष 2019 में प्रदूषण करीब 90 लाख लोगों की मौत के लिये जिम्मेदार था। यह दुनिया भर में होने वाली हर छठी मौत के बराबर है। वास्तव में इस संख्या में वर्ष 2015 में…
कोयले की किल्लत नहीं, खराब प्रबन्धन से पैदा हुआ बिजली संकट: विशेषज्ञ
भारत इस वक्त ग्लोबल वार्मिंग की जबर्दस्त मार सहने को मजबूर है। भीषण गर्मी के कारण तापमान बढ़ने से बिजली की खपत में वृद्धि के फलस्वरूप देश के विभिन्न राज्यों में बिजली संकट भी उत्पन्न हो गया है। इसे कोयले की कमी से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली…
इस साल 175GW के लक्ष्य को हासिल करने में राज्यों का सहयोग होगा निर्णायक
भारत के पास दिसंबर 2022 तक 175 GW क्षमता के स्वच्छ ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य है। फिलहाल अप्रेल का महीना ख़त्म हो रहा है और मार्च 2022 तक कुल 110 GW रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता स्थापित हुई है, जो कि 175 GW लक्ष्य का 63% है।ग्लोबल थिंक टैंक एम्बर की एक नई रिपोर्ट से…