ज़रा कल्पना कीजिए, महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त गाँव में एक युवा माँ बंजर ज़मीन पर मेहनत कर रही है, लेकिन अपने बच्चों का पेट भरने में असमर्थ है। अब उसी महिला को हरे-भरे पेड़ों की छांव में काम करते हुए देखिए, जहां वो लकड़ी, फल या बांस इकट्ठा कर रही है—ऐसे उत्पाद जो उसे आय, स्थिरता…