वैश्विक गठबंधन आर्थिक, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु चुनौतियों से निपटते हुए लक्ष्यों को कार्रवाई में बदलने और रिन्यूएबल ऊर्जा कार्यान्वयन अंतर को पाटने में निभाएगा प्रमुख भूमिका अपतटीय पवन ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए जलवायु और ऊर्जा सुरक्षा संकट से निपटने के लिए सीओपी27 में बेल्जियम, कोलंबिया, जर्मनी, आयरलैंड, जापान, नीदरलैंड, नॉर्वे, यूके, यूएस सहित नौ नए देश ग्लोबल ऑफशोर विंड एलायंस (GOWA) में शामिल हुए हैं। गठबंधन की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय रिन्यूएबल ऊर्जा एजेंसी (IRENA), डेनमार्क और वैश्विक पवन ऊर्जा परिषद द्वारा की गई है। यह गठबंधन अपतटीय पवन ऊर्जा की तैनाती में तेजी लाने के लिए…
Author: Climate कहानी
नेट जीरो पर स्पष्टता के लिए आईएसओ ने किए वैश्विक दिशानिर्देश जारी
तमाम वैश्विक संस्थानों और सरकारों के लिए नेट ज़ीरो लक्ष्य हासिल करने को सुगम बनाते हुए इंटेरनैशनल स्टैंडर्ड्ज ऑर्गनाइज़ेशन, आईएसओ, ने आज बहुप्रतीक्षित नेट जीरो दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं। जो बात इस घटनाक्रम को खास बनाती है वो है कि 1,200 से अधिक संगठन और विशेषज्ञ केवल तीन महीनों में एक आम सहमति वाली प्रक्रिया…
इन सात एशियाई देशों ने की सौर ऊर्जा उत्पादन से लाखों डॉलर की बचत
वर्ष 2022 की पहली छमाही में ही जीवाश्म ईंधन की लागत से 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च बचाया गया एंबर, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) द्वारा आज प्रकाशित एक रिपोर्ट में पाया गया है कि सौर ऊर्जा उत्पादन ने सात एशियाई…
सुंदरबन जूझ रहा ख़तरे से, भारत हुआ जलवायु के लिए मैंग्रोव गठबंधन में शामिल
मैंग्रोव वनों को दुनिया का “सबसे अधिक उत्पादक पारिस्थितिक तंत्र” करार देते हुए, भारत मंगलवार को मिस्र के शर्म अल-शेख में पार्टियों के सम्मेलन (COP27) के 27वें शिखर सम्मेलन में जलवायु के लिए मैंग्रोव गठबंधन (MAC) में शामिल हो गया। इस गठबंधन को यूएई, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, स्पेन और श्रीलंका का समर्थन प्राप्त है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र…
35 करोड़ किसानों ने किया आगाह, क्लाइमेट एडाप्टेशन के बगैर ग्लोबल खाद्य सुरक्षा को ख़तरा
फिलहाल जहां दुनिया के शीर्ष नेता मिस्त्र में चल रही सीओपी 27 में वैश्विक जलवायु नीतियों पर चिंतन मनन कर रहे हैं, तब दुनिया के लाभग 35 करोड़ किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाली सत्तर संस्थाओं ने दुनिया के नेताओं को एक खुला पत्र लिखकर उन्हें आगाह किया है कि अगर दुनिया की सरकारें लघु स्तरीय उत्पादन के…
वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2022: वैश्विक ऊर्जा संकट खोल सकता है स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और खपत के रास्ते
आईईए के वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक (World Energy Outlook) के ताजा संस्करण के मुताबिक युक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई के कारण उत्पन्न हुआ वैश्विक ऊर्जा संकट गहरे और लम्बे वक्त तक बरकरार रहने वाले बदलावों की वजह बन रहा है। इन परिवर्तनों में ऊर्जा प्रणाली में अधिक टिकाऊ और सुरक्षित रूपांतरण को तेज करने की क्षमता रखते हैं। …
मीथेन कौन्सेंट्रेशन में हुई अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि
एक बेहद चिंताजनक घटनाक्रम में, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में तीन मुख्य ग्रीनहाउस गैसों – कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड का वायुमंडलीय स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। WMO के ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन ने 2021 में मीथेन कौन्सेंट्रेशन में साल-दर-साल की सबसे बड़ी छलांग की जानकारी दी। गैसों के वायुमंडलीय कौन्सेंट्रेशन की माप बीते चालीस सालों से हो रही है और यह उछाल बीते 40…
जलवायु कार्यवाही की रफ़तार सुस्त, बंद कर रही सुधार के दरवाजे: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र की आज जारी एमिशन्स गैप रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2021 में ब्रिटेन के ग्लासगो में हुए सीओपी26 में सभी देशों द्वारा अपने नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशंस (एनडीसी) को और मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किये जाने और राष्ट्रों द्वारा कुछ अपडेटेड जानकारी दिये जाने के बावजूद प्रगति के मोर्चे पर बुरी तरह नाकामी…
जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बढ़ा रही है स्वास्थ्य समस्याओं के दुष्प्रभाव: लान्सेट काउंटडाउन
सभी देश और वहाँ की स्वास्थ्य प्रणालियाँ COVID-19 महामारी के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों से उबर ही रही थीं कि ठीक तब ही रूस और यूक्रेन के संघर्ष ने एक वैश्विक ऊर्जा संकट खड़ा कर दिया। और इस सब के साथ जलवायु परिवर्तन बेरोकटोक अपनी गति से बढ़ता चला जा रहा है।द लैंसेट काउंटडाउन ऑन…
दिवाली के अगले दिन दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर रहा कम, मगर सुरक्षित सीमा से ऊपर: सीपीसीबी
इस बार 2015 के बाद से अपेक्षाकृत दिवाली सप्ताह रहा स्वच्छ, पटाखों ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता को नहीं किया ज्यादा प्रभावित जहां एक ओर हर साल दिवाली के बाद वायु प्रदूषण को ले कर चिंताएँ बढ़ती थीं, वहीं इस साल,बीते सालों के मुक़ाबले, देश की राजधानी में खतरनाक पीएम 2.5 के स्तर में कमी देखी गयी। हालांकि इसके स्तर में कमी ज़रूर…