जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सबसे महत्वाकांक्षी सरकारी योजनाओं में से एक, यूरोपीय संघ की ग्रीन डील साल 2050 तक यूरोपीय देशों के इस समूह की अर्थव्यवस्था को नेट ज़ीरो उत्सर्जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से बनी नीतियों का एक सेट है। यह अपनी तरह की एक अनूठी और पहली पहल है। लेकिन किसी…
Tag: air pollution

भारत का नेट-ज़ीरो होना संभव, लेकिन जटिल भी!
जिस जलवायु परिर्वतन को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, उसे जो बिडेन के नेतृत्व में अमेरिका की ओर से दुनिया की सबसे बड़ी प्राथमिकता के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसी सिलसिले में जॉन केरी, जो कि जो बाइडेन के क्लाइमेट दूत हैं, तीन…

ट्रम्प के नेतृत्व में ओबामा काल से ज़्यादा कोयला बिजली प्लांट हुए रिटायर
भले ही डोनाल्ड ट्रम्प पेरिस समझौते से अमेरिका को बाहर निकालने के लिए पर्यावरण विरोधी कहे जाते हों, लेकिन ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि बराक ओबामा के आख़िरी शासन काल के मुकाबले ट्रम्प के शासन काल में ज़्यादा क्षमता के कोयला बिजली संयंत्रों को रिटायर किया गया।वहीँ चीन में साल 2020 में 38.4 गीगावॉट के…

कारोबार पर जलवायु परिवर्तन का असर साफ़ ज़ाहिर, डीकार्बोनाइज़ेशन के लिए समय मुफ़ीद
भारत का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला राज्य महाराष्ट्र भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक केंद्रों में से एक है। इस राज्य ने देश के सामाजिक और राजनीतिक विकास और बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।फ़िलहाल ये राज्य कोविड से जूझता नज़र आ रहा है लेकिन इस बीच यहाँ से जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ लड़ाई के सन्दर्भ…

पर्यावरण की बेहतरी के नाम पर कहीं कार्बन न्यूट्रल एलएनजी छलावा तो नहीं?
आजकल आयल और गैस के क्षेत्र में एक नया ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। और ये है कार्बन न्यूट्रल एलएनजी का। शेल और गैज़प्रोम जैसी कम्पनियों ने यूरोप में पहला कार्बन न्यूट्रल एलएनजी कार्गो बेचने का दावा भी किया है। उधर जापान में 15 गैस खरीदारों ने इस ईंधन की खरीद को बढ़ावा देने के…

रिन्युब्ल एनेर्जी के बैटरी स्टोरेज को व्यावहारिक बनाने की स्पष्ट नीति जरूरी
परम्परागत कोयला बिजलीघरों के कारण बढ़ते प्रदूषण से उत्पन्न चिंताओं के बीच वैश्विक स्तर पर आशा की किरण के रूप में उभरी सौर और वायु ऊर्जा अपने साथ कुछ चुनौतियां भी लेकर आयी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की अक्षय ऊर्जा के स्टोरेज और उसके समझदारी से इस्तेमाल की स्पष्ट नीति नहीं…

जलवायु आपातकाल रोकने के लिए CO2 उत्सर्जन कटौती दर में दस गुना वृद्धि ज़रूरी
भले ही तमाम देश कार्बन उत्सर्जन में कटौती का दम भर रहे हैं , लेकिन असलियत ये है कि उनकी इस कटौती की दर में दस गुना बढौतरी की ज़रूरत है। दरअसल एक नए शोध से पता चलता है कि भले ही 2016-2019 के दौरान 64 देशों ने अपने CO2 उत्सर्जन में ख़ासी कटौती की, लेकिन जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस समझौते…

सड़क पर लगी ये अनोखी दीवार, करेगी वायु प्रदूषण पर वार
निशान्त इम्पीरियल कॉलेज लन्दन के शोध कर्ताओं ने सड़क पर वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने, और सड़क किनारे रहने, चलने वालों के लिए वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए बनायी ये अनूठी अवरोधक घुमावदार बैरियर दीवार सड़क पर बैरियर या अवरोधक का ज़िक्र होते ही ख्याल आता है उन स्पीड ब्रेकर्स का जो…

इस टाउन हॉल में मिले एयर पोल्यूशन के सल्यूशन
टाउन हॉल कार्यक्रम के माध्यम से आयोजित क्लाइमेट रेसिलियंट महाराष्ट्र (जलवायु के लिहाज से सतत महाराष्ट्र) का उद्देश्य आम नागरिकों, सरकारी इकाइयों, गैर सरकारी संगठनों और शोधकर्ताओं समेत विभिन्न हितधारकों के बीच एक आंदोलन खड़ा करने का है। इन सभी हितधारकों ने मंगलवार 2 मार्च 2021 को आयोजित इस वर्चुअल कार्यक्रम में पर्यावरण पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाले पहलुओं पर समावेशी और…

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में वृक्षारोपण हुआ फेल
लेकिन लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट (LIFE) की ताज़ा विश्लेषण रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2019 में एनसीएपी (NCAP) के तहत आगरा और वाराणसी में हुए वृक्षारोपण के विश्लेषण में पाया कि उत्तर प्रदेश के इन दोनों शहरों में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत किए गए पौधा रोपण, सही तरीके से न किये जाने के कारण अप्रभावी हैं।