यूरोपीय संघ की ग्रीन डील के तहत, साल 2050 तक जलवायु तटस्थ बनने के लक्ष्यों को हासिल करने की और एक बड़ा कदम उठाते हुए कल, 14 जुलाई को, यूरोपीय आयोग 1990 के मुक़ाबले 2030 में ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन के स्तर में 55% की कटौती करने के एक मसौदा कानून का विशाल पैकेज पेश करेगा। इस पैकिज…
Category: जीवाश्म ईंधन

भीषण हीटवेव: अपने किये की सज़ा भुगत रही है अमेरिका और कनाडा की जनता
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन ने हीटवेव होने की संभावना कम से कम 150 गुना अधिक कर दी। कनाडा और अमेरिका की जनता बेतहाशा चढ़ते पारे की शक्ल में जिस परेशानी से ग़ुज़र रही है, उसके लिए वो सीधे तौर पर ज़िम्मेदार है।दरअसल प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा एक…

जर्मनी के नए जलवायु लक्ष्य कराएंगे 2030 तक कोयले का फेज़ आउट
संघीय सरकार ने प्रभावित राज्यों को आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा कर एक न्यायपूर्ण परिवर्तन की नींव पहले ही रख दी है। फिलिप लिट्ज़ और नगा न्गो थ्यू, अगोरा एनर्जीवेंडे अब, जब G7 देशों ने साफ़ कर दिया है कि वो कोयला की फाइनेंसिंग नहीं करेंगे, तब चीन ही एक आखिरी सहारे की शक्ल में…

संयुक्त राष्ट्र की पुकार कर दरकिनार, ये पांच देश हैं कोयले के लिए बेक़रार
भारत समेत इन पांच एशियाई सरकारों की 600 नए कोयला संयंत्रों की योजना बन सकती है 150 अरब डॉलर की बर्बादी का सबब पेरिस जलवायु लक्ष्यों को ख़तरे में डालते हुए, पांच एशियाई देश दुनिया के 80% नियोजित नए कोयला संयंत्रों के लिए ज़िम्मेदार हैं। चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान और वियतनाम ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के सभी नए कोयला संयंत्रों को रद्द करने…

60 फ़ीसद वैश्विक स्टील उत्पादन कार्बन सघन विधि से, जलवायु लक्ष्यों पर मंडरा रहा ख़तरा
स्टील उत्पादन में लगी कंपनियों को कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने की तमाम प्रतिबद्धताओं के बावजूद, दुनिया के स्टील उत्पादन और विकास में आज भी पारंपरिक, कोयला आधारित स्टील निर्माण का बोलबाला है, जिनसे वैश्विक जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए तय पेरिस लक्ष्यों के मिटने का खतरा मंडरा रहा है। यह कहना है ऊर्जा अनुसंधान समूह ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर(GEM) की “पेडल टू द मेटल: नो टाइम टू डिले स्टील सेक्टर…

देश के इन प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण लॉकडाउन के बावजूद भी बेलगाम
अन्य प्रमुख शहरों के विपरीत कोलकाता में 2019 से 2021 के बीच, मार्च से मई तक, वायु गुणवत्ता में दिखा सुधार पिछले साल से कोविड की मार झेल रहे देश में अगर कुछ अच्छा हुआ तो वो था आसमान का कुछ साफ़ होना और प्रदूषण के स्तर के कम होने का आभास। आभास इसलिए क्योंकि…

गरीब मुल्कों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता हो कम, ये चाहते हैं हम: G7 देशों के नागरिक
G7 देशों की बैठक से पहले, वैश्विक थिंक टैंक E3G के लिए YouGov संस्था ने G7 देशों में एक सर्वे किया जिसमें पाया गया कि वहां गरीब देशों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद करने के लिए भारी जन समर्थन है। कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, यूके और अमेरिका में हुए इस सर्वे…

बड़े प्रदूषकों की नेट ज़ीरो योजनायें वास्तविकता कम जुमलेबाज़ी ज़्यादा
जैसे-जैसे जलवायु संकट के प्रभाव और अधिक स्पष्ट होते जा रहे हैं, दुनिया भर के लोग, महिलाओं और युवाओं के साथ, इन प्रभावों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन जवाब में, दुनिया के बड़े प्रदूषक और सरकारें अपने द्वारा उत्पन्न पर्यावरण संकट के समाधान के रूप में अपनी “नेट ज़ीरो एमिशन” योजना को दिखा रहे…

धरती पर इतने रिन्युब्ल संसाधन कि हर इंसान की ऊर्जा ज़रूरत हो सकती है पूरी
विश्व के प्रत्येक महाद्वीप में अपनी जनसंख्या को 100% रिन्यूएबल एनर्जी उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है। वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5ºC के लक्ष्य से नीचे रखने के लिए न सिर्फ जीवाश्म ईंधन उत्पादन के विस्तार का अंत ज़रूरी है बल्कि मौजूदा उत्पादन को भी चरणबद्ध तरीके से कम करना ज़रूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि भले…

ग़रीब देशों को मिल रही फंडिंग में रिन्युब्ल नहीं, गैस को मिल रही तरजीह
जलवायु प्रतिबद्धताओं के बावजूद, सार्वजनिक संस्थान प्राकृतिक गैस के लिए, पवन या सौर के मुक़ाबले, चार गुना ज़्यादा फंड प्रदान करते हैं बात जब ऊर्जा क्षेत्र के लिए फंडिंग की हो तब तमाम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पवन या सौर की तुलना में गैस परियोजनाओं के लिए चार गुना…