भारत के स्टील सेक्टर पर मंडरा रहा बादल अब साफ दिखाई दे रहा है.दरअसल IEEFA की एक नई रिपोर्ट की मानें तो भारत की बढ़ती स्टील मांग का भविष्य सिर्फ फैक्ट्रियों में नहीं, बल्कि हज़ारों किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया की खदानों में भी तय हो रहा है. भारत आज दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता स्टील…
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भारत की स्टील क्रांति फंडिंग पर अटकी
भारत की स्टील यात्रा मोड़ पर खड़ी है. इधर प्लान है 300 मिलियन टन की स्टील क्षमता तक पहुँचने का, उधर नई रिपोर्टें संकेत दे रही हैं कि यही पलों में लिया गया फैसला अगले 30-40 साल के एमिशन को तय करेगा. ऐसे में सवाल बड़ा और सीधा है: क्या भारत बिना पब्लिक फाइनेंस की…
G20 समिट में भारत की गूंज. जलवायु फाइनेंस से लेकर क्लीन एनर्जी तक, ग्लोबल साउथ की आवाज़ हुई तेज़
साउथ अफ्रीका में खत्म हुआ G20 लीडर्स समिट इस बार कई मायनों में अहम रहा. पहले ही दिन बिना किसी आपत्ति के लीडर्स डिक्लेरेशन अपनाया गया, वो भी तब जब अमेरिका मौजूद नहीं था. इसके बावजूद अफ्रीका और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को जिस मजबूती से जगह मिली है, उसे कूटनीतिक जीत माना जा रहा…
डिजिटल मोर्चे पर Big Oil की बड़ी चाल, COP30 से पहले ऐड में 2,900% उछाल
बेलेम की उमस भरी हवा में COP30 का शोर गूंज ही रहा था, तभी एक नई रिपोर्ट ने माहौल और गर्म कर दिया. रिपोर्ट बताती है कि तेल कंपनियों ने पिछले दस महीनों में ब्राज़ील को टार्गेट करते हुए Google Ads पर ऐसा पैसा लगाया कि सितंबर से अक्टूबर के बीच ऐसे विज्ञापनों में 2,900%…
क्लाइमेट का कहर जारी: भारत फिर सबसे प्रभावित देशों में शामिल
COP30 में पेश की गई जर्मनवॉच की नई रिपोर्ट क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2026 ने एक बार फिर याद दिलाया है कि जलवायु संकट अब भविष्य की नहीं, वर्तमान की कहानी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1995 से 2024 के बीच दुनिया भर में 9,700 से ज़्यादा चरम मौसम की घटनाओं में 8,32,000 लोगों की मौत हुई…
धरती की बर्फ़ पिघल रही है, लेकिन उम्मीद अब भी जमी है: नई रिपोर्ट ने दी चेतावनी और राह दोनों
दुनिया की बर्फ़ तेज़ी से पिघल रही है। हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ़ की चादरों से उठता यह ख़तरा अब किसी दूर के संकट की कहानी नहीं, बल्कि आज की हकीकत है। State of the Cryosphere 2025 रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने चेताया है कि अगर उत्सर्जन मौजूदा रफ्तार से बढ़ते रहे, तो यह बर्फ़ पिघलना अरबों…
अब भी बचाया जा सकता है 1.5°C का लक्ष्य, नई रिपोर्ट ने दिखाई उम्मीद की राह
दुनिया अभी भी 1.5°C के भीतर तापमान को सीमित करने की दौड़ में है, अगर अब से सबसे ऊँची स्तर की जलवायु प्रतिबद्धता के साथ कदम बढ़ाए जाएँ।क्लाइमेट एनालिटिक्स की नई रिपोर्ट “Rescuing 1.5°C” ने दिखाया है कि भले ही पिछले कुछ सालों में कार्रवाई धीमी रही हो, फिर भी दुनिया अपने तापमान को सदी…
पेरिस समझौते के दस साल: दुनिया ने दिशा पाई, अब भारत की बारी और बड़ी चुनौती
2015 की दिसंबर की वो ठंडी शाम याद है जब पेरिस में दुनिया एक साथ आई थी? 194 देशों ने पहली बार एक साझा वादा किया था – धरती को 1.5°C की सीमा में रोकने का। वो कोई साधारण समझौता नहीं था; वो भविष्य की उम्मीद पर लिखा गया एक दस्तावेज़ था। अब, उस ऐतिहासिक…
कोयला हुआ पुराना, अब रिन्यूएबल ही सस्ता
दुनिया भर में 91% नई सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं कोयले-गैस से सस्ती पड़ीं। लेकिन सवाल अब भी बड़ा है: क्या सस्ती बिजली हर किसी तक पहुँच रही है? जरा सोचिए, अगर आपको बताया जाए कि बिजली बनाने का सबसे सस्ता तरीका अब न कोयला है, न गैस, बल्कि सूरज और हवा हैं—तो क्या आप भरोसा…
शिपिंग उद्योग के लिए नयी जलवायु नीति को मिली संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी
संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) ने शिपिंग उद्योग के लिए एक अहम जलवायु नीति को मंजूरी दी है, जिसमें एमिशन की कीमत तय करने के लिए एक नई प्रणाली शामिल है। इस फैसले के तहत, शिपिंग क्षेत्र से होने वाले एमिशन पर कार्बन शुल्क लगाया जाएगा, जिससे हर साल कम से कम 10…