दुनियाभर के कारोबारी बोले – अब नहीं रुकेगा सौर-हवा का सफर, 2035 तक चाहिए सिर्फ़ रिन्यूएबल बिजली एक नए वैश्विक सर्वे में दुनिया के 15 देशों के बिज़नेस लीडर्स ने साफ़ कहा है – अब फॉसिल फ्यूल्स से हटकर रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ तेज़ी से बढ़ना वक्त की ज़रूरत है। ये सर्वे दुनिया भर की…
Category: जलवायु नीति

बिल्डिंग से ज़्यादा अब बात मलबे की है — और सरकार ने ये बात अब क़ानून बना दी है।
मयूरी अब अगर आपने कोई बिल्डिंग गिराई या नया प्रोजेक्ट शुरू किया है, तो “क्या करेंगे मलबे का?” इस सवाल का जवाब आपके पास होना चाहिए — और वो भी लिखित में! दरअसल सरकार ने हाल ही में Construction and Demolition Waste Management Rules, 2024 लागू कर दिए हैं, जो 1 अप्रैल 2026 से ज़मीन…

“ट्रम्प के टैरिफ्स: ग्लोबल ट्रेड में भूचाल, क्या भारत के लिए छिपा है एक मौका?”
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की एक सिग्नेचर ने फिर दुनिया भर के व्यापार समीकरणों को हिला कर रख दिया है। 2 अप्रैल को व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से ट्रम्प ने ‘लिबरेशन डे’ की घोषणा करते हुए करीब 60 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ्स लगाने का एलान किया। इस कदम ने ग्लोबल मार्केट्स में…

बढ़ती गर्मी, बढ़ती AC की मांग: क्या ऊर्जा-कुशल AC भारत को बिजली संकट से बचा सकते हैं?
भारत में इस साल गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ने की ठान ली है। मार्च में ही तापमान 40°C के पार जा चुका है, और आने वाले महीनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। भीषण लू और उमस भरी गर्मी से बचने के लिए AC की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन यह बढ़ती मांग बिजली…

IPCC की बैठक शुरू, लेकिन अमेरिका नदारद—वैश्विक जलवायु सहयोग पर उठे सवाल
हांगझोउ, चीन में इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) का 62वां पूर्ण सत्र शुरू हो चुका है, जिसमें जलवायु परिवर्तन पर सातवीं आकलन रिपोर्ट (AR7) और कार्बन डाइऑक्साइड रिमूवल टेक्नोलॉजीज पर रिपोर्ट तैयार करने का खाका तय किया जाएगा। इस बैठक में 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, लेकिन अमेरिका की गैरमौजूदगी ने वैश्विक…

बजट 2025: एमएसएमई के लिए जलवायु वित्त को मजबूत करने की दिशा में कदम
नमिता विकास, संस्थापक और प्रबंध निदेशक, ऑक्टस ईएसजीस्वप्ना पाटिल, प्रबंधक, इंडिया, एसएमई क्लाइमेट हब एमएसएमई: अर्थव्यवस्था की रीढ़ और जलवायु परिवर्तन की चुनौती छोटे और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी होते हैं। भारत में इनका योगदान जीडीपी का 30% है। 2025-26 के केंद्रीय बजट में एमएसएमई को बढ़ावा…

सिक्किम की नदियाँ खतरे में!
तेस्ता-III परियोजना पर वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन और लोकतांत्रिक निर्णय की माँग जब भी उत्तर-पूर्वी भारत की बात होती है, तो अक्सर उसकी अनदेखी कर दी जाती है। यहाँ की समस्याएँ, यहाँ की आवाज़ें देश के मुख्यधारा विमर्श में शामिल नहीं हो पातीं। लेकिन सिक्किम की नदियों और ग्लेशियरों से जुड़ा यह मुद्दा सिर्फ़ राज्य तक सीमित…

जलवायु परिवर्तन कर रहा वैलेंटाइंस डे से चॉकलेट की मिठास कम
वैलेंटाइंस डे आते ही सबसे पहले क्या याद आता है? प्यार, गले लगना, और… चॉकलेट! लेकिन जलवायु परिवर्तन के चलते यह मीठी परंपरा खतरे में है। पश्चिम अफ्रीका, जहां दुनिया की 50% से ज्यादा कोको की खेती होती है, वहां बढ़ता तापमान और अनियमित बारिश किसानों को तबाह कर रही है। चॉकलेट पर जलवायु परिवर्तन…

बजट 2025: हरित विकास की दिशा में एक और कदम
केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत की सस्टेनेब्ल डेवेल्प्मेंट यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए कई अहम घोषणाएँ की गई हैं। सरकार ने साफ ऊर्जा, घरेलू उत्पादन और कृषि को मजबूती देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। इस बजट को करदाताओं के अनुकूल बताया जा रहा है, जिसमें कई ऐसे प्रावधान हैं जो क्लीन एनर्जी…

शहर, जलवायु परिवर्तन और डॉ. अंजल प्रकाश का नज़रिया
Climate कहानी “आपने कभी सोचा है, शहर सिर्फ ईंट-पत्थर की इमारतों और भीड़-भाड़ वाले बाजारों का नाम नहीं हैं। ये ज़िंदगियों के सपनों का कैनवास हैं। लेकिन ये सपने, जिनमें हम और आप जीते हैं, आज जलवायु परिवर्तन के साये में हैं। और एशिया के शहर तो इस बदलाव के केंद्र में खड़े हैं।” ये…