फोस्सिल फ्यूल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के संबंध में दुबई में COP28 में चल रही चर्चाओं के बीच, सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी (सीएफए) और क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा किए गए एक हालिया विश्लेषण से प्रोजेक्ट फायनेंसिंग के लिए उधार देने में एक ख़ास बात का पता चला है। दरअसल भारत में कोयला बिजली संयंत्र साल 2022 में, लगातार दूसरे साल, प्रोजेक्ट…
Category: ग्लोबल वार्मिंग

दुनिया तबाही और बर्बादी की कगार पर
इन दिनों चल रहे COP28 के मौक़े पर जारी ग्लोबल टिपिंग पॉइंट्स रिपोर्ट – दुनिया की तबाही और बर्बादी की कगार पर पहुँचने की दास्तान बयान करती है।इस रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्लोबल वार्मिंग ने इस धरती पर मौजूद सभी समुद्री और ज़मीनी सिस्टम (प्रणालीयों) को नष्ट होने की कगार पर ला खड़ा…

वैश्विक विशेषज्ञों ने टॉप 10 जलवायु विज्ञान अंतर्दृष्टियों का किया अनावरण
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, सामाजिक और प्राकृतिक विज्ञान के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने वार्षिक “जलवायु विज्ञान में 10 नई अंतर्दृष्टि” नाम की एक रिपोर्ट, यूएनएफसीसीसी के कार्यकारी सचिव, साइमन स्टिल के साथ प्रस्तुत किया। यह रिपोर्ट, पिछले 18 महीनों के नवीनतम और महत्वपूर्ण जलवायु विज्ञान अनुसंधान से मिले नतीजों का संकलन है। इसका उद्देश्य नीति निर्माताओं…

कृषि पर जलवायु संकट का गंभीर खतरा, फसल विविधीकरण और लचीली कृषि पद्धतियाँ अब बेहद प्रासंगिक
भारत के 40% कार्यबल को रोजगार देने वाला कृषि क्षेत्र जलवायु परिवर्तन से गंभीर खतरे में है। फसल पैदावार कम होने के चलते इस साल पहले ही खाद्य कीमतों में 11.51% की वृद्धि देखी जा रही है और इस बीच बढ़ते तापमान के चलते पैदावार के और कम होने की पूरी संभावना है। ‘भारत में…

COP 28 शुरू, क्या बन पाएगी लॉस एंड डैमेज फंड संचालन पर आम सहमति?
संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा बैठक दुबई में आज से शुरू हो गयी है और इसकी सफल शुरुआत को ले कर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल इस बैठक की शुरुरात में दुनिया के लगभग सभी देश, दुनिया भर के कमजोर देशों को ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाले अत्यधिक खराब मौसम से निपटने में…

अपने नेट-जीरो लक्ष्यों के लिये होगी भारत को 101 बिलियन डॉलर की जरूरत
भारत वर्ष 2030 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ाने की योजना पहले से ही बना रहा है, मगर ऐसा करने के लिये 293 बिलियन डॉलर की जरूरत पड़ेगी। वैश्विक थिंक टैंक ‘एम्बर’ की एक नयी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। विश्लेषण मे पाया गया है कि भारत…

वार्मिंग को 2.5-2.9°C तक रोकने के लिए मौजूदा से अधिक प्रयास ज़रूरी
एक कड़ी चेतावनी देते हुए, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नवीनतम एमिशन गैप रिपोर्ट दुनिया के तमाम देशों के लिए वर्तमान पेरिस समझौते के वादों से परे अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने की अनिवार्यता को साफ़ करती है। ऐसा करने में विफल रहने पर सदी के अंत तक वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 2.5-2.9…

वैश्विक रिन्यूबल एनेर्जी दौड़ में एशिया अव्वल
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दुनिया भर में रिन्यूबल एनेर्जी को प्राथमिकता देने के मामले में एशिया सबसे तेज़ खिलाड़ी के तौर पर उभर रहा है। एशिया में इस क्षेत्र में निवेश में सालाना 23% की प्रभावशाली वृद्धि हो रही है, जो कि ज़ीरो कार्बन एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार $ 345 बिलियन की एक आश्चर्यजनक…

गर्मी से होने वाली मौतों में भीषण इज़ाफ़े की संभावना: द लैंसेट काउंटडाउन
विश्व विख्यात मेडिकल जर्नल द लैंसेट की एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस सदी के मध्य तक वैश्विक स्तर पर गर्मी से संबंधित मौतों में 4.7 गुना इज़ाफ़ा होने की संभावना है। द लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज की 8वीं वार्षिक रिपोर्ट में, सीधे तौर पर कहा गया है…

ग्लोबल वार्मिंग की 1.5°C की सीमा ख़तरे में, सरकारों का फ़ोस्सिल फ्यूल उत्पादन दोगुना करने का इरादा
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित एक प्रमुख नई रिपोर्ट में पाया गया है कि दुनिया के विभिन्न देशों की सरकारें 2030 में ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिये निर्धारित अधिकतम सीमा से लगभग 110% अधिक जीवाश्म ईंधन का उत्पादन करने की योजना बना रही हैं। दो डिग्री सेल्सियस के लिहाज से देखे तो वे 69% अधिक जीवाश्म…