दुनिया भर में क्लीन एनर्जी की कहानी अब किसी भविष्यवाणी की तरह नहीं, बल्कि एक वास्तविकता की तरह सामने आ रही है। 2025 की पहली छमाही में पहली बार सोलर और विंड एनर्जी ने वैश्विक बिजली मांग में हुई पूरी वृद्धि को पूरा कर दिया, जिससे कोयला और गैस आधारित बिजली उत्पादन में मामूली गिरावट…
Category: जलवायु नीति
न्यूयॉर्क क्लाइमेट समिट में चीन का पहला ‘एब्सॉल्यूट कट’ वादा, लेकिन उम्मीद से कमजोर
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मेज़बानी में हुई क्लाइमेट समिट में 100 से अधिक देशों ने 2035 के लिए अपने नए जलवायु लक्ष्य पेश किए। इस मौके पर चीन ने भी अपनी पहली एब्सॉल्यूट एमिशन कटौती योजना की घोषणा की, लेकिन इसे विश्लेषकों ने “कमज़ोर और पहले से तय रफ्तार” बताया। चीन…
उत्तराखंड की आपदा: जब हिमालय ने चुप्पी तोड़ी, और हमारे तैयार न होने की कीमत चुकाई गई
दोपहर का वक्त था। बादल घिरे थे, पर कोई डर नहीं था। यह तो पहाड़ों का रोज़ का मिज़ाज है। लेकिन अचानक, जैसे किसी ने आसमान के दरवाज़े को खोल दिया हो। एक गगनचुंबी जलधारा सीधी पहाड़ से उतरती हुई धाराली की गलियों में घुस गई। जो सामने आया, उसे बहा ले गई। घर, दुकान,…
बात सिर्फ मौसम की नहीं, अब इंसाफ की भी है
अब इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस भी कह रहा: जलवायु को बचाना सिर्फ नैतिक नहीं, कानूनी ज़िम्मेदारी भी आज इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ), यानि दुनिया की सबसे बड़ी अदालत, ने एक ऐतिहासिक सलाह दी है। उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि दुनिया के हर देश की ये कानूनी ज़िम्मेदारी है कि वो जलवायु संकट को…
जलवायु संकट की मार अब आपकी थाली पर
भारत समेत दुनिया भर में खाने-पीने की चीज़ें हुईं महंगी, नई रिपोर्ट ने खोली पोल अगर आपने हाल के महीनों में सब्ज़ियों, प्याज़, आलू या चाय-कॉफ़ी की कीमतों में अजीब उछाल देखा है, तो यह केवल मंडी की मांग और आपूर्ति का मामला नहीं है। एक नई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च के मुताबिक, भारत समेत दुनियाभर के…
अब वक़्त है विकास के हिसाब का
स्पेन के सेविला से निकली विकास की नई कहानी कभी-कभी हलचल वहीं से शुरू होती है जहाँ सदी पुरानी व्यवस्थाएँ थकी हुई लगने लगती हैं। स्पेन के सेविला शहर में बीते सोमवार को कुछ वैसा ही हुआ। दुनिया भर के नेता, नीति निर्माता, बैंकर्स और सिविल सोसायटी के लोग एकजुट हुए—न किसी पार्टी के लिए,…
अदालतें बन रही हैं जलवायु की रणभूमि
दुनिया भर में बढ़ते क्लाइमेट मुक़दमे और भारत में इसकी गूंज एक ज़माना था जब जलवायु संकट का ज़िक्र सिर्फ़ वैज्ञानिक रिपोर्टों, यूएन सम्मेलनों या NGO की याचिकाओं तक सीमित होता था। लेकिन अब वही मुद्दा अदालतों की चौखट लांघ चुका है। कोर्टरूम अब सिर्फ़ न्याय का मंच नहीं, बल्कि जलवायु की अगली लड़ाई का…
जलवायु नीति पर बहस में भारतीय कंपनियाँ खामोश
आजकल हर कोई Net Zero की बातें करता है। कॉरपोरेट जगत से भी बड़े-बड़े climate commitments आते हैं—websites पर sustainability pledges हैं, events में climate change पर panels हैं… लेकिन जब बात असल नीति निर्माण की आती है—जहाँ सच में बदलाव की बुनियाद रखी जाती है—तो ज़्यादातर कंपनियाँ खामोश नज़र आती हैं। भारतीय व्यापार जगत…
बंद पड़ी कोयला खदानों में अब सूरज बोलेगा – मेरी बारी!
नई रिपोर्ट में सामने आया 300 गीगावॉट का जबरदस्त मौका दुनिया भर में जो कोयला खदानें या तो बंद हो चुकी हैं या इस दशक के अंत तक बंद हो जाएंगी, अगर उन्हें सौर ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया जाए — तो इतनी बिजली बन सकती है कि पूरा जर्मनी एक साल तक रोशन रहे!…
बॉन सम्मेलन की तैयारी: जलवायु संकट, फाइनेंस और फॉसिल फ्यूल पर दुनिया की नज़र
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की मध्य वर्ष की बैठक (UNFCCC Bonn Climate Conference) सोमवार 16 जून से शुरू हो रही है। 26 जून तक चलने वाली ये बातचीत इस वक्त हो रही है जब हाल ही में मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने चेतावनी दी कि 2029 से पहले 1.5°C तापमान सीमा के टूटने की…