बात दुनिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम या समुदाय के आकार की हो तो भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। फिलहाल जनवरी 2022 तक भारत में 61,000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों को मान्यता दी गई है और उन्हें पंजीकृत किया गया है। लेकिन अगर भारत को नेट ज़ीरो के संदर्भ में अपने 2030 के लक्ष्य को हासिल करना…
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आगामी COP की कर रहा है ज़मीन तैयार बॉन का जलवायु सम्मेलन
फिलहाल जब आप और हम भारत में भीषण गर्मी से त्रस्त हैं, जर्मनी के बॉन शहर में दुनिया भर के तमाम देश देश एक बेहतर कल के लिए अपनी जलवायु प्रतिक्रिया पर चर्चा और सुधार करने के लिए एक साथ आए हैं। दरअसल, ग्लासगो में COP26 के सात महीने बाद, दुनिया भर के देशों ने…
जलवायु संकट : कोई सार्वभौमिक समाधान नहीं, मगर उम्मीद अभी बाक़ी
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट इस बात की गवाही देती है कि दुनिया प्रदूषण उत्सर्जन न्यूनीकरण के लक्ष्यों को हासिल कर पाने की राह पर नहीं है। इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिये जरूरी है कि प्रयासों को दोगुना किया जाए और नुकसान को जहां तक हो सके, कम किया जाए। नवरोज़ के दुबाष संयुक्त…
जलवायु परिवर्तन की वित्तीय मार के लिए नहीं हैं भारतीय बैंक तैयार
संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित नेट-ज़ीरो बैंकिंग एलायंस में 40 देशों के बैंकों को किया गया सदस्य के रूप में सूचीबद्ध, मगर सूची में नहीं है एक भी भारतीय बैंक जलवायु परिवर्तन का हमारे ऊपर व्यापक असर होता है। और यह नकारात्मक असर सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक भी होता है। भारत जैसे विकासशील…
जलवायु अनुकूलन के लिए वित्त हो व्यवस्थित
जब हम जलवायु परिवर्तन और उसकी वजह से होने वाले जोखिम की बात करते हैं तो यह बात सामने आती है कि फाइनेंस को अधिक महत्वपूर्ण पहलू के तौर पर सामने रखा जाए। जलवायु परिवर्तन की विकराल होती समस्या से निपटने के लिये अनुकूलन कार्य में जलवायु वित्त या क्लाइमेट फाइनेंसिंग की भूमिका निर्विवाद रूप…
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तीन साल: प्रदूषण से अब भी बुरा हाल
देश के 132 शहरों में पार्टिकुलेट मैटर के स्तर को 20-30% तक कम करने के इरादे से पूरे भारत में आज से ठीक तीन साल पहले राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) लागू किया गया। लेकिन इस लागू किए जाने के तीन साल बाद, डाटा से, पता चलता है कि ज़मीनी स्तर पर प्रगति या तो बहुत कम हुई है या…
COP26 में भारत ने ज़ीरो एमिशन वेहिकल्स को प्राथमिकता देने का लिया संकल्प
इस ग्लासगो समझौते ने की पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए सड़क के अंत की शुरुआत दुनिया के चौथे सबसे बड़ा ऑटो बाज़ार, भारत ने रवांडा, केन्या के साथ संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में, अपने बाजारों में शून्य उत्सर्जन वाहनों (ZEV) के ट्रांजिशन में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए…
COP26: बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए कमज़ोर देशों के समर्थन में अपने पत्ते खेलने की ज़रूरत
एक बेहद तेज़ घटनाक्रम में यूके की COP प्रेसीडेंसी ने ग्लासगो क्लाइमेट समिट के लिए फैसलों का एक नया मसौदा जारी किया है। इस मसौदे की भाषा सशक्त है और इशारा करती है कि अंततः फैसलों की शक्ल कैसी हो सकती है।लेकिन इस मसौदे को ले कर विशेषज्ञों की कुछ चिंताएं हैं। इनमें चिंता का मुख्य विषय…