हर साल जब साइबेरिया से हज़ारों किलोमीटर उड़कर पक्षी भारत की नदियों और तालाबों पर उतरते हैं, जब हाथियों के झुंड जंगलों से गुज़रते हुए नए चरागाह तलाशते हैं, या जब व्हेलें समुद्रों के रास्ते लंबी यात्रा करती हैं-ये सब हमें बताते हैं कि प्रकृति में कितना गहरा संतुलन है। लेकिन अब यही संतुलन जलवायु…
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जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य को जोड़ने वाला IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक
वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का नुकसान, पानी की कमी, भोजन की असुरक्षा, स्वास्थ्य पर बढ़ते खतरे और जलवायु परिवर्तन—यह सभी एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। लेकिन अब तक, इन्हें अलग-अलग मुद्दों के रूप में देखा गया और सुलझाने का प्रयास किया गया। 17 दिसंबर 2024…