फ़िलहाल भारत में मानसून आ चुका है, लेकिन मिजाज़ बदले बदले से हैं इस मौसम की घटना के। वैसे भी भारतीय मानसून एक जटिल परिघटना है और विशेषज्ञों की मानें तो जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग ने मानसून के बनने की परिस्थिति पर और तनाव डाल दिया है। आंकड़े बताते हैं कि बारिश का रिकॉर्ड हर…
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भारत के औद्योगिक विकास की गाड़ी दौड़ेगी तब, बैट्री चार्ज होगी जब
आने वाले समय में भारत के लिए वैश्विक पटल पर एक औद्योगिक शक्ति के रूप में उभर कर दिखने के लिए एनर्जी ट्रांजिशन में निवेश करना बेहद ज़रूरी होगा। और इस दिशा में मोबिलिटी एक ऐसा क्षेत्र जिसमें ये निवेश निर्णायक साबित होगा।ऊर्जा संक्रमण या एनर्जी ट्रांजिशन का मतलब हुआ जीवाश्म ईंधन से हरित ईंधन…
एयर क्वालिटी मोनिटरिंग में ये सस्ते सेंसर बनेंगे गेम चेंजर
पायलट अध्ययन से ज़ाहिर है कि रेगुलेटरी ग्रेड के मॉनिटर्स के साथ लगाये गये कम कीमत के सेंसर ने अपेक्षाकृत 85 प्रतिशत से ज्यादा दक्षता से काम कियादेश में प्रदूषण की बढ़ती मार के बीच पूरे भारत में इसके स्तरों पर नजर रखने के लिये जरूरी नेटवर्क के विस्तार की बहुत ज्यादा जरूरत महसूस की…
जलवायु,कोविड और प्रकृति के पतन के तिहरे संकट को दूर करने की G7 देशों की तैयारी काफ़ी नहीं
तमाम उम्मीदों पर पानी फेरते हुए G7 नेताओं ने जलवायु, कोविड और प्रकृति के पतन के तिहरे संकटों से निपटने का एक ऐतिहासिक अवसर को खो दिया है, यह मानना है प्रमुख विश्लेषकों का कॉर्नवाल शिखर सम्मेलन के समापन के बाद। उनका कहना है कि यदि ये नेतागण अक्टूबर में होने वाली G20 बैठक तक एकजुट नहीं होते हैं, तो COP26 बैठक का…
स्वास्थ्य क्षेत्र पर पड़ेगी जलवायु परिवर्तन की सबसे बड़ी मार, रहना होगा तैयार: विशेषज्ञ
जलवायु परिवर्तन और सेहत पर पड़ने वाले उसके प्रभावों के विषय पर विभिन्न विचार-विमर्शों के लिये स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करने के उद्देश्य से बनाया गया अपनी तरह का पहला दस्तावेज हेल्दी एनर्जी इनीशिएटिव इंडिया ने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अन्य संगठनों के सहयोग से अपनी तरह का पहला मार्गदर्शक दस्तावेज जारी किया है। ‘नो वैक्सीन फॉर क्लाइमेट…
आंशिक लॉक डाउन का वायु प्रदूषण स्तरों पर नहीं हुआ ख़ास असर, प्रदूषण स्तर को ट्रैक करना ज़रूरी
पिछले साल की ही तरह, इस साल भी कुछ महीनों से, देश के कुछ हिस्से कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन में रहे हैं। लेकिन इस बार इन पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन का कोई ख़ास साकारात्मक असर नहीं दिखा। वजह रही शायद इनकी टाइमिंग। वायरस की विभीषिका के बाद लॉक…
बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण जैव विविधता के लिए हानिकारक: वैश्विक जैव विविधता पैनल
इंसान की नुकसानदेह गतिविधियों के कारण जलवायु और जैव-विविधता में हुए अप्रत्याशित बदलाव अब एक साथ मिल गये हैं और इनकी वजह से पूरी दुनिया में कुदरत, मानव जीवन, रोजीरोटी तथा लोक कल्याण के लिये खतरा बढ़ गया है। मानव द्वारा की जाने वाली आर्थिक गतिविधियां, जैव-विविधता को हो रहे नुकसान और जलवायु परिवर्तन दोनों…
पिघलते ग्लेशियर और जलवायु परिवर्तन की मार, कर रही है तीसरे पोल पर वार
हिमालय और काराकोरम पर्वत श्रंखलाओं में जलवायु परिवर्तन के फुटप्रिंट बिल्कुल खुलकर ज़ाहिर हो गये हैं। इस क्षेत्र को तीसरा पोल भी कहा जाता है और यहां ग्लेशियर पिघल रहे हैं, नुकसानदेह परिघटनाएं हो रही हैं, बर्फबारी की तर्ज में बदलाव हो रहे हैं। ये उन देशों के लिये बुरी खबर है जो पानी की…
गरीब मुल्कों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता हो कम, ये चाहते हैं हम: G7 देशों के नागरिक
G7 देशों की बैठक से पहले, वैश्विक थिंक टैंक E3G के लिए YouGov संस्था ने G7 देशों में एक सर्वे किया जिसमें पाया गया कि वहां गरीब देशों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद करने के लिए भारी जन समर्थन है। कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, यूके और अमेरिका में हुए इस सर्वे…
डम्बल इफेक्ट बढ़ाएगा मानसून में मुंबई की परेशानी, जलवायु परिवर्तन का असर भी साफ़
अभी हाल ही में हमने मुंबई में अत्यंत भयंकर चक्रवात तौकते को अपना कहर बरपाते हुए देखा था, और अब, मुंबई में मानसून ने अपने आगमन के पहले ही दिन शहर को अस्त व्यस्त कर के रख दिया है। सांताक्रूज ऑब्जर्वेटरी ने बुधवार सुबह 8:30 बजे से 24 घंटे के अंतराल में 231 मिमी बारिश दर्ज की। हालांकि, मुंबई के लिए यह कुछ…