प्रधान मंत्री मोदी जिस आत्मनिर्भरता की मदद से देश के विकास की बात करते हैं, अगर उस आत्मनिर्भरता का पाठ यूरोप ने पढ़ा होता तो आज वो इस मुश्किल में न फंसा होता। यूरोप के तमाम विकसित देश अक्सर भारत जैसे विकासशील देशों पर अधिक कार्बन एमिशन का आरोप लगाते हैं और उम्मीद करते हैं…
Tag: climate change
सिर्फ बाज़ार-आधारित खाद्य सुरक्षा के लिए नहीं है प्रकृति, मूल्य शृंखला में 50 से अधिक घटक हैं मौजूद
जिस तरह से राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों में प्रकृति को महत्व दिया जाता है, वह वैश्विक जैव विविधता संकट का न सिर्फ एक प्रमुख घटक है बल्कि इसे संबोधित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। यह कहना है दुनिया के 82 शीर्ष वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का एक चार साल के मूल्यांकन के बाद। आईपीबीईएस की…
सिर्फ़ सर्दियों में नहीं, गर्मियों में भी वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या
जहां आमतौर पर यह माना जाता है कि वायु प्रदूषण सर्दियों के दौरान होने वाली समस्या है, वहीं 10 शहरों के गर्मियों के दौरान जुटाये गए सरकारी डाटा पर नज़र डालें तो पता चलता है कि गर्मियों के महीनों में पीएम2.5 और पीएम10 के प्रति माह स्तर इन ज्यादातर महीनों में क्रमशः 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की…
जी 7 ने बढ़ाया भारत के लिए हाथ, देगा न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन में साथ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जर्मनी में हुए जी-7 सम्मेलन में मौजूदगी ने जहां एक ओर दुनिया के पटल पर भारत की प्रासंगिकता को एक बार फिर साबित किया, वहीं प्रधानमंत्री ने इस वैश्विक मंच का भरपूर फायदा उठाते हुए दुनिया को न सिर्फ़ शांति का संदेश दिया बल्कि यह भी साफ़ किया कि जलवायु गुणवत्ता के प्रति भारत का निश्चय उसके…
भ्रूण ने किया अपनी सरकार के खिलाफ़ जलवायु निष्क्रियता का मुक़दमा
जहां भारत में बड़े अपने तजुर्बों से नसीहत देते हैं कि कोर्ट-कचहरी और मुकदमेबाज़ी से बचना चाहिए, वहीं कोरिया से, इस नसीहत के ठीक उलट, एक हैरान करने वाली ख़बर आ रही है। दरअसल कोरिया में एक बीस हफ़्ते के भ्रूण ने अपनी सरकार की नीतियों के खिलाफ़ मुकदमा किया है। वादी का कहना है…
मॉनसून अनिश्चितता के चलते खाद्य सुरक्षा रणनीति पर पुनर्विचार ज़रूरी
भारत की अर्थव्यवस्था पर मानसून का निर्णायक प्रभाव पड़ता है। भारत की कृषि अर्थव्यवस्था अब भी काफी हद तक मॉनसून की गतिविधियों पर निर्भर करती है। भारत का 40% से ज्यादा बुआई क्षेत्र सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है। इस साल भारत में मानसून की आमद समय से हुई लेकिन रफ्तार पकड़ने…
भारत और बांग्लादेश में हुई अत्यधिक वर्षा और बाढ़ सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन के कारण
भारत के उत्तर-पूर्व के क्षेत्रों में हुई भारी मॉनसून की बारिश और नदियों में उसके बाद बढ़े जलस्तर के कारण हाल ही में भारत और बांग्लादेश में सीमा से सटे कुछ प्रमुख क्षेत्रों में बाढ़ आई। इसके चलते लाखों लोग फंसे हुए हैं और एक मानवीय संकट पैदा हो रहा है। देश और विदेश में…
खो दिया है दुनिया ने कोविड के बाद ग्रीन रिकवरी का मौका
जहां एक ओर इस बात की उम्मीद थी कि कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया भर में ग्रीन रिकवरी होगी, वहीं REN21 की रिन्यूएबल्स 2022 ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट (जीएसआर 2022) की मानें तो पता चलता है कि पृथ्वी ने यह मौका खो दिया है। यह रिपोर्ट एक स्पष्ट चेतावनी देती है कि वैश्विक स्तर पर क्लीन एनेर्जी…
बांग्लादेश दे रहा खाद्य सुरक्षा पर महंगी कोयला बिजली को तरजीह
जहां एक ओर खाद्य सुरक्षा दुनिया के लगभग सभी देशों की प्राथमिकता है, वहीं पड़ोसी देश बांग्लादेश से इस संदर्भ में एक हैरान करने वाली खबर आ रही है। दरअसल हाल ही में बांग्लादेश ने जीवाश्म ईंधन की बढ़ती लागत के कारण गरीबों के लिए खाद्य सब्सिडी को कम करने का फैसला लिया। इसी क्रम में ग्रोथवॉच इंडिया…
इस RWA’ संगठन ने नगर निगम चुनाव से पहले रखी बेहतर हवा और गवर्नेंस की मांग
देश के तमाम नागरिक संगठनों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए दिल्ली नगर निगम के आसन्न चुनाव से पहले देश की राजधानी के यूनाइटेड रेजिडेंट्स ज्वाइंट एक्शन (ऊर्जा) ने नगर निगम की नयी सरकार के लिये अपनी मांगों की सूची जारी की है। ऊर्जा देश की राजधानी के 2500 से ज्यादा रेजिडेंट्स वेलफेयर…