ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को रफ्तार देते हुए हाल ही में भारत सरकार ने 400 करोड़ रुपये की लागत वाला एक आर एण्ड डी (अनुसंधान एवं विकास) रोडमैप पेश किया है। साथ ही, भारत ने साल 2030 तक सालाना पांच मिलियन मैट्रिक टन (एमएमटी) ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है। लेकिन इस बीच…
Category: जलवायु नीति

साल 2030 तक सड़कों पर होंगी दस गुना इलैक्ट्रिक कारें: वर्ल्ड एनेर्जी आउटलूक 2023
ऊर्जा जगत में साल 2030 तक बहुत कुछ बदलने वाला है। और यह बदलाव होगा मौजूदा नीतियों के चलते। वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक की ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो आने वाले कुछ सालों में सड़कों पर लगभग 10 गुना अधिक इलेक्ट्रिक कारें होंगी, और रिन्यूबल एनेर्जी सोरसेज़ दुनिया के ऊर्जा स्रोतों का लगभग आधा हिस्सा बनाएंगे।…

‘कॉप 28 में हो साल 2030 तक रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता को तीन गुना करने का लक्ष्य निर्धारित’
एनेर्जी ट्रांज़िशन में तेजी लाने और जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए पिछले हफ्ते जी20 देशों के नेताओं ने वर्ष 2030 तक वैश्विक रिन्युब्ल एनेर्जी उत्पादन क्षमता को तीन गुना करने का संकल्प व्यक्त किया है। इसके मद्देनज़र ग्लोबल रीन्यूअल अलायंस (जीआरए) ने 200 से ज्यादा संगठनों की तरफ से एक ओपेन लेटर तैयार…

G20 बैठक संपन्न, दुनिया ने देखी भारत की कूटनीतिक जीत, जलवायु नेतृत्व
निशान्त रविवार को दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा को G20 की गैवेल दिये जाने के साथ ही इस महत्वपूर्ण बैठक का समापन हुआ और इसकी अध्यक्षता का हस्तांतरण भी। अगली G20 बैठक ब्राज़ील में होगी। फिलहाल बात दिल्ली में…

संयुक्त राष्ट्र: वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ‘प्रगति अब भी अपर्याप्त’
संयुक्त राष्ट्र ने 2015 के ऐतिहासिक पेरिस समझौते के बाद से जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक प्रगति का अपना पहला आधिकारिक मूल्यांकन जारी करते हुए दुनिया को एक चेतावनी सी दी है। यह मूल्यांकन रिपोर्ट सीधे तौर पर कहती है कि पेरिस समझौते के वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5C तक सीमित करने के लक्ष्य को पूरा…

जी 20 और जलवायु: भारत दिखाएगा अपनी करिश्माई नीति निर्माण शक्ति
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारत की सरकार ने साल 2021 में पूरी दुनिया को तब चौंका दिया था जब हमारे प्रधानमंत्री ने देश को साल 2070 तक नेट जीरो राष्ट्र बनाने की योजना का ऐलान कर दिया था.इस घोषणा का असर कुछ ऐसा हुआ कि अब जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के जोखिमों से घिरी अर्थव्यवस्थाओं को कर्ज देने…

आक्रामक विदेशी प्रजातियों की घुसपैठ से दनिया भर में जैव विविधता को हो रहा ख़तरा: IPBES
जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर आधारित अंतर सरकारी मंच यानी इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन बायोडायवर्सिटी एंड इकोसिस्टम सर्विसेज (आईपीबीईएस) ने आज एक नई रिपोर्ट- ‘द असेसमेंट रिपोर्ट आन इनवेसिव एलियन स्पेशीज एंड देयर कंट्रोल’ जारी की है। इस रिपोर्ट में घुसपैठ करने वाली आक्रामक विदेशी प्रजातियों को दुनिया भर में जैव विविधता को हो…

छोटे उद्योग करते हैं 110 मिलियन टन CO2/वर्ष का एमिशन; यह टूल करेगा स्थिति से निपटने में मदद
भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) देश की जीडीपी का 30% हिस्सा हैं और 110 मिलियन से अधिक श्रमिकों को रोजगार देते हैं। लेकिन सामूहिक रूप से, अर्थव्यवस्था की गाड़ी खींचने वाले यह छोटे इंजन, प्रति वर्ष, लगभग 110 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड भी उगलते हैं। यह आंकड़ा भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्य…

जी20 लीडर्स समिट में भारत के पास वित्तीय सुधारों के मामले में उभरने का मौका
भारत की अध्यक्षता में जी20 देशों की ऊर्जा, जलवायु एवं पर्यावरण से सम्बन्धित बैठकें पिछले महीने सम्पन्न हुईं। इन बैठकों में एक व्यापक श्रंखला रूपी मसलों का हल निकालने के लिये कड़ी मेहनत की गयी जिनसे यह तय होगा कि देशों का यह समूह क्या ऊर्जा और वित्त रूपी दो प्रमुख पहलुओं के इर्द-गिर्द खड़े…

फ़ोसिल फ़्यूल सब्सिडी को रिन्यूबल एनेर्जी में निवेशित कर G20 निपट सकता है जलवायु परिवर्तन से
आज जारी एक रिपोर्ट से पता चलता है कि जी20 देशों की फ़ोसिल फ़्यूल सब्सिडी को रिन्यूबल एनेर्जी स्रोतों में निवेश की ओर पुनर्निर्देशित करने से न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिल सकती है, बल्कि भूख, ऊर्जा पहुंच और पर्यावरण प्रदूषण जैसे वैश्विक मुद्दों का भी समाधान हो सकता है। रिपोर्ट आगामी जी20 नेताओं के…