भारत वर्ष 2030 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ाने की योजना पहले से ही बना रहा है, मगर ऐसा करने के लिये 293 बिलियन डॉलर की जरूरत पड़ेगी। वैश्विक थिंक टैंक ‘एम्बर’ की एक नयी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। विश्लेषण मे पाया गया है कि भारत…
Category: जलवायु परिवर्तन
दुनिया का एक तिहाई भोजन पैदा करने वाले किसानों को अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट फाइनेंस का मिलता है मात्र 0.3 प्रतिशत
दुनिया में उत्पादित कुल भोजन के एक तिहाई हिस्से का उत्पादन करने वाले लघु स्तरीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट फाइनेंस या जलवायु वित्त का महज 0.3 प्रतिशत हिस्सा ही नसीब होता है। इस बात का पता चलता है दुनिया के साढ़े तीन करोड़ पुश्तैनी, या पीढ़ी दर पीढ़ी खेती करते चले आ रहे छोटे और मंझोले किसान…
वार्मिंग को 2.5-2.9°C तक रोकने के लिए मौजूदा से अधिक प्रयास ज़रूरी
एक कड़ी चेतावनी देते हुए, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नवीनतम एमिशन गैप रिपोर्ट दुनिया के तमाम देशों के लिए वर्तमान पेरिस समझौते के वादों से परे अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने की अनिवार्यता को साफ़ करती है। ऐसा करने में विफल रहने पर सदी के अंत तक वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 2.5-2.9…
वैश्विक रिन्यूबल एनेर्जी दौड़ में एशिया अव्वल
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दुनिया भर में रिन्यूबल एनेर्जी को प्राथमिकता देने के मामले में एशिया सबसे तेज़ खिलाड़ी के तौर पर उभर रहा है। एशिया में इस क्षेत्र में निवेश में सालाना 23% की प्रभावशाली वृद्धि हो रही है, जो कि ज़ीरो कार्बन एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार $ 345 बिलियन की एक आश्चर्यजनक…
गर्मी से होने वाली मौतों में भीषण इज़ाफ़े की संभावना: द लैंसेट काउंटडाउन
विश्व विख्यात मेडिकल जर्नल द लैंसेट की एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस सदी के मध्य तक वैश्विक स्तर पर गर्मी से संबंधित मौतों में 4.7 गुना इज़ाफ़ा होने की संभावना है। द लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज की 8वीं वार्षिक रिपोर्ट में, सीधे तौर पर कहा गया है…
आपने अनुभव कर लिए हैं धरती के लगातार सबसे गर्म 12 महीने
नवंबर 2022 से अक्टूबर 2023 तक की अवधि पृथ्वी की सबसे गर्म 12 महीने की मीयाद रही ग्लोबल वार्मिंग पूर्व-औद्योगिक स्तरों के मुकाबले 1.3 डिग्री सेल्सियस के स्तर को पार कर गई है। इसी बीच की गई एट्रीब्यूशन स्टडी में ऐसे देशों और शहरों की पहचान की गई है जहां जलवायु परिवर्तन की वजह से…
COP 28 से पहले 46 मिलियन हेल्थ प्रोफेशनल्स ने फ़ोसिल फ्यूल के खिलाफ़ उठाई आवाज़
एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में, दुनिया भर के 46.3 मिलियन से अधिक डॉक्टरों और हेल्थ प्रोफेशनल्स ने COP28 के मनोनीत अध्यक्ष सुल्तान अहमद अल-जबर को एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में एक “न्यायसंगत, बराबरदारी वाले और सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने वाले” भविष्य के लिए फ़ोसिल फ्यूल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने…
मानसून 2023 – देश के 73% हिस्से में बारिश सामान्य लेकिन जिलेवार आंकड़े असामान्य
दक्षिण-पश्चिम मानसून 2023 के एक जिला स्तर पर किए गए एक व्यापक विश्लेषण में भारत के वार्षिक मानसून मौसम पैटर्न में देश भर में वर्षा पैटर्न में चरम विषमता सामने आयी है। दरअसल क्लाइमेट ट्रेंड्स और कार्बन कॉपी द्वारा किए गए इस विश्लेषण में कहा गया गौ कि जहां एक ओर दावा किया गया है…
भारत पहुँचने वाला है भूजल कमी के टिपिंग पॉइंट पर, जल संरक्षण में दिव्यांग बच्चे निभा सकते हैं निर्णायक भूमिका
दीपमाला पाण्डेय जल जीवन है। यह पढ़ने में बेहद आम सी बात लग सकती है लेकिन बड़ी गहरी बात है। हमारा शरीर 70 प्रतिशत पानी से बना है। हमारी पृथ्वी पर उसी अनुपात में पानी है। बिना खाने के हम फिर भी रह सकते हैं, लेकिन बिना पानी के हमारा जीना कुछ ही समय में…
अब मासिक धर्म चक्र तक पर असर डाल रहा है वायु प्रदूषण। त्वरित जलवायु कार्यवाही अब नहीं तो कब?
राखी गंगवार सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन अमेरिका में एमोरी यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बचपन में वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने और लड़कियों को पहली बार मासिक धर्म होने की उम्र के बीच एक संबंध पाया है। यह शोध एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है…