साल 1933 में लॉस्ट होराइज़न नाम के उपन्यास में लेखक जेम्स हिल्टन ने हिमालय में कहीं बसी एक काल्पनिक वादी, शांगरी ला का ज़िक्र किया था। यह घाटी बेहद खूबसूरत नज़ारों को समेटे थी। ऐसा माना जाता है कि जेम्स हिल्टन हिमालय के सौंदर्य से मोहित थे, जिसके चलते उन्होनें शांगरी ला कि कल्पना की।…
Category: ग्लोबल वार्मिंग
फ़ोसिल फ़्यूल सब्सिडी को रिन्यूबल एनेर्जी में निवेशित कर G20 निपट सकता है जलवायु परिवर्तन से
आज जारी एक रिपोर्ट से पता चलता है कि जी20 देशों की फ़ोसिल फ़्यूल सब्सिडी को रिन्यूबल एनेर्जी स्रोतों में निवेश की ओर पुनर्निर्देशित करने से न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिल सकती है, बल्कि भूख, ऊर्जा पहुंच और पर्यावरण प्रदूषण जैसे वैश्विक मुद्दों का भी समाधान हो सकता है। रिपोर्ट आगामी जी20 नेताओं के…
हिमाचल त्रासदी: हम प्रकृति को मार रहे हैं, वो हमें मार रही है
हिमाचल प्रदेश में बारिश और उसके बाद हुए भूस्खलन में कम से कम 75 लोगों की जान जाने के बाद वहाँ की सरकार ने वहाँ राज्य स्तरीय आपदा घोषित कर दी. उत्तराखंड में भी हाल कुछ मिलता जुलता ही है.विशेषज्ञों की मानें तो हम प्रकृति को मार रहे हैं, वो हमें मार रही है. उनका मानना है कि…
गर्मी से राहत नहीं, आफत बन रही है मॉनसून की बारिश। वजह है जलवायु परिवर्तन।
बारिश की आमद गर्मी से राहत देने के लिए जानी जाती थी। मगर अब, यह राहत बन रही है आफत। भारत में चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि का पैमाना हर गुजरते साल के साथ नई ऊंचाई छू रहा है। साल 2023 की शुरुआत अगर सर्दी की जगह अधिक गर्मी के साथ हुई, तो फरवरी…
जलवायु परिवर्तन डाल रहा है हीटवेव की आग में घी, रियल टाइम एट्रिब्यूशन से हुआ खुलासा
एक नए विश्लेषण से मानव-जनित जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं की तीव्रता के बीच एक परेशान करने वाले संबंध का पता चला है। क्लाइमेट सेंट्रल के इस विश्लेषण की मानें तो 14-16 जून, 2023 के बीच पूरे उत्तर प्रदेश में चलने वाली तीन दिन रही मारक हीटवेव की संभावना जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण कम…
हर साल 1.5 TW नई विंड और सोलर क्षमता जुड़ने से 2030 तक लग सकती है ग्लोबल वार्मिंग पर लगाम
एक नए विश्लेषण से यह पता लगता है कि कार्बन डाइऑक्साइड रिमूवल (सीडीआर) तकनीक के कम से कम इस्तेमाल और सस्टेनेबिल तरीक़े को अपनाकर अगर हम ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना चाहते हैं तो 2030 तक पांच गुना तेज़ दर से हमें 1.5 टेरा वाट (TW) नई विंड और सोलर ऊर्जा क्षमता को स्थापित करने की ज़रुरत है। वैश्विक पवन और सौर क्षमता को इस दशक के अंत तक लगभग 10 TW तक बढ़ाने की ज़रुरत है। साल 2022…
ग्लोबल वार्मिंग बना रही है चक्रवात ‘बिपरजॉय’ को घातक
इस साल के, अरब सागर में आए, पहले चक्रवात ‘बिपरजॉय’ ने फिलहाल काफी गंभीर सूरत धारण कर ली है। लेकिन इसी बीच राहत की बात ये है कि मानसून कुछ दिनों की देरी से कल केरल पहुंच गया। मगर हां, चक्रवात की वजह से मॉनसून की गति पर प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, इसके…
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अपना कार्बन एमिशन कम करना ज़रूरी
वैश्विक स्तर पर शुद्ध ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले में स्वास्थ्य क्षेत्र पांचवें स्थान पर है। ऐसे में देश की स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों को जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत संबोधित करने के महत्व पर चर्चा करने के लिए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के साथ साझेदारी में एशियाई विकास बैंक ने आज गोवा में G20 के लिए स्वास्थ्य कार्य समूह में एक…
तत्काल जलवायु कार्रवाई कर सकती है सभी के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित: संयुक्त राष्ट्र
बात मानव जनित जलवायु परिवर्तन के लिए स्वयं को ऍडाप्ट करने की हो या ग्रीनहाउस गैस एमिशन को कम करने की हो, तो इस बात में कोई दो राय नहीं कि अब हमारे पास इन दोनों ही समस्याओं के समाधान के लिए तमाम व्यावहारिक और प्रभावी विकल्प उपलब्ध हैं। कमी है तो सिर्फ नीतिगत फैसलों…
पानी की बढ़ती कमी के बीच जलवायु और विकास के लक्ष्य हासिल करना मुश्किल
पिछले वर्षों की अभूतपूर्व बाढ़, सूखा और बेतहाशा पानी से होने वाली घटनाएं अप्रत्याशित नहीं, बल्कि मानव द्वारा दशकों से चली आ रही पानी की बदइंतज़ामी से होने वाली सिस्टेमेटिक क्राइसेस का नतीजा हैं। यह कहना है ग्लोबल कमीशन ऑन इक्नोमिक्स ऑफ वॉटर रिपोर्ट का।इस रिपोर्ट के मुताबिक़ पानी का एक टिकाऊ और न्यायपूर्ण भविष्य…