ऊर्जा जगत में साल 2030 तक बहुत कुछ बदलने वाला है। और यह बदलाव होगा मौजूदा नीतियों के चलते। वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक की ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो आने वाले कुछ सालों में सड़कों पर लगभग 10 गुना अधिक इलेक्ट्रिक कारें होंगी, और रिन्यूबल एनेर्जी सोरसेज़ दुनिया के ऊर्जा स्रोतों का लगभग आधा हिस्सा बनाएंगे।…
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साल 2032 तक भारत की कुल बिजली उत्पादन वृद्धि में रिन्यूबल की होगी दो तिहाई हिस्सेदारी
एक ताजा अध्ययन के मुताबिक भारत अगर अपने रिन्यूबल एनेर्जी सम्बन्धी राष्ट्रीय लक्ष्यों को अगले 10 सालों में हासिल करता है तो बिजली उत्पादन में होने वाले कुल विकास का दो-तिहाई हिस्सा सौर और पवन ऊर्जा से आयेगा। थिंक टैंक एम्बर की इस रिपोर्ट के अनुसार अगर भारत 14वीं राष्ट्रीय बिजली योजना (एनईपी14) में निर्धारित अपने सौर ऊर्जा सम्बन्धी लक्ष्यों को…
रिन्यूबल एनेर्जी क्षेत्र में महिला श्रम शक्ति में आई गिरावट
महामारी के बाद इस क्षेत्र में भारत ने वापसी की, मगर महिलाओं की भागीदारी अब तक के सबसे निचले स्तर पर डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूबल एनेर्जी (डीआरई/DRE) उद्योग में रोजगार से जुड़े एक सबसे व्यापक अनुसंधान से पता चलता है कि इस क्षेत्र में बढ़ती मांग के चलते हजारों औपचारिक और अनौपचारिक नौकरियों का सृजन हो रहा…
वायु प्रदूषण पूरे देश की मानसून वर्षा में ला सकता है 10% -15% की कमी: IIT
जहाँ अब तक वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभावों को स्थापित किया गया है, वहां अब ताज़ा अनुसंधान और विशेषज्ञ बताते हैं कि वायु प्रदूषण अब भारत में मानसून की वर्षा को भी प्रभावित कर रहा है। ‘एंथ्रोपोजेनिक एरोसोल्स एंड द वीकनिंग ऑफ द साउथ एशियन समर’ नाम की एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़, वायु प्रदूषण मानसून…
यूँ ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो जलवायु परिवर्तन 18% तक घटाएगा वैश्विक GDP
जिस रफ़्तार पर फ़िलहाल दुनिया चल रही है, उस रफ़्तार और इरादों से पैरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल कर पाना संभव नहीं और साथ ही, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के परिणामस्वरूप, वर्तमान उत्सर्जन योजनाओं के तहत, 2050 तक विश्व अर्थव्यवस्था 7-10% छोटी हो जाएगी और अगर कार्रवाई धीमी हुई तो दुनिया की जीडीपी 2050 तक 18% कम हो जाएगी। यह ख़ुलासा हुआ…
कार्बन-सघन वस्तुओं के आयात को दंडित करेगा यूरोपीय संघ, प्रस्तावित नियम को लेकर विशेषज्ञों में संशय
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सबसे महत्वाकांक्षी सरकारी योजनाओं में से एक, यूरोपीय संघ की ग्रीन डील साल 2050 तक यूरोपीय देशों के इस समूह की अर्थव्यवस्था को नेट ज़ीरो उत्सर्जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से बनी नीतियों का एक सेट है। यह अपनी तरह की एक अनूठी और पहली पहल है। लेकिन किसी…
क्या उत्तराखंड की बढ़ती गर्मी बनी वहाँ जंगलों में लगी आग का सबब?
जंगलों में लगने वाली आग अब तक हमें अमेरिका और ब्राज़ील की याद दिलाती हैं। लेकिन अब, आग लगने की ख़बर हमारे अपने उत्तराखंड के जंगलों से फ़िलहाल आ रही है। अटपटा सिर्फ यही नहीं कि भारत के जंगलों में आग लगी है। जंगलों में आग लगना असामान्य नहीं है लेकिन हैरान करने वाली बात…
ट्रम्प के नेतृत्व में ओबामा काल से ज़्यादा कोयला बिजली प्लांट हुए रिटायर
भले ही डोनाल्ड ट्रम्प पेरिस समझौते से अमेरिका को बाहर निकालने के लिए पर्यावरण विरोधी कहे जाते हों, लेकिन ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि बराक ओबामा के आख़िरी शासन काल के मुकाबले ट्रम्प के शासन काल में ज़्यादा क्षमता के कोयला बिजली संयंत्रों को रिटायर किया गया।वहीँ चीन में साल 2020 में 38.4 गीगावॉट के…
भूमध्यरेखा पर ग्लोबल वार्मिंग ने किया त्रस्त, गर्मी से समुद्री जीवन अस्त-व्यस्त
एक नए अध्ययन से पहली बार यह पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के चलते समुद्री जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। यहाँ तक की भूमध्यरेखा और ट्रॉपिक्स पर पानी में गर्मी इस कदर बढ़ चुकी है कि वहां से तमाम समुद्री जीवन की प्रजातियाँ दूर जा चुकी हैं। भूमध्यरेखीय जल में पाए जाने वाले…
क्या IEA वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक में नेट ज़ीरो मार्ग को रेखांकित करेगा?
वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक साथ काम करने के इरादे से 31 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) और संयुक्त राष्ट्र की 26वीं क्लाइमेट चेंज कांफेरेंस (COP26) के नेट शून्य शिखर सम्मेलन में 40 से अधिक देशों के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और जलवायु…