जिस रफ़्तार पर फ़िलहाल दुनिया चल रही है, उस रफ़्तार और इरादों से पैरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल कर पाना संभव नहीं और साथ ही, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के परिणामस्वरूप, वर्तमान उत्सर्जन योजनाओं के तहत, 2050 तक विश्व अर्थव्यवस्था 7-10% छोटी हो जाएगी और अगर कार्रवाई धीमी हुई तो दुनिया की जीडीपी 2050 तक 18% कम हो जाएगी। यह ख़ुलासा हुआ…
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कारोबार पर जलवायु परिवर्तन का असर साफ़ ज़ाहिर, डीकार्बोनाइज़ेशन के लिए समय मुफ़ीद
भारत का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला राज्य महाराष्ट्र भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक केंद्रों में से एक है। इस राज्य ने देश के सामाजिक और राजनीतिक विकास और बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।फ़िलहाल ये राज्य कोविड से जूझता नज़र आ रहा है लेकिन इस बीच यहाँ से जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ लड़ाई के सन्दर्भ…
इस किंग का 3 BHK का साम्राज्य है!
निशान्त बाज़ार और बाज़ारवाद!अमूमन लोग इन दोनों शब्दों को एक सा मान लेते हैं और इनके बीच के फ़र्क़ को मामूली मानते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे हिन्दू होना और हिंदुत्व की बात करना, एक माना जाता है। बाहरहाल, हिन्दू और हिंदुत्व के फ़र्क़ पर चर्चा फिर कभी।अब वापस आते हैं बाज़ार और बाज़ारवाद के…