भारत की मेजबानी में इस साल गोवा में चौथी G20 एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप (ETWG) की बैठक आयोजित की गयी। उम्मीद थी कि इस बैठक के नतीजे दुनिया को प्रदूषण मुक्त ऊर्जा व्यवस्था की ओर बढ्ने में मदद करेंगे। मगर इस बैठक के बाद यह साफ़ हो गया कि इसका नतीजा दुनिया की उम्मीदों से…
Category: जलवायु नीति

सिर्फ सेल्फ़ी के लिए नहीं, अब पौधे ग्रीन क्रेडिट के लिए लगाएँ
भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (जीसीपी)’ कार्यान्वयन नियमों के मसौदे को सार्वजनिक करते हुए एक बेहतर और पर्यावरण हित में एक साहसिक कदम उठाया है। इस अभूतपूर्व पहल का उद्देश्य एक प्रतिस्पर्धी बाज़ार का लाभ उठाते हुए उसमें शामिल विभिन्न हितधारकों द्वारा स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों को प्रोत्साहित…

जानिए क्यों है भारत का इस खनिज क्लब में शामिल होना ख़ास
इधर भारत अमेरिका की अगुआई वाली खनिज सुरक्षा साझेदारी (एमएसपी) में शामिल हुआ और उधर मुंबई की एप्सिलॉन एडवांस्ड मैटेरियल्स (ईएएम) अमेरिका में बैटरी सामग्री इकाई स्थापित करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के ठीक बाद हुई यह घोषणा विशेष महत्व रखती…

क्या नई वैश्विक वित्त प्रणाली की ओर पहला कदम बनेगा पेरिस शिखर सम्मेलन?
पेरिस में सम्पन्न हुई समिट फॉर न्यू ग्लोबल फाइनेंसिंग पैक्ट को दुनिया की सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं से जुड़े नियमित जलवायु सम्मेलन (सीओपी), जी7 और जी20 सम्मेलनों के अलावा एक और अंतरराष्ट्रीय बैठक के रूप में देखा जा सकता है। मगर इसमें कुछ खास था और इससे कई उम्मीदें भी बंधती दिखती हैं। पेरिस ने इस…

जलवायु परिवर्तन डाल रहा है हीटवेव की आग में घी, रियल टाइम एट्रिब्यूशन से हुआ खुलासा
एक नए विश्लेषण से मानव-जनित जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं की तीव्रता के बीच एक परेशान करने वाले संबंध का पता चला है। क्लाइमेट सेंट्रल के इस विश्लेषण की मानें तो 14-16 जून, 2023 के बीच पूरे उत्तर प्रदेश में चलने वाली तीन दिन रही मारक हीटवेव की संभावना जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण कम…

गरीबी, जलवायु संकट से निपटने पर आम सहमति के लिए वैश्विक नेता होंगे पेरिस में एकत्रित
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन नकी मानें तो जून 22 और 23 को होने वाली समिट फॉर आ न्यू ग्लोबल फ़ाइनेंष्यल पेक्ट का उद्देश्य गरीबी, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसी परस्पर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक “नई आम सहमति” स्थापित करना है। इस शिखर सम्मेलन में शिपिंग, जीवाश्म ईंधन और वित्तीय लेनदेन के कराधान सहित विभिन्न…

हर साल 1.5 TW नई विंड और सोलर क्षमता जुड़ने से 2030 तक लग सकती है ग्लोबल वार्मिंग पर लगाम
एक नए विश्लेषण से यह पता लगता है कि कार्बन डाइऑक्साइड रिमूवल (सीडीआर) तकनीक के कम से कम इस्तेमाल और सस्टेनेबिल तरीक़े को अपनाकर अगर हम ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना चाहते हैं तो 2030 तक पांच गुना तेज़ दर से हमें 1.5 टेरा वाट (TW) नई विंड और सोलर ऊर्जा क्षमता को स्थापित करने की ज़रुरत है। वैश्विक पवन और सौर क्षमता को इस दशक के अंत तक लगभग 10 TW तक बढ़ाने की ज़रुरत है। साल 2022…

बिना कानूनी बाध्यता के मौजूदा नेट ज़ीरो संकल्पों से दुनिया नहीं हासिल कर पाएगी जलवायु लक्ष्य
प्रतिष्ठित जर्नल साइंस में प्रकाशित, इंपीरियल कॉलेज लंदन के नेतृत्व में हुए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि जब तक कानूनी रूप से और अधिक बाध्यकारी और सुनियोजित नेट ज़ीरो नीतियाँ नहीं होंगी, दुनिया के तमाम देश अपने प्रमुख जलवायु लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएंगे। शोधकर्ताओं ने पाया कि वैश्विक स्तर पर…

डीसेंट्रालाइज्ड सोलर बढ़ा सकता है किसानों की आय, कर सकता है भारत की जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में मदद
एक नयी रिपोर्ट के अनुसार सरकार की, प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के तहत डीसेंट्रालाइज्डया विकेंद्रीकृत सौर संयंत्रों के प्रयोग से न सिर्फ किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है, बल्कि भारत को 2030 तक गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता का 50% तक पहुंचने में मदद मिलने के साथ बिजली वितरण…

ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर भारत में 82 प्रतिशत लोग सतर्क और चिंतित
इनमे से अधिकांश लोग जलवायु और ऊर्जा नीतियों के पक्ष में सतर्क, चिंतित ,और फिक्रमंद हैं येल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन और सीवोटर इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में एक बड़ी संख्या में जनता ग्लोबल वार्मिंग के बारे में चिंतित है।‘ग्लोबल वार्मिंग्स फ़ोर इंडियाज़, 2022’ के शीर्षक की यह रिपोर्ट चार…