भारत की विविध भौगोलिक संरचना, जलवायु परिस्थितियों और सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों के प्रति उसकी संवेदनशीलता अधिक है। ये प्रभाव पहले से ही अर्थव्यवस्था और आजीविका को प्रभावित कर रहे हैं, जो विकास और गरीबी उन्मूलन में प्रगति को बाधित कर सकते हैं।उदाहरण के लिए, वर्ष 2021 में, भारत में…
Author: Climate कहानी
जलवायु परिवर्तन की चेतावनी: उत्तराखंड में असमय खिल उठा बुरांश!
पहाड़ों का गहना, उत्तराखंड का राजकीय फूल बुरांश, इस बार किसी उत्सव की सूचना नहीं, बल्कि खतरे की घंटी बजा रहा है. फरवरी में ही ये लाल रंग के शानदार फूल खिल गए हैं, जिसने पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है. आमतौर पर ये फूल मार्च-अप्रैल में अपने पूरे रंग में खिलते…
कहीं आप किसी बच्चे की बौद्धिक मंदता के लिए ज़िम्मेदार तो नहीं?
दीपमाला पाण्डेय हर बार, बाज़ार जाने से पहले जब आप वो कपड़े का थैला ले जाना भूल जाते हैं और फिर सामान खरीदने के बाद दुकानदार से पॉलिथीन की थैली मांगते हैं, तब आप अनजाने में ही सही, लेकिन कहीं न कहीं, किसी बच्चे की बौद्धिक दिव्यांगता में योगदान दे रहे होते हैं। जी हाँ,…
पर्यावरणीय चिंताओं में आर्द्रभूमि संरक्षण और बहाली को नहीं मिलती पर्याप्त प्राथमिकता
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस), दिल्ली, ने 22 और 23 फरवरी को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग के सहयोग से “आर्द्रभूमि जीवन के लिए” विषय पर एक क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। आर्द्रभूमि, जिसे दलदल, तालाब या झील भी कहा जाता है, वो इलाका होता है जहाँ पानी…
जलवायु जागरूकता पर एमिटी छात्रों की फिल्म ‘दी नेक्स्ट लेसन’ को मिला प्रथम पुरस्कार
धरती के वातावरण में पर्यावरण प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के करण होने वाले बदलाव अब खतरनाक रूप लेते जा रहे हैं। धरती पर जीवन फलता-फूलता रहे इसके लिए त्वरित प्रभावी प्रयास करने होंगे।क्लाइमेट चेंज पर जनजागरूकता के लिए प्रमुख जन संचार संस्थानों में से एक एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन (एएससीओ) और क्लाइमेट…
जलवायु परिवर्तन के शोर से सन्नाटे तक
दीपमाला पाण्डेय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भारत में विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुमेय शोर स्तर निर्धारित किया हुआ है। ध्वनि प्रदूषण नियमों ने दिन और रात, दोनों समय के लिए, विभिन्न क्षेत्रों में शोर के स्वीकार्य स्तर को परिभाषित भी किया है। जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में, अनुमेय सीमा दिन के लिए 75 डीबी…
इंडिया एनेर्जी वीक: क्या ग्रीन हाइड्रोजन बनेगी गेम चेंजर?
गोवा में चल रहा इंडिया एनर्जी वीक 2024 भारत के ऊर्जा भविष्य की रोमांचक तस्वीर दिखा रहा है. क्लीन एनेर्जी, महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य और एनेर्जी सेक्युर्टी पर जोर के साथ, इस कार्यक्रम में कई प्रमुख घटनाक्रम सामने आए हैं, खासकर हाइड्रोजन का बढ़ता महत्व. लेकिन यहाँ बड़ा सवाल ये उठता है कि ये घटनाक्रम भारतीय…
केंद्रीय बजट 2024-25: जलवायु कार्रवाई के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता साफ़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें ऐसे व्यापक उपायों का उल्लेख किया गया जो ग्रीन एनेर्जी, पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु कार्रवाई के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। बजट ऊर्जा क्षेत्र पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करता है, जो एक अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति जागरूक भविष्य की…
आदिवासी क्षेत्रों के लिए 5.15 अरब रुपये का सौर ऊर्जा कार्यक्रम हुआ स्वीकृत
एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में भारत सरकार ने आदिवासी समुदायों के जीवन में उजाला करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनजन्म) के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के आवासों और गांवों के लिए 5.15 अरब रुपये के सौर ऊर्जा…
घटने वाली है वैश्विक कोयला मांग : IEA
एक हालिया रिपोर्ट में, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने 2026 तक वैश्विक कोयले की मांग में गिरावट की भविष्यवाणी की है। यह पहली बार है कि IEA ने अपनी पूर्वानुमान अवधि के दौरान वैश्विक कोयले की खपत में गिरावट का अनुमान लगाया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वर्ष में सर्वकालिक उच्चतम…