ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (Global Energy Monitor) की ताजा रिपोर्ट यह कहती है कि दुनिया में स्टील उत्पादन के लिये ‘ब्लास्ट फर्नेस- बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस’ पद्धति का इस्तेमाल करने वाली कोयला आधारित उत्पादन क्षमता वर्ष 2021 के 350 एमटीपीए के मुकाबले 2022 में बढ़कर 380 एमटीपीए हो गयी है। यह ऐसे वक्त हुआ है जब लंबी अवधि के…
Category: ऊर्जा
ऊर्जा से जुड़ी कहानियाँ

न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन बने जन सरोकार का मुद्दा: विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने के लिये भारत को न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन को जन सरोकार का मुद्दा भी बनाना चाहिये। इस ट्रांज़िशन के लिये क्लाइमेट फाइनेंसिंग को भी कई गुना बढ़ाना होगा। ग्लोबल फाइनेंस आर्किटेक्चर और ग्रीन क्लाइमेट फंड में निजी वित्त का प्रवाह बनाया जाना चाहिए। …

जीवाश्म ईंधन से जुड़ी उधारी पड़ रही है नेट ज़ीरो उम्मीदों पर भारी
वैश्विक मामलों के थिंकटैंक ओडीआई की एक ताजा रिसर्च में यह बात सामने आई है कि निम्न और मध्यम आमदनी वाले देशों में जीवाश्म ईंधन के खनन से संबंधित कर्ज के कुचक्र से वैश्विक स्तर पर एनेर्जी ट्रांज़िशन को खतरा उत्पन्न हो रहा है। कर्ज का बोझ पड़ने पर यह देश तेल तथा गैस के…

नए निवेश की जगह एनटीपीसी पुरानी, फंसी हुई कोयला बिजली परियोजनाओं का करे अधिग्रहण और पुनरुद्धार
पुराने हो चुके और फंसे हुए थर्मल पावर प्लांट्स के रणनीतिक अधिग्रहण और फिर रिवाइवल या पुनरुद्धार से राज्य के स्वामित्व वाली भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक, NTPC, बैंकों को अपनी बैलेंस शीट सुधारने में मदद कर सकती है।यह निष्कर्ष है इंस्टिट्यूट फॉर एनर्जी इकनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) की ताज़ा रिपोर्ट का, जिसमें 6.1GW की…

जी20 देशों में रिन्यूबल एनेर्जी बना रही है पैठ
पैरिस समझौते के बाद से पवन और सौर ऊर्जा के कारण जी20 देशों में कोयले से बनने वाली बिजली की हिस्सेदारी में गिरावट आयी है। चौथे वार्षिक ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रीव्यू के डेटा के ताजा विश्लेषण में यह दावा किया गया है। ऊर्जा थिंक टैंक एम्बर ने इस विश्लेषण को प्रकाशित किया है। हालांकि यह बदलाव…

पवन और सौर ऊर्जा वैश्विक बिजली उत्पादन के 12 फीसद के रिकॉर्ड स्तर पर
गोवा ,राजस्थान ,गुजरात ,कर्नाटक, तमिलनाडु, और आंध्र प्रदेश ने लगायी वैश्विक औसत से ऊंची छलांग वर्ष 2022 में पवन और सौर ऊर्जा उत्पादन ने वैश्विक स्तर पर उत्पादित कुल बिजली के 12 प्रतिशत के कीर्तिमानी स्तर को छू लिया है। ऊर्जा क्षेत्र के थिंक टैंक एम्बर की आज जारी एक अहम रिपोर्ट में यह तथ्य…

IFC ने की नई कोयला परियोजनाओं की फंडिंग बंद करने की घोषणा
विश्व बैंक की निजी क्षेत्र की शाखा, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) ने साफ कर दिया है कि वह नई कोयला परियोजनाओं में निवेश का समर्थन नहीं करेगी।IFC बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को धन देता है जो बदले में बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं को उधार देते हैं। IFC ने कथित तौर पर भारत में…

कोयला बिजली: नए निवेशों की रफ्तार धीमी, पुराने प्लांटों को बंद करने पर स्थिति असपष्ट
ग्लोबल एनेर्जी मॉनिटर के नौवें वार्षिक सर्वे की मानें तो भविष्य में अपने कोयले के इस्तेमाल को लेकर भारत वैश्विक स्तर पर मिले जुले संकेत भेजता रहा है। कोल प्लांट पाइप लाइन पर होने वाले इस सर्वे के मुताबिक़ जहां एक ओर नयी कोयला बिजली परियोजनाओं की कमीशनिंग बीते वर्षों में अपने निचले स्तर पर रही है, वहीं नई परियोजनाओं के लिए प्लान भी बन रहे हैं और पुराने कम आउटपुट और एफ़िशियेन्सी वाले प्लांटों को बंद करने की कोई स्पष्ट योजना नहीं दिख रही। रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने 2022 में केवल 3.5 गीगावाट (GW) नई कोयला बिजली क्षमता पर खर्च किया है। 2020 में होने वाली महामारी की मंदी को छोड़ दें तो, यह 2014 के उच्च…

सफल एनेर्जी ट्रांज़िशन के लिए 2030 तक 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश ज़रूरी
विश्व एनेर्जीट्रांज़िशन आउटलुक को पूर्वावलोकन इस दिशा में प्रगति की नाटकीय कमी की चेतावनी देता है, साथ ही करता है 1.5 डिग्री सेल्सियस जलवायु लक्ष्य को बनाए रखने के लिए एनेर्जीट्रांज़िशन में सामरिक बदलाव की मांग वैश्विक संकटों के प्रभाव से वैश्विक एनेर्जी ट्रांज़िशन अपनी ट्रैक से हट चुका है। बर्लिन एनर्जी ट्रांजिशन डायलॉग (बीईटीडी) में आईआरईएनए के महानिदेशक फ्रांसेस्को ला कैमरा द्वारा पेश किया गया, वर्ल्ड एनर्जी ट्रांजिशन आउटलुक 2023 प्रीव्यू साफ तौर पर एनर्जी…

विंड एनेर्जी कि सप्लाई चेन में निवेश अब बन गया है ज़रूरी
पवन बिजली उद्योग 2025 तक, ओनशोर या तटवर्ती और ऑफशोर या अपतटीय, दोनों बाज़ारों में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए वर्ष 2027 तक 680 गीगावाट की रिकॉर्ड स्थापना की उम्मीद कर रहा है। सप्लाई चेन की रुकावटों को दूर करने के लिया नीति निर्माताओं को 2026 से काम करने की ज़रूरत है। इसकी सप्लाई चेन में रुकावट की वजह से 2030 के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने…