इनमे से अधिकांश लोग जलवायु और ऊर्जा नीतियों के पक्ष में सतर्क, चिंतित ,और फिक्रमंद हैं येल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन और सीवोटर इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में एक बड़ी संख्या में जनता ग्लोबल वार्मिंग के बारे में चिंतित है।‘ग्लोबल वार्मिंग्स फ़ोर इंडियाज़, 2022’ के शीर्षक की यह रिपोर्ट चार…
Category: विचार

न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन में प्राइवेट फायनेंस की भूमिका महत्वपूर्ण : अमिताभ कांत
न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन पर एक बार फिर ध्यान खींचने के इरादे से इंटरनेशनल फोरम फॉर एनवायरनमेंट, सस्टेनेबिलिटी, एंड टेक्नालजी (iForest) ने दिल्ली में इस विषय के तमाम नीतिगत और वित्तीय पहलुओं पर बात करने के लिए पहला ग्लोबल जस्ट ट्रांज़िशन डायलॉग आयोजित किया। इस आयोजन का उद्देश्य जस्ट ट्रांज़िशन, या न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन, के राष्ट्रीय…

न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन फायनेंसिंग में निभा सकता है भारत महत्वपूर्ण भूमिका: विशेषज्ञ
जी20 देशों के अध्यक्ष के रूप में भारत के पास वैश्विक स्तर पर न्यायसंगत ट्रांज़िशन के वित्तपोषण तथा कई अन्य पहलुओं पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका है। इन पहलुओं में लो कॉस्ट लॉन्ग टर्म रेजीलियंस इन्वेस्टमेंट और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली क्षति की भरपाई के लिये आमदनी के नए जरिए तलाशने के…

पानी की बढ़ती कमी के बीच जलवायु और विकास के लक्ष्य हासिल करना मुश्किल
पिछले वर्षों की अभूतपूर्व बाढ़, सूखा और बेतहाशा पानी से होने वाली घटनाएं अप्रत्याशित नहीं, बल्कि मानव द्वारा दशकों से चली आ रही पानी की बदइंतज़ामी से होने वाली सिस्टेमेटिक क्राइसेस का नतीजा हैं। यह कहना है ग्लोबल कमीशन ऑन इक्नोमिक्स ऑफ वॉटर रिपोर्ट का।इस रिपोर्ट के मुताबिक़ पानी का एक टिकाऊ और न्यायपूर्ण भविष्य…

क्लीन एनेर्जी को तरजीह दिये बिना पीएफसी/आरईसी का मुनाफ़ा और विकास मुश्किल
ऊर्जा क्षेत्र की देश की अग्रिणी सार्वजनिक गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियां (एनबीएफसी) पीएफसी और आरईसी नई प्रौद्योगिकियों (पवन बिजली सौर ऊर्जा बैटरी स्टोरेज और इलेक्ट्रिक वाहन आदि) के हिसाब से खुद को पर्याप्त रूप से बदल नहीं पाई हैं जिसके चलते इनके विकास और मुनाफ़ा कमाने की दर ठहरी हुई है। दरअसल ये दोनों ही…

भारत यक़ीनन पूरा करेगा अपना एनेर्जी इंडेपेंडेंस का लक्ष्य: अमेरिकी ऊर्जा विभाग
साल 2047 तक भारत अपना ऊर्जा स्वतंत्रता का सपना सच कर सकता है, यह मानना है अमेरिकी ऊर्जा विभाग का। दरअसल अमेरिकी ऊर्जा विभाग के लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी (बर्कले लैब) द्वारा जारी पाथ्वेज़ टु आत्मनिर्भर भारत नाम के एक नए अध्ययन के अनुसार भारत में सस्ती होती क्लीन एनेर्जी टेक्नोलोजी और रिन्यूबल और लिथियम के क्षेत्र में तेज़ विकास के मिश्रित प्रभाव से लागत प्रभावी एनेर्जी इंडिपेंडेंस का सपना हो सकता है साकार। भारत के तीन सबसे अधिक ऊर्जा गहन क्षेत्रों (बिजली, परिवहन…

कार्बन बाज़ारों के विकास के लिए उन्हें समझना ज़रूरी: विशेषज्ञ
दुनिया में कार्बन बाजार पिछले करीब दो दशकों से मौजूद हैं और इनके उभार का सिलसिला अब भी जारी है। भारत के घरेलू कार्बन मार्केट की दिशा में हुए हाल के नीतिगत घटनाक्रमों को देखते हुए कारोबार जगत में इस बात को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है कि इन घटनाक्रमों का उनके कार्य संचालन पर क्या…

हीटवेव के लिये हो रही है ज़मीन तैयार
डॉ सीमा जावेद फ़रवरी का महीना शुरू होते ही मौसम ने अपने तेवर बदलने शुरू कर दिये। हालाँकि कड़कती ठंड से अचानक मिली राहत से लोग खुश हैं मगर इस तरह अचानक मौसम का बदला मिज़ाज, पिछले साल (2022) में पड़ी जानलेवा गर्मी की याद दिला रहा है। जब जलवायु परिवर्तन की ऐसी मार दिखी के मार्च में पारा 40 के पार…

यूपी में स्थानीय जलवायु कार्यवाही की यह इन्द्रधनुषी रणनीति है ख़ास
मनोज सिंह और आशीष तिवारी साल 2019 में, संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव ने तीन स्तरों पर सतत विकास गोल (एसडीजी) के लक्ष्य हासिल करने के लिए एक दशक भर की कार्रवाई का आह्वान किया था। इस आह्वान में शामिल थे अधिक संसाधन और बेहतर समाधान प्रदान करने के लिए बेहतर नेतृत्व के साथ वैश्विक कार्रवाई; प्रभावी नीतियाँ, बजट, सशक्त संस्थान…

दिल्ली हो सकती है पूरी तरह से रिन्यूबल एनेर्जी पर निर्भर, अगर…
रिन्यूएबल एनर्जी नामक पत्रिका में हाल ही में प्रकाशित एक लेख से इस बात की प्रबल संभावना जाहिर हुई है कि दिल्ली वर्ष 2050 तक जीवाश्म ईंधन से छुटकारा पाकर 100% अक्षय ऊर्जा पर निर्भरता का लक्ष्य हासिल कर सकती है। अपनी तरह के इस पहले शोध में दिल्ली जैसे उत्तर भारतीय महानगर में 100% अक्षय ऊर्जा प्रणालियों…