अगर ऊर्जा क्षेत्र में कोयले पर निर्भरता चरणबद्ध तरीके से की जाती है कम तो साल 2050 तक हो सकती है बिजली की कीमत आधी एक नए वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि अगर भारत बिजली क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से अपनी कोयले पर निर्भरता कम करता है तो न सिर्फ साल 2040 की शुरुआत से…
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अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के अभाव से जलवायु लक्ष्यों के पिछड़ने व ‘नेट जीरो’ के दशकों तक विलंब होने का खतरा बढ़ा
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, विशेष रूप से वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए, पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डीकार्बोनाइजेशन में बहुत तेज प्रगति की आवश्यकता है। आज जारी ब्रेकथ्रू अजेंडा रिपोर्ट में साफ किया गया है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में कमी हुई तो न सिर्फ़…
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत में फिलहाल हरित वित्त प्रवाह जरूरत का सिर्फ एक चौथाई
भारत में हरित निवेश प्रवाह को ट्रैक करने के अपने तरह के एक पहले प्रयास को प्रस्तुत करती एक ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो फिलहाल देश में इस निवेश के प्रवाह की दशा और दिशा चिंताजनक है।दरअसल क्लाइमेट पॉलिसी इनिशिएटिव (सीपीआई इंडिया) की इस नई रिपोर्ट में इस दिशा में एक अपडेट जारी किया है…
भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्य हासिल करने में क्लीनटेक स्टार्टअप्स निभा सकते हैं अहम भूमिका
बात दुनिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम या समुदाय के आकार की हो तो भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। फिलहाल जनवरी 2022 तक भारत में 61,000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों को मान्यता दी गई है और उन्हें पंजीकृत किया गया है। लेकिन अगर भारत को नेट ज़ीरो के संदर्भ में अपने 2030 के लक्ष्य को हासिल करना…
आगामी COP की कर रहा है ज़मीन तैयार बॉन का जलवायु सम्मेलन
फिलहाल जब आप और हम भारत में भीषण गर्मी से त्रस्त हैं, जर्मनी के बॉन शहर में दुनिया भर के तमाम देश देश एक बेहतर कल के लिए अपनी जलवायु प्रतिक्रिया पर चर्चा और सुधार करने के लिए एक साथ आए हैं। दरअसल, ग्लासगो में COP26 के सात महीने बाद, दुनिया भर के देशों ने…
जलवायु संकट : कोई सार्वभौमिक समाधान नहीं, मगर उम्मीद अभी बाक़ी
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट इस बात की गवाही देती है कि दुनिया प्रदूषण उत्सर्जन न्यूनीकरण के लक्ष्यों को हासिल कर पाने की राह पर नहीं है। इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिये जरूरी है कि प्रयासों को दोगुना किया जाए और नुकसान को जहां तक हो सके, कम किया जाए। नवरोज़ के दुबाष संयुक्त…
जलवायु परिवर्तन की वित्तीय मार के लिए नहीं हैं भारतीय बैंक तैयार
संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित नेट-ज़ीरो बैंकिंग एलायंस में 40 देशों के बैंकों को किया गया सदस्य के रूप में सूचीबद्ध, मगर सूची में नहीं है एक भी भारतीय बैंक जलवायु परिवर्तन का हमारे ऊपर व्यापक असर होता है। और यह नकारात्मक असर सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक भी होता है। भारत जैसे विकासशील…
जलवायु अनुकूलन के लिए वित्त हो व्यवस्थित
जब हम जलवायु परिवर्तन और उसकी वजह से होने वाले जोखिम की बात करते हैं तो यह बात सामने आती है कि फाइनेंस को अधिक महत्वपूर्ण पहलू के तौर पर सामने रखा जाए। जलवायु परिवर्तन की विकराल होती समस्या से निपटने के लिये अनुकूलन कार्य में जलवायु वित्त या क्लाइमेट फाइनेंसिंग की भूमिका निर्विवाद रूप…