जी20 शेरपा, श्री अमिताभ कांत के अनुसार, दो मुख्य समस्याएं हैं जो बड़े पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना और इसकी लागत को कम करना कठिन बनाती हैं। पहली समस्या है कि लंबी अवधि के ऋण देने में सहायता के लिए पर्याप्त नए वित्तीय उपकरण नहीं हैं। और दूसरी समस्या है कि फ्री ट्रेड…
Category: जलवायु नीति
इन कंपनियों के जलवायु वादे दिखाते कम, छिपाते ज़्यादा हैं
एक रिपोर्ट की मानें तो दुनिया की 24 सबसे बड़ी तथाकथित “क्लाइमेट लीडर” कंपनियों की जलवायु रणनीतियाँ पूरी तरह से अपर्याप्त हैं और अस्पष्टता से घिरी हुई हैं। इन कंपनियों की लंबी अवधि की नेट ज़ीरो प्रतिज्ञाएँ इस बात से ध्यान भटकाती हैं कि 2030 के लिए इनके जलवायु लक्ष्य 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान सीमा…
सब्ज़ स्याही से लिखा गया है बजट 2023
बजट का नाम सुनते ही अमूमन हमें सबसे पहले याद आता है इन्कम टैक्स. फिर चर्चा होती है क्या सस्ता हुआ क्या महंगा, और उसके बाद फिक्र होती है कहाँ क्या विकास होगा और शिक्षा, स्वास्थ्य, और रक्षा जैसे बुनियादी क्षेत्रों पर सरकार कितना खर्चा कर रही है.केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश किया जा चुका है. यह बजट कुछ अलग है….
COP28 का अध्यक्ष बन क्या तेल कंपनी के सीईओ कर पाएंगे जलवायु चिंताओं के साथ इंसाफ?
अभी संयुक्त राष्ट्र की 27वीं जलवायु सम्मेलन की चर्चा खत्म ही हुई थी कि उसकी 28वीं बैठक सुर्खियों में है. मगर ये सुर्खियां कम और विवाद ज़्यादा है. दरअसल अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) के सीईओ सुल्तान अहमद अल जाबेर को इस साल के अंत में दुबई में होने वाली COP28 वैश्विक जलवायु वार्ता के अध्यक्ष के रूप में…
नेट ज़ीरो एनेर्जी ट्रांज़िशन ही ऊर्जा संकट का समाधान
कोलम्बिया सेंटर ऑन सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट (सीसीएसआई) ने आज रेन्युबल ऊर्जा में निवेश के कारकों और उसमें आने वाली बाधाओं पर आधारित अपनी दो नयी रिपोर्टें पेश कीं। पहली रिपोर्ट, ‘स्केलिंग इन्वेस्टमेंट इन रीन्यूएबल एनर्जी जेनरेशन टू अचीव सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स 7 (अफोर्डेबल एण्ड क्लीन एनर्जी) एण्ड 13 (क्लाइमेट एक्शन) एण्ड द पैरिस एग्रीमेंट : रोडब्लॉक्स एण्ड ड्राइवर्स, ससटेनेबल एनेर्जी क्षेत्र…
यह राज्य होगा भारत से पहले नेट जीरो
जिस दिन तमिलनाडु चक्रवात मंडौस के तट पर दस्तक देने की तैयारी कर रहा था, ठीक उसी दिन राज्य सरकार ने तमिलनाडु जलवायु परिवर्तन मिशन के शुभारंभ के साथ जलवायु लचीलापन की दिशा में काम करने की अपनी तैयारियों और प्रतिबद्धता पर फिर से जोर दिया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने भाषण में कहा, “कई देशों ने घोषणा की…
कॉप 27: कमज़ोर देशों के हितों के लिए हुआ एहम फैसला, नहीं दिखी एमिशन पर रोक के लिए खास कार्यवाई
संयुक्त राष्ट्र की 27वीं जलवायु वार्ता, या कॉप 27, आज मिस्र में समाप्त हुई। जहां एक ओर इस सम्मेलन में जलवायु संकट के सबसे कमजोर लोगों पर असर को कम करने पर अहम फैसले लिए गए, वहीं इस वार्ता में ग्लोबल वार्मिंग के कारणों को दूर करने के लिए कुछ खास देखने या सुनने को…
नेट जीरो पर स्पष्टता के लिए आईएसओ ने किए वैश्विक दिशानिर्देश जारी
तमाम वैश्विक संस्थानों और सरकारों के लिए नेट ज़ीरो लक्ष्य हासिल करने को सुगम बनाते हुए इंटेरनैशनल स्टैंडर्ड्ज ऑर्गनाइज़ेशन, आईएसओ, ने आज बहुप्रतीक्षित नेट जीरो दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं। जो बात इस घटनाक्रम को खास बनाती है वो है कि 1,200 से अधिक संगठन और विशेषज्ञ केवल तीन महीनों में एक आम सहमति वाली प्रक्रिया…
वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2022: वैश्विक ऊर्जा संकट खोल सकता है स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और खपत के रास्ते
आईईए के वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक (World Energy Outlook) के ताजा संस्करण के मुताबिक युक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई के कारण उत्पन्न हुआ वैश्विक ऊर्जा संकट गहरे और लम्बे वक्त तक बरकरार रहने वाले बदलावों की वजह बन रहा है। इन परिवर्तनों में ऊर्जा प्रणाली में अधिक टिकाऊ और सुरक्षित रूपांतरण को तेज करने की क्षमता रखते हैं। …
जलवायु कार्यवाही की रफ़तार सुस्त, बंद कर रही सुधार के दरवाजे: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र की आज जारी एमिशन्स गैप रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2021 में ब्रिटेन के ग्लासगो में हुए सीओपी26 में सभी देशों द्वारा अपने नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशंस (एनडीसी) को और मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किये जाने और राष्ट्रों द्वारा कुछ अपडेटेड जानकारी दिये जाने के बावजूद प्रगति के मोर्चे पर बुरी तरह नाकामी…