भारत के ज्यादातर इलाके भीषण तपिश से बेहाल हैं और खुले आसमान में काम करने वाले श्रमिकों का सबसे बुरा हाल है। पारा 40 डिग्रीज़ सेल्सियस के आस पास पहुँच जाये तो घबराहट होने लगती है। लेकिन क्या आपको पता है कि 32 डिग्रीज़ सेल्सियस ही जानलेवा हो सकता है? इस बातको समझने के लिए आपका…
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कम कार्बन सघन निवेश की 600 से ज्यादा परियोजनाओं की हुई पहचान
दो ट्रिलियन रुपये से ज़्यादा के निवेश की सम्भावना के साथ कोविड के बाद की आर्थिक रिकवरी को पर्यावरण अनुकूल और जलवायु तटस्थ बनाने में मिल सकता है ज़बरदस्त बल। भारत में स्वच्छ ऊर्जा बनाने और उसके उपभोग के प्रयासों की दिशा में बढ़ते हुए, कंसल्टिंग फर्म EY और FICCI (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड…
जर्मनी के नए जलवायु लक्ष्य कराएंगे 2030 तक कोयले का फेज़ आउट
संघीय सरकार ने प्रभावित राज्यों को आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा कर एक न्यायपूर्ण परिवर्तन की नींव पहले ही रख दी है। फिलिप लिट्ज़ और नगा न्गो थ्यू, अगोरा एनर्जीवेंडे अब, जब G7 देशों ने साफ़ कर दिया है कि वो कोयला की फाइनेंसिंग नहीं करेंगे, तब चीन ही एक आखिरी सहारे की शक्ल में…
नहीं है भारत के पास वायु को साफ करने के लिए कोई ठोस कार्य योजना: विशेषज्ञ
राष्ट्रीय स्तर की वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग और शहर के एक्शन प्लान साबित हुए हैं अप्रभावी, राज्यों के एक्शन प्लान नहीं किये गये हैं तैयार: लाइफ राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना (NCAP), जिसे 2019 में 102 प्रदूषित शहरों में वायु में सुधार के लिए शुरू किया गया था, अपने उद्देश्य को पूरा करने में विफल होने की संभावना है, यह कहना है लीगल इनिशिएटिव…
संयुक्त राष्ट्र की पुकार कर दरकिनार, ये पांच देश हैं कोयले के लिए बेक़रार
भारत समेत इन पांच एशियाई सरकारों की 600 नए कोयला संयंत्रों की योजना बन सकती है 150 अरब डॉलर की बर्बादी का सबब पेरिस जलवायु लक्ष्यों को ख़तरे में डालते हुए, पांच एशियाई देश दुनिया के 80% नियोजित नए कोयला संयंत्रों के लिए ज़िम्मेदार हैं। चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान और वियतनाम ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के सभी नए कोयला संयंत्रों को रद्द करने…
60 फ़ीसद वैश्विक स्टील उत्पादन कार्बन सघन विधि से, जलवायु लक्ष्यों पर मंडरा रहा ख़तरा
स्टील उत्पादन में लगी कंपनियों को कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने की तमाम प्रतिबद्धताओं के बावजूद, दुनिया के स्टील उत्पादन और विकास में आज भी पारंपरिक, कोयला आधारित स्टील निर्माण का बोलबाला है, जिनसे वैश्विक जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए तय पेरिस लक्ष्यों के मिटने का खतरा मंडरा रहा है। यह कहना है ऊर्जा अनुसंधान समूह ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर(GEM) की “पेडल टू द मेटल: नो टाइम टू डिले स्टील सेक्टर…
जलवायु मुक़दमों में एट्रीब्युशन साइंस कस सकती ही तेल, गैस, कोयला कम्पनियों पर शिकंजा
नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस शोध की मानें तो दुनिया की प्रमुख तेल, कोयला और गैस कंपनियों को उनके कार्बन उत्सर्जन के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन के नुकसान के लिए कानूनी रूप से अब जिम्मेदार ठहराया जाना आसान हो सकता है। और यह आसानी दे सकती है पीयर-रिव्यूड एट्रिब्यूशन साइंस…
न्यायसंगत एनर्जी ट्रांजिशन ही बेहतर और सार्थक रास्ता
दुनिया में अक्षय ऊर्जा को अपनाने के प्रति बढ़ती होड़ के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर भविष्य के लिये जरूरी ऊर्जा रूपांतरण के इस काम में सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यावरणीय सरोकारों के साथ संतुलन बनाना बहुत जरूरी है और सरकार तथा सम्बन्धित विभिन्न पक्षों को इस मामले में बेहद संजीदगी और संवेदनशीलता से काम…
…बच सकती थीं वो दस लाख से ज़्यादा जानें
अमूमन सस्ती चीज़ों पर हम ध्यान नहीं देते लेकिन अब क्यूंकि पिछले साल से मौत सस्ती हो गयी है, हम उस पर ध्यान दे रहे हैं। मौत को सस्ता किया है कोविड 19 ने। इतना सस्ता कि महज़ कुछ दिनों में ही लोग बीमार हो कर इस दुनिया को छोड़ चले गये। न इलाज मिला…
देश के इन प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण लॉकडाउन के बावजूद भी बेलगाम
अन्य प्रमुख शहरों के विपरीत कोलकाता में 2019 से 2021 के बीच, मार्च से मई तक, वायु गुणवत्ता में दिखा सुधार पिछले साल से कोविड की मार झेल रहे देश में अगर कुछ अच्छा हुआ तो वो था आसमान का कुछ साफ़ होना और प्रदूषण के स्तर के कम होने का आभास। आभास इसलिए क्योंकि…