आख़िरकार ज़मीन की लड़ाई ने रंग दिखाया। कार्बी आंगलोंग की पहाड़ियों में बसे हजारों आदिवासी परिवारों की जंग ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) को झुका दिया है। बैंक ने 500 मेगावाट के जिस सोलर पार्क प्रोजेक्ट के लिए 434 मिलियन डॉलर की फंडिंग मंज़ूर की थी, उसे अब रद्द कर दिया गया है। यह सिर्फ़…
Author: Climate कहानी

हिमालय की बर्फ़ खा गया ‘ब्लैक कार्बन’: दो दशक में बढ़ा 4°C तापमान, पानी संकट गहराने का ख़तरा
हिमालय की बर्फ़ तेजी से पिघल रही है। वजह? हमारे चूल्हों से उठता धुआं, खेतों में जलाई जा रही पराली, और गाड़ियों से निकलता धुआं — यानी ‘ब्लैक कार्बन’। दिल्ली की एक रिसर्च संस्था Climate Trends की नई रिपोर्ट बताती है कि पिछले 20 सालों में हिमालयी इलाकों में बर्फ़ की सतह का तापमान औसतन…

गर्मी की मार पर AI का वार
जब डेटा, अल्गोरिदम और देसी समझ मिलकर शहरों को हीटवेव से बचाने निकलेजब शहर जल रहे हों और सिस्टम सो रहा हो, तब डेटा बोलता है किसी मोहल्ले की गली में लगे पानी के नल के नीचे बैठे रिक्शेवाले से पूछो—हीटवेव क्या होती है? वो आपको थर्मल इंडेक्स नहीं बताएगा, लेकिन कहेगा, “साँस लेना भी…

नीति खुली, राह फिर भी उलझी: ग्रीन एनर्जी की असली कसौटी
भारत में ग्रीन पावर खरीदना अब पहले से कहीं ज़्यादा आसान है—कम से कम कागज़ों पर। 2022 में केंद्र सरकार ने Green Energy Open Access Rules लागू किए, जिनका मक़सद था: कंपनियों को रिन्यूएबल एनर्जी का सीधा रास्ता दिखाना, और देश को 2070 के नेट ज़ीरो लक्ष्य की ओर तेज़ी से ले जाना। अब 100…

स्टील की पटरी पर टिके हैं धरती के सपनों की रेल, इंजन है भारत
ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर की रिपोर्ट बताती है, “ग्रीन स्टील” की दिशा में पूरी दुनिया की चाल अब भारत की दिशा पर निर्भर है। एक समय था जब…लोहा, यानी आयरन—धरती के गर्भ से निकलने वाला वो मजबूत, तपता हुआ तत्व—जब आग और कोयले की भट्ठियों में झोंका जाता, तो निकलती थी स्टील।दुनिया भर की इमारतें, रेल…

सिर्फ़ घर नहीं, गर्भ तक पहुँच रही हैं हीट वेव्स
जलवायु परिवर्तन अब माँ की कोख तक आ पहुँचा है—जहाँ ज़िंदगी की शुरुआत होती है, वहीं अब संकट भी जन्म ले रहा है। पसीने से तर-ब-तर दोपहरें अब सिर्फ चुभन नहीं लातीं—ये कोख में पल रही ज़िंदगी पर भी वार कर रही हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ती गर्मी अब गर्भवती महिलाओं के लिए…

जलवायु परिवर्तन ने बदली उत्तराखंड की खेती की सूरत
आलू-गेहूं छोड़ किसानों ने पकड़ी दाल-मसालों की राह, बीते दशक में 27% कम हुई खेती की ज़मीन, 70% गिरी आलू की पैदावार उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में जलवायु परिवर्तन की मार ने खेती के नक्शे को पूरी तरह बदल दिया है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में जहां खाद्यान्न और…

अन्तरिक्ष की उड़ान ले रही जलवायु की जान
मयूरी सिंह सोचिए — एक तरफ़ दुनिया भयंकर गर्मी, बाढ़ और खाने के संकट से जूझ रही है, और दूसरी तरफ़ चंद अमीर लोग कुछ मिनटों के लिए अंतरिक्ष घूमने निकल पड़े हैं।ये दौड़ सिर्फ़ शौक़ की नहीं है, ये जलवायु अन्याय और गैर-जिम्मेदारी की एक ज़िंदा मिसाल बन चुकी है। अभी हाल ही में…

दुनियाभर के कारोबारी बोले – अब नहीं रुकेगा सौर-विंड का सफर, 2035 तक चाहिए सिर्फ़ रिन्यूएबल बिजली
दुनियाभर के कारोबारी बोले – अब नहीं रुकेगा सौर-हवा का सफर, 2035 तक चाहिए सिर्फ़ रिन्यूएबल बिजली एक नए वैश्विक सर्वे में दुनिया के 15 देशों के बिज़नेस लीडर्स ने साफ़ कहा है – अब फॉसिल फ्यूल्स से हटकर रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ तेज़ी से बढ़ना वक्त की ज़रूरत है। ये सर्वे दुनिया भर की…

बिल्डिंग से ज़्यादा अब बात मलबे की है — और सरकार ने ये बात अब क़ानून बना दी है।
मयूरी अब अगर आपने कोई बिल्डिंग गिराई या नया प्रोजेक्ट शुरू किया है, तो “क्या करेंगे मलबे का?” इस सवाल का जवाब आपके पास होना चाहिए — और वो भी लिखित में! दरअसल सरकार ने हाल ही में Construction and Demolition Waste Management Rules, 2024 लागू कर दिए हैं, जो 1 अप्रैल 2026 से ज़मीन…