इस साल प्री-मानसून मौसम की सरगर्मियां काफी पहले शुरू हो गई हैं। मार्च के पहले सप्ताह में ही बारिश और गरज चमक के साथ बौछारें दस्तक देने लगी हैं। इस शुरुआती दौर में 6-8 मार्च के बीच होने वाली गैर मौसम की बारिश और गरज चमक ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के काफी हिस्सों…
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ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र का एक प्रमुख निर्यातक बन सकता है भारत
जी20 शेरपा, श्री अमिताभ कांत के अनुसार, दो मुख्य समस्याएं हैं जो बड़े पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना और इसकी लागत को कम करना कठिन बनाती हैं। पहली समस्या है कि लंबी अवधि के ऋण देने में सहायता के लिए पर्याप्त नए वित्तीय उपकरण नहीं हैं। और दूसरी समस्या है कि फ्री ट्रेड…

इन कंपनियों के जलवायु वादे दिखाते कम, छिपाते ज़्यादा हैं
एक रिपोर्ट की मानें तो दुनिया की 24 सबसे बड़ी तथाकथित “क्लाइमेट लीडर” कंपनियों की जलवायु रणनीतियाँ पूरी तरह से अपर्याप्त हैं और अस्पष्टता से घिरी हुई हैं। इन कंपनियों की लंबी अवधि की नेट ज़ीरो प्रतिज्ञाएँ इस बात से ध्यान भटकाती हैं कि 2030 के लिए इनके जलवायु लक्ष्य 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान सीमा…

जलवायु कार्यवाही की रफ़तार सुस्त, बंद कर रही सुधार के दरवाजे: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र की आज जारी एमिशन्स गैप रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2021 में ब्रिटेन के ग्लासगो में हुए सीओपी26 में सभी देशों द्वारा अपने नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशंस (एनडीसी) को और मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किये जाने और राष्ट्रों द्वारा कुछ अपडेटेड जानकारी दिये जाने के बावजूद प्रगति के मोर्चे पर बुरी तरह नाकामी…

जलवायु परिवर्तन की ग्लोबल लड़ाई में उत्तर प्रदेश के लोकल हमले की होगी अब वैश्विक चर्चा
जलवायु परिवर्तन की वैश्विक लड़ाई में स्थानीय कार्यवाही की प्रासंगिकता को लगातार सिद्ध करने के लिए भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग को वैश्विक पटल पर अपने नवाचारों को पूरी दुनिया के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत करने का एक मौका देना का फैसला किया है।दरअसल, उत्तर प्रदेश…

आधी हो सकती है बिजली की कीमत
अगर ऊर्जा क्षेत्र में कोयले पर निर्भरता चरणबद्ध तरीके से की जाती है कम तो साल 2050 तक हो सकती है बिजली की कीमत आधी एक नए वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि अगर भारत बिजली क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से अपनी कोयले पर निर्भरता कम करता है तो न सिर्फ साल 2040 की शुरुआत से…

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के अभाव से जलवायु लक्ष्यों के पिछड़ने व ‘नेट जीरो’ के दशकों तक विलंब होने का खतरा बढ़ा
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, विशेष रूप से वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए, पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डीकार्बोनाइजेशन में बहुत तेज प्रगति की आवश्यकता है। आज जारी ब्रेकथ्रू अजेंडा रिपोर्ट में साफ किया गया है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में कमी हुई तो न सिर्फ़…

पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत में फिलहाल हरित वित्त प्रवाह जरूरत का सिर्फ एक चौथाई
भारत में हरित निवेश प्रवाह को ट्रैक करने के अपने तरह के एक पहले प्रयास को प्रस्तुत करती एक ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो फिलहाल देश में इस निवेश के प्रवाह की दशा और दिशा चिंताजनक है।दरअसल क्लाइमेट पॉलिसी इनिशिएटिव (सीपीआई इंडिया) की इस नई रिपोर्ट में इस दिशा में एक अपडेट जारी किया है…

भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्य हासिल करने में क्लीनटेक स्टार्टअप्स निभा सकते हैं अहम भूमिका
बात दुनिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम या समुदाय के आकार की हो तो भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। फिलहाल जनवरी 2022 तक भारत में 61,000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों को मान्यता दी गई है और उन्हें पंजीकृत किया गया है। लेकिन अगर भारत को नेट ज़ीरो के संदर्भ में अपने 2030 के लक्ष्य को हासिल करना…

आगामी COP की कर रहा है ज़मीन तैयार बॉन का जलवायु सम्मेलन
फिलहाल जब आप और हम भारत में भीषण गर्मी से त्रस्त हैं, जर्मनी के बॉन शहर में दुनिया भर के तमाम देश देश एक बेहतर कल के लिए अपनी जलवायु प्रतिक्रिया पर चर्चा और सुधार करने के लिए एक साथ आए हैं। दरअसल, ग्लासगो में COP26 के सात महीने बाद, दुनिया भर के देशों ने…