देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक बार फिर भारी बारिश से जूझ रही है। 16 अगस्त से शुरू हुई लगातार बरसात ने 19 अगस्त की दोपहर तक 800 मिमी का आंकड़ा पार कर लिया, जबकि अगस्त महीने में औसतन 560.8 मिमी ही बारिश होती है। इस बीच सांताक्रूज़ स्टेशन पर 944 मिमी और कोलाबा में…
Category: जलवायु विज्ञान
जलवायु विज्ञान से जुडी कहानियाँ
उत्तराखंड की आपदा: जब हिमालय ने चुप्पी तोड़ी, और हमारे तैयार न होने की कीमत चुकाई गई
दोपहर का वक्त था। बादल घिरे थे, पर कोई डर नहीं था। यह तो पहाड़ों का रोज़ का मिज़ाज है। लेकिन अचानक, जैसे किसी ने आसमान के दरवाज़े को खोल दिया हो। एक गगनचुंबी जलधारा सीधी पहाड़ से उतरती हुई धाराली की गलियों में घुस गई। जो सामने आया, उसे बहा ले गई। घर, दुकान,…
जलवायु संकट की मार अब आपकी थाली पर
भारत समेत दुनिया भर में खाने-पीने की चीज़ें हुईं महंगी, नई रिपोर्ट ने खोली पोल अगर आपने हाल के महीनों में सब्ज़ियों, प्याज़, आलू या चाय-कॉफ़ी की कीमतों में अजीब उछाल देखा है, तो यह केवल मंडी की मांग और आपूर्ति का मामला नहीं है। एक नई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च के मुताबिक, भारत समेत दुनियाभर के…
डिजिटल दुनिया पर जलवायु संकट का बढ़ता ख़तरा: दुनिया भर के डेटा सेंटर आ सकते हैं बाढ़, तूफ़ान और आग की चपेट में
बैंकिंग से लेकर क्लाउड स्टोरेज, मेडिकल इमरजेंसी से लेकर मोबाइल नेटवर्क और लॉजिस्टिक्स तक, हमारी पूरी डिजिटल दुनिया जिन डेटा सेंटरों पर टिकी है — वे अब खुद एक बड़े खतरे की चपेट में हैं। यह खुलासा हुआ है XDI (Cross Dependency Initiative) की एक अहम नई रिपोर्ट में, जो जलवायु परिवर्तन के चलते तेज़ी…
अब AI सुनेगी, समझेगी हवा को…
IIT Kanpur और IBM की साझेदारी से उत्तर प्रदेश में AI बनाएगी साफ़ सांसों के नक्शे हम अक्सर हवा को महसूस तो करते हैं, पर क्या हम उसे सुन और समझ पाते हैं? न हमें धुएं की चीख़ सुनाई देती है, न उसमें घुले ज़हरीले कणों की फुसफुसाहट।कभी शिकायत करते हैं कि दम घुट रहा…
अदालतें बन रही हैं जलवायु की रणभूमि
दुनिया भर में बढ़ते क्लाइमेट मुक़दमे और भारत में इसकी गूंज एक ज़माना था जब जलवायु संकट का ज़िक्र सिर्फ़ वैज्ञानिक रिपोर्टों, यूएन सम्मेलनों या NGO की याचिकाओं तक सीमित होता था। लेकिन अब वही मुद्दा अदालतों की चौखट लांघ चुका है। कोर्टरूम अब सिर्फ़ न्याय का मंच नहीं, बल्कि जलवायु की अगली लड़ाई का…
सिर्फ़ घर नहीं, गर्भ तक पहुँच रही हैं हीट वेव्स
जलवायु परिवर्तन अब माँ की कोख तक आ पहुँचा है—जहाँ ज़िंदगी की शुरुआत होती है, वहीं अब संकट भी जन्म ले रहा है। पसीने से तर-ब-तर दोपहरें अब सिर्फ चुभन नहीं लातीं—ये कोख में पल रही ज़िंदगी पर भी वार कर रही हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ती गर्मी अब गर्भवती महिलाओं के लिए…
जलवायु परिवर्तन ने बदली उत्तराखंड की खेती की सूरत
आलू-गेहूं छोड़ किसानों ने पकड़ी दाल-मसालों की राह, बीते दशक में 27% कम हुई खेती की ज़मीन, 70% गिरी आलू की पैदावार उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में जलवायु परिवर्तन की मार ने खेती के नक्शे को पूरी तरह बदल दिया है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में जहां खाद्यान्न और…
अन्तरिक्ष की उड़ान ले रही जलवायु की जान
मयूरी सिंह सोचिए — एक तरफ़ दुनिया भयंकर गर्मी, बाढ़ और खाने के संकट से जूझ रही है, और दूसरी तरफ़ चंद अमीर लोग कुछ मिनटों के लिए अंतरिक्ष घूमने निकल पड़े हैं।ये दौड़ सिर्फ़ शौक़ की नहीं है, ये जलवायु अन्याय और गैर-जिम्मेदारी की एक ज़िंदा मिसाल बन चुकी है। अभी हाल ही में…
क्या ‘Climate Plantations’ सच में जलवायु संकट का समाधान हैं? या फिर एक और खतरा?
क्या हम पेड़ लगाकर और CO₂ को कैप्चर करके ग्लोबल वॉर्मिंग रोक सकते हैं? यह विचार जितना सीधा और आकर्षक लगता है, उतना ही जटिल भी है। हाल ही में पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च (PIK) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन ने इस अवधारणा की सीमाओं को उजागर किया है। यह अध्ययन बताता है कि…