चीन दुनिया को हैरान करने से नहीं पीछे हटता। जब हम और आप कोविड से डरे सहमे लॉक डाउन में अपने और अपने प्रियजनों की कुशलता और स्वास्थ्य के लिए आशंकित थे, चीन के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति रची जा रही थी।दरअसल चीन ने अकेले साल 2020 में दुनिया की कुल अपतटीय पवन ऊर्जा, या…
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क्या कोविड बन गया कोयले का काल?
महामारी की वजह से जहाँ महीने की बिजली मांग में 20 फ़ीसद की कमी आयी, वहीँ बिजली क्षेत्र से कार्बन उत्सर्जन में 50 फ़ीसद तक की कमी दर्ज की गयी। निशान्त इस बात में दो राय नहीं कि कोरोना वायरस महामारी ने वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में गिरावट दर्ज की है। इस बात का इशारा पिछले…

पुराने पावर प्लांट्स की हो वैज्ञानिक तरीके से डीकमिशनिंग: एनजीटी
फ़िलहाल थर्मल पावर प्लांट को वैज्ञानिक तरीके से डीकमिशन, या चलन से बाहर, करने के कोई प्रभावी दिशानिर्देश मौजूद नहीं, बना हुआ है हानिकारक तत्वों के सही निस्तारण न होने का खतरा। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की चेन्नई स्थित दक्षिणी जोन की बेंच ने तमिलनाडु में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले एक थर्मल पावर प्लांट…

बिडेन ने पूरा किया वादा, अमेरिका फिर हुआ जलवायु संधि में शामिल
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पदभार सँभालने के बाद अपने कार्यकाल के पहले ही दिन वादे के मुताबिक़ अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते में वापस शामिल करने की घोषणा कर दी थी। और पदभार सँभालने के तीस दिन बाद, बीते शुक्रवार, 19 फरवरी, को जो बिडेन ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की आधिकारिक तौर पर पेरिस…

इस वजह से भारत में नहीं बन रहा जलवायु परिवर्तन एक सियासी मुद्दा!
निशान्त कभी सोचा है कोई मुद्दा सियासी कब बनता है? बात आगे बढे उससे पहले ज़रा समझ लेते हैं कि सियासत या राजनीति का मतलब होता क्या है और आख़िर मुद्दा किसे कहते हैं। तो जनाब ऐसा है कि जब किसी बात से सत्ता हासिल की जाये और फिर उस सत्ता का इस्तमाल उसी बात…

भारत की $500 बिलियन रिन्यूएबल एनेर्जी मार्किट पर दुनिया लगा रही है दांव
इस ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो भारत के रिन्यूएबल एनेर्जी और ग्रिड प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए ग्लोबल निवेशकों का एक बड़ा पूल तैयार है। वजह है भारत में इस क्षेत्र की असीमित संभावनाएं और अनुकूल परिस्थितियां जिनके चलते यहाँ सौर ऊर्जा टैरिफ में रिकॉर्ड गिरावट के साथ-साथ सोलर मॉड्यूल की लागत में कमी, कम ब्याज दर, और…

लगातार दूसरे साल देश में कोयला बिजली उत्पादन हुआ कम
भारत में कोयला आधारित बिजली उत्पादन में लगातार दूसरे साल गिरावट दर्ज की गयी है। साल 2018 से शुरू इस गिरावट की बड़ी वजह रही है सौर ऊर्जा का बढ़ता उत्पादन और परम्परागत बिजली की घटती मांग। ताज़ा आंकड़ा है साल 2020 का जब कोयला बिजली उत्पादन में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।…

दुनिया में ग्रीन रिकवरी के लिए कैटेलिस्ट बनेगा अमेरिका
ग्रीन स्टीमुलस इंडेक्स की ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो कोविड महामारी के दौरान और अमेरिका में बिडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद अब ऐसा माना जा सकता है कि दुनिया भर में ग्रीन रिकवरी की शुरुआत अमेरिका के नेतृत्व में हो सकती है। नेतृत्व से ज़्यादा यहाँ अमेरिका की भूमिका उत्प्रेरक या कैटेलिस्ट की होने वाली…

अनुकरणीय है ब्राज़ील के लोगों की जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में हार और जीत का फ़ैसला अगर कुछ करता है तो वो है जन सहभागिता और जन जागरूकता। अकेले सरकारें कुछ नहीं कर सकती जब तक आप और हम इस मुद्दे पर सरकार का साथ ण दें या सरकार पर सही फैसले लेने का दबाव न बनायें। ऐसा इसलिए…

उत्तराखंड की 85 फ़ीसद आबादी प्राक्रतिक आपदा से खतरे के मुहाने पर: रिपोर्ट
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (CEEW) द्वारा जारी एक स्वतंत्र विश्लेषण के अनुसार, उत्तराखंड में 85 प्रतिशत से अधिक जिले, जहाँ नौ करोड़ से अधिक लोगों के घर हैं, अत्यधिक बाढ़ और इसके संबंधित घटनाओं के हॉटस्पॉट हैं। यही नहीं, उत्तराखंड में चरम बाढ़ की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता 1970 के बाद से चार गुना बढ़ गई है। इसी तरह, भूस्खलन, बादल फटने, ग्लेशियल झील…