वैश्विक अर्थव्यवस्था ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र में निम्न कार्बन के टिपिंग प्वाइंट्स को छू रही है। आने वाले दशक में सभी क्षेत्र जीवाश्म ईंधन से तेजी से छुटकारा पाने को तैयार हैं। वैश्विक सततता कंसल्टेंसी ‘सिस्टेमिक’ के एक ताजा अध्ययन ‘द पेरिस इफेक्ट- सीओपी26 संस्करण’ (The Paris Effect – COP26 edition), के मुताबिक भारी कार्बन उत्सर्जन वाले किसी नये मूलभूत…
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वायु प्रदूषण से जुडी कहानियाँ

दीवाली बने नैशनल फेस्टिवल, पूरे देश में हो आतिशबाज़ी
होली कम्युनिटी फेस्टिवल है, गणेश चतुर्थी कम्युनिटी फेस्टिवल है, दिवाली को क्यों नहीं बनाया जा सकता कम्युनिटी फेस्टिवल?कैसा रहे कि इस बड़े त्योहार के महत्व को समझते हुए सरकार और नगरपालिकाएं दीवाली के दिन इलाके की प्रमुख इमारतों पर बेहतरीन सजावट करें, पर्यावरण के लिए संवेदनशीलता दिखाते हुए नगरीय प्रशासन इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाज़ी, लेज़र वगैरह से,…

नहीं कम हो रहा जी20 देशों का उत्सर्जन, बेहद तेज़ कार्यवाई ज़रूरी
एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि G20 (जी20) में उत्सर्जन फिर से बढ़ रहा है। नेट ज़ीरो प्रतिबद्धताओं और अद्यतन NDCs (एनडीसी) के बावजूद, G20 की जलवायु कार्रवाई दुनिया को 1.5 डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग सीमा को पूरा करने के लक्ष्य से बहुत पीछे छोड़ रही है। कोविड-19 महामारी की वजह से होने वाली एक छोटी अवधि के बाद, ग्रीनहाउस गैस…

WHO के नये वायु गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने को भारत को करने होंगे सुनियोजित प्रयास
विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया के ज्यादातर देश वायु गुणवत्ता सम्बन्धी पुराने मानकों का ही पालन करने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वायु गुणवत्ता के सम्बन्ध में जारी नये मानकों का पालन बहुत कड़ी चुनौती है। भारत जैसे देश को अगर इन मानकों पर खरा उतरना है तो उसे…

प्रति मिनट 13 मौतों का कारण बनता है जीवाश्म ईंधन का जलना, वायु प्रदूषण के साथ दहका रहा है जलवायु परिवर्तन की आग
कोविड से उबरने के लिए WHO ने किये जलवायु कार्रवाई के दस आह्वान, बड़ी स्वास्थ्य आपदा को टालने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य कार्यबल ने किया वैश्विक कार्रवाई का आग्रह यदि देशों को COVID-19 महामारी से स्वस्थ और पर्यावरण अनुकूल रूप से उबरना है, तो उन्हें महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं को निर्धारित करना चाहिए। ऐसे में, संयुक्त राष्ट्र के ग्लासगो में…

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नागरिक समाज संगठनों ने मिलाया हाथ
इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) द्वारा जारी शोध-आधारित साक्ष्य में हालिया उछाल और डब्ल्यूएचओ द्वारा वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों के नवीनतम संशोधन ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ हवा की आवश्यकता पर पुन: जोर दिया है। भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में शीर्ष स्थान पर है, और (वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक –…

वैश्विक वायु गुणवत्ता के नये दिशानिर्देश हुए जारी, लागु हुए तो बचेंगी लाखों जानें
वर्तमान वायु प्रदूषण के स्वीकार्य स्तरों को नये दिशानिर्देशों में प्रस्तावित स्तरों तक कम किया जाए तो दुनिया में PM₂.₅ से संबंधित लगभग 80% मौतों को टाला जा सकता है। साल 2005 के बाद पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों में संशोधन कर नये दिशानिर्देश जारी किये हैं। यह वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों…

हवा की गुणवत्ता का कृषि पर भी सीधा प्रभाव
एक नए अध्ययन, जिसमें जलवायु, हवा की गुणवत्ता और कृषि के बीच अंतर संबंधों तथा जन स्वास्थ्य पर उन सभी के संयुक्त प्रभाव को खंगालने के लिए शोध किया गया है, से चलता है कि वायु गुणवत्ता का प्रभाव हमारी कृषि पर भी पड़ता है और इसी क्रम में हमारे स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता…

मौजूदा वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के साथ 16 फ़ीसद बढ़ेगा उत्सर्जन
संयुक्त राष्ट्र की जलवायु मामलों की संस्था UNFCCC की ताज़ा रिपोर्ट निराश करने वाली है। इस रिपोर्ट की मानें तो जहाँ जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने में प्रभावी होने के लिए NDCs या देशों के जलवायु लक्ष्यों को वैश्विक उत्सर्जन में पर्याप्त कटौती करनी चाहिए, वहीँ नवीनतम उपलब्ध NDCs के साथ बढ़ने में तो वैश्विक GHG (जीएचजी) उत्सर्जन 2010 की तुलना में 2030 में लगभग 16% ज़्यादा होगा। ज्ञात…