अगर भारत की कंपनियाँ हर घंटे के हिसाब से कार्बन-फ्री बिजली खरीदने लगें, तो देश 2030 तक 52 गीगावॉट तक चौबीस घंटे मिलने वाली स्वच्छ बिजली जोड़ सकता है। यह भारत की कुल अनुमानित बिजली मांग का 5% हिस्सा होगा — और उसमें से 70% पूरी तरह स्वच्छ स्रोतों से हासिल किया जा सकेगा। इस…