दीपमाला पाण्डेय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भारत में विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुमेय शोर स्तर निर्धारित किया हुआ है। ध्वनि प्रदूषण नियमों ने दिन और रात, दोनों समय के लिए, विभिन्न क्षेत्रों में शोर के स्वीकार्य स्तर को परिभाषित भी किया है। जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में, अनुमेय सीमा दिन के लिए 75 डीबी…
Category: जलवायु परिवर्तन
इंडिया एनेर्जी वीक: क्या ग्रीन हाइड्रोजन बनेगी गेम चेंजर?
गोवा में चल रहा इंडिया एनर्जी वीक 2024 भारत के ऊर्जा भविष्य की रोमांचक तस्वीर दिखा रहा है. क्लीन एनेर्जी, महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य और एनेर्जी सेक्युर्टी पर जोर के साथ, इस कार्यक्रम में कई प्रमुख घटनाक्रम सामने आए हैं, खासकर हाइड्रोजन का बढ़ता महत्व. लेकिन यहाँ बड़ा सवाल ये उठता है कि ये घटनाक्रम भारतीय…
केंद्रीय बजट 2024-25: जलवायु कार्रवाई के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता साफ़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें ऐसे व्यापक उपायों का उल्लेख किया गया जो ग्रीन एनेर्जी, पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु कार्रवाई के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। बजट ऊर्जा क्षेत्र पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करता है, जो एक अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति जागरूक भविष्य की…
COP28: कुछ कदमों की प्रगति, लेकिन जरूरत बड़ी छलांग की
दुबई में सम्पन्न हुई COP28 अब तक के अपने इतिहास की सबसे बड़ी जलवायु वार्ता के रूप में याद की जाएगी. इतना ही नहीं, इस सम्मेलन को और भी तमाम वजहों से याद किया जाएगा और इन सभी वजहों के मिश्रित प्रभाव से यह COP एक ऐतिहासिक सम्मेलन बनता दिख रहा है. इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के परिणामों का विश्लेषण करना न सिर्फ एक…
COP28 ने बढ़ाई क्लाइमेट फ़ाइनेंस की गाड़ी
इस साल का संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP28, क्लाइमेट फ़ाइनेंस पर एक महत्वपूर्ण फोकस के साथ संपन्न हुआ। साथ ही, अगले साल के लिए, कार्य प्रगति और वादों का एक मिला जुला अनुभव भी यह छोड़ा गया है। COP28 वैसे तो भले ही सभी मोर्चों पर उतना कारगर नहीं साबित हुआ जितनी उम्मीद थी,…
COP28 में ऐतिहासिक समझौता: हाँ, फ़ोस्सिल फ्यूल से दूरी बहुत ज़रूरी!
COP28 के अंतिम सत्र में, फ़ोस्सिल फ्यूल से दूर जाने पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक विशेष सौदे के रूप में ग्लोबल स्टॉकटेक टेक्स्ट, बिना किसी असहमति के स्वीकार कर लिया गया है। इस टेक्स्ट के स्वीकार होने की घोषणा करते हुए COP28 के अध्यक्ष सुल्तान अल-जबर ने जैसे ही एक गैवेल का प्रतीकात्मक प्रयोग किया, वैसे ही पूरा सभागार तालियों से…
कोयले पर सख्ती, मगर तेल और गैस पर नरमी को लेकर COP 28 में तनाव
दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड का 40 फीसद एमिशन कोयले के कारण होता है जबकि बाकी के लिए तेल और गैस जिम्मेदार हैं।इस तथ्य के बावजूद, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दुबई में COP28 प्रेसीडेंसी ने ग्लोबल स्टॉकटेक (जीएसटी) पर एक दस्तावेज़ जारी किया है। इस दस्तावेज़ में जहां कोयले के प्रयोग को कम करने की पैरवी…
ग्रीन हाइड्रोजन जलवायु ही नहीं, जल संकट के लिहाज़ से भी सबसे बेहतर विकल्प
हाइड्रोजन ब्रह्मांड में मिलने वाला सबसे सरल तत्व और सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला पदार्थ है। जब हाइड्रोजन जलती है, तो यह ऊष्मा के रूप में ऊर्जा उत्पन्न करती है। इस प्रक्रिया में उप-उत्पाद के रूप में पानी बनता है। इसका मतलब साफ है कि हाइड्रोजन से बनी ऊर्जा वायुमंडल को गर्म करने वाली…
खड़ी देशों को जलवायु परिवर्तन से ख़ासा नुकसान
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक रणनीति बनाने के इरादे से फिलहाल दुबई में संयुक्त राष्ट्र की 28वीं बैठक चल रही है। और इस बीच क्रिश्चियन एड द्वारा जारी किये गये एक अध्ययन में जलवायु परिवर्तन के कारण अरब प्रायद्वीप पर पड़ने वाले विनाशकारी आर्थिक प्रभावों को सामने रखा गया है। दूसरी बातों के…
प्रोपेगेंडा के तहत कार्बन कैप्चर को बताया जा रहा है जलवायु समस्या का रामबाण इलाज
एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, क्लाइमेट एक्शन अगेंस्ट डिसइनफॉर्मेशन (सीएएडी) द्वारा किए गए एक व्यापक विश्लेषण ने जलवायु परिवर्तन समाधानों के बारे में प्रचलित विचारधारा में हेरफेर करने के लिए, वैश्विक स्तर पर फ़ौसिल फ्यूल उत्पादन और उपभोग का समर्थन करने वाले समूह द्वारा एक व्यापक और रणनीतिक अभियान चलाये जाने का खुलासा किया है।…