संयुक्त राष्ट्र की आज जारी एमिशन्स गैप रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2021 में ब्रिटेन के ग्लासगो में हुए सीओपी26 में सभी देशों द्वारा अपने नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशंस (एनडीसी) को और मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किये जाने और राष्ट्रों द्वारा कुछ अपडेटेड जानकारी दिये जाने के बावजूद प्रगति के मोर्चे पर बुरी तरह नाकामी…
Tag: climate action

जलवायु परिवर्तन की ग्लोबल लड़ाई में उत्तर प्रदेश के लोकल हमले की होगी अब वैश्विक चर्चा
जलवायु परिवर्तन की वैश्विक लड़ाई में स्थानीय कार्यवाही की प्रासंगिकता को लगातार सिद्ध करने के लिए भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग को वैश्विक पटल पर अपने नवाचारों को पूरी दुनिया के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत करने का एक मौका देना का फैसला किया है।दरअसल, उत्तर प्रदेश…

प्रश्न जलवायु का, उत्तर प्रदेश में!
निशान्त जब ग्लासगो में प्रधान मंत्री मोदी ने COP 26 के दौरान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ़ वैश्विक जंग के संदर्भ में अंग्रेज़ी के शब्द LIFE के अक्षरों में छिपे एक मंत्र ‘लाइफ़स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ का उल्लेख किया था, तब वो महज़ उनके चिर-परिचित अंदाज़ वाला शब्दों का खेल नहीं था।सोचने बैठिए तो पता चलेगा कि…

क्लाइमेट जस्टिस बने प्रायोरिटी टॉप, वरना COP जैसे मंच हैं फ्लॉप
मिस्र के शर्म-अल-शेख में आगामी नवम्बर में आयोजित होने जा रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी27) से पहले विशेषज्ञों ने क्लाइमेट जस्टिस पर खास जोर देते हुए कहा है कि अगर इस पहलू पर ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो सीओपी जैसे तमाम मंच बेमानी माने जाएंगे। सीओपी27 से पहले जलवायु परिवर्तन के कारण…

रिन्यूबल एनेर्जी क्षेत्र में महिला श्रम शक्ति में आई गिरावट
महामारी के बाद इस क्षेत्र में भारत ने वापसी की, मगर महिलाओं की भागीदारी अब तक के सबसे निचले स्तर पर डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूबल एनेर्जी (डीआरई/DRE) उद्योग में रोजगार से जुड़े एक सबसे व्यापक अनुसंधान से पता चलता है कि इस क्षेत्र में बढ़ती मांग के चलते हजारों औपचारिक और अनौपचारिक नौकरियों का सृजन हो रहा…

आधी हो सकती है बिजली की कीमत
अगर ऊर्जा क्षेत्र में कोयले पर निर्भरता चरणबद्ध तरीके से की जाती है कम तो साल 2050 तक हो सकती है बिजली की कीमत आधी एक नए वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि अगर भारत बिजली क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से अपनी कोयले पर निर्भरता कम करता है तो न सिर्फ साल 2040 की शुरुआत से…

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के अभाव से जलवायु लक्ष्यों के पिछड़ने व ‘नेट जीरो’ के दशकों तक विलंब होने का खतरा बढ़ा
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, विशेष रूप से वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए, पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डीकार्बोनाइजेशन में बहुत तेज प्रगति की आवश्यकता है। आज जारी ब्रेकथ्रू अजेंडा रिपोर्ट में साफ किया गया है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में कमी हुई तो न सिर्फ़…

इलेक्ट्रिक डिलिवरी वाहन वायु प्रदूषण निपटान में हो सकते हैं कारगर
सस्टेनेबल मोबिलिटी नेटवर्क और सीएमएसआर कंसल्टेंट्स के एक ताजा सर्वे से जाहिर हुआ है कि उपभोक्ता वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ई-कॉमर्स तथा डिलीवरी कंपनियों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाते हुए देखना चाहते हैं।यह सर्वे मुंबई, पुणे, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु तथा चेन्नई जैसे छह बड़े शहरों में 9048 उपभोक्ताओं…

भारत का नेट ज़ीरो होना रोज़गार सृजन के साथ देगा अर्थव्यवस्था को मज़बूती
गेटिंग एशिया टू नेट जीरो से संबंधित हाई लेवल पॉलिसी कमिशन का कहना है कि भारत जलवायु से संबंधित अपनी संकल्पबद्धताओं को पूरा करके और उन्हें बढ़ाकर वित्त संबंधी जोखिमों को खत्म कर सकता है और स्वच्छ ऊर्जा में रूपांतरण को बहुत बेहतर बना सकता है। एक ताजा अध्ययन के मुताबिक प्रदूषणकारी तत्वों के उत्सर्जन…

न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन के लिए यह ज़िला बन सकता है मिसाल
उड़ीसा का एक ज़िला है अंगुल। यह ज़िला देश के 12% कोयला उत्पादन के लिए जिम्मेदार है और यहाँ उड़ीसा के कुल कोयला उत्पादन का 56 प्रतिशत कोयला उत्पादित होता है।इस ज़िले की देश के कोयला उत्पादन में भूमिका के दृष्टिगत, इंटरनेशनल फॉरम फॉर एनवायरनमेंट , सस्टेनेबिलिटी, एंड टेक्नालजी या iForest ने एक मूल्यांकन किया…