मनोज सिंह और आशीष तिवारी साल 2019 में, संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव ने तीन स्तरों पर सतत विकास गोल (एसडीजी) के लक्ष्य हासिल करने के लिए एक दशक भर की कार्रवाई का आह्वान किया था। इस आह्वान में शामिल थे अधिक संसाधन और बेहतर समाधान प्रदान करने के लिए बेहतर नेतृत्व के साथ वैश्विक कार्रवाई; प्रभावी नीतियाँ, बजट, सशक्त संस्थान…
Category: विचार

दिल्ली हो सकती है पूरी तरह से रिन्यूबल एनेर्जी पर निर्भर, अगर…
रिन्यूएबल एनर्जी नामक पत्रिका में हाल ही में प्रकाशित एक लेख से इस बात की प्रबल संभावना जाहिर हुई है कि दिल्ली वर्ष 2050 तक जीवाश्म ईंधन से छुटकारा पाकर 100% अक्षय ऊर्जा पर निर्भरता का लक्ष्य हासिल कर सकती है। अपनी तरह के इस पहले शोध में दिल्ली जैसे उत्तर भारतीय महानगर में 100% अक्षय ऊर्जा प्रणालियों…

‘पराली जलाने की समस्या के समाधान में लगेंगे 4-5 साल’
साल का वो समय आ चुका है जब धान की कटाई और पराली जलाने का मौसम शुरू हो रहा है। और ऐसा होने के साथ ही दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में वायु प्रदूषण पर बहस फिर से जोर पकड़ रही है। मगर इस बार जो बात हमेशा से अलग है और जिसके चलते इन क्षेत्रों…

प्रश्न जलवायु का, उत्तर प्रदेश में!
निशान्त जब ग्लासगो में प्रधान मंत्री मोदी ने COP 26 के दौरान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ़ वैश्विक जंग के संदर्भ में अंग्रेज़ी के शब्द LIFE के अक्षरों में छिपे एक मंत्र ‘लाइफ़स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ का उल्लेख किया था, तब वो महज़ उनके चिर-परिचित अंदाज़ वाला शब्दों का खेल नहीं था।सोचने बैठिए तो पता चलेगा कि…

पाकिस्तान के हालात और जलवायु परिवर्तन रहेगा संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय 77वें सत्र का केंद्रीय मुद्दा
संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय 77वें सत्र के लिए एकत्र हुए दुनिया के शीर्ष नेताओं से संयुक्त राष्ट्र के मुखिया अंटोनियो गुतेरस ने साफ तौर पर अपील की है कि वह धरती का तापमान कम करने कि दिशा में फौरन कदम उठाएँ और इस धरती को डूबने से बचाएं। गुतेरस का यह बयान बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान…

अब चीता लाएगा पारिस्थितिकी के अच्छे दिन
निशान्त दुनिया के जिस सबसे तेज़ जानवर को साल 1952 में भारत में विलुप्त घोषित किया गया, उसी जानवर का सत्तर साल बाद मध्य प्रदेश के श्योपुर ज़िले में कुनो-पालपुर नेशनल पार्क (केएनपी) में एक नया घर मिलेगा। और इसी के साथ देश कि पारिस्थितिकी के शुरू होंगे अच्छे दिन। यहाँ जिस जानवर की बात…

भारत का नेट ज़ीरो होना रोज़गार सृजन के साथ देगा अर्थव्यवस्था को मज़बूती
गेटिंग एशिया टू नेट जीरो से संबंधित हाई लेवल पॉलिसी कमिशन का कहना है कि भारत जलवायु से संबंधित अपनी संकल्पबद्धताओं को पूरा करके और उन्हें बढ़ाकर वित्त संबंधी जोखिमों को खत्म कर सकता है और स्वच्छ ऊर्जा में रूपांतरण को बहुत बेहतर बना सकता है। एक ताजा अध्ययन के मुताबिक प्रदूषणकारी तत्वों के उत्सर्जन…

क्या है विद्युत संशोधन विधेयक 2022 में ख़ास, क्यों हो रहा है इसका विरोध, क्या कहना है विशेषज्ञों का?
अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किया और कहा कि यह विधेयक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए है। फिलहाल ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने विधेयक पर चर्चा के लिए इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने का अनुरोध किया है।सरकार का कहना है कि यह बिल पावर…

50 हजार वन्यजीव प्रजातियाँ कर रहीं सेवा, अरबों लोग खा रहे मेवा
हर पांच में से एक व्यक्ति अपनी आमदनी और भोजन के लिये वन्यजीव प्रजातियों पर है निर्भर। इंसान के भोजन के लिये 10 हजार वन्यजीव प्रजातियों का होता है दोहनअक्सर ‘जैव-विविधता के लिये आईपीसीसी’ के तौर पर वर्णित की जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय शोध एवं नीति इकाई आईपीबीईएस ने एक नयी रिपोर्ट जारी की है, जो कहती है- विकसित और विकासशील…

एनसीईआरटी द्वारा पर्यावरण पाठ्यक्रम में बदलाव कितना सही?
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि दुनिया भर में करीब 100 करोड़ बच्चों पर जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के बढ़ते प्रभावों का खतरा है। इस आंकड़ें में भारत का भी योगदान है और भारत समेत 33 देशों के बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा पर यह जलवायु संकट मंडरा…