आजकल हर कोई Net Zero की बातें करता है। कॉरपोरेट जगत से भी बड़े-बड़े climate commitments आते हैं—websites पर sustainability pledges हैं, events में climate change पर panels हैं… लेकिन जब बात असल नीति निर्माण की आती है—जहाँ सच में बदलाव की बुनियाद रखी जाती है—तो ज़्यादातर कंपनियाँ खामोश नज़र आती हैं। भारतीय व्यापार जगत…
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पार्टिकुलेट मैटर से आगे की है बढ़ते शहरी वायु प्रदूषण की कहानी
एक नए विश्लेषण में शहरी वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) से आगे देखने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। जबकि बातचीत में अक्सर पीएम स्तर हावी रहते हैं, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और ओज़ोन जैसे प्रदूषक प्रमुख भारतीय शहरों में वायु गुणवत्ता चुनौतियों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। …

वायु प्रदूषण दुनिया में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण
वायु प्रदूषण पूरी दुनिया में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा सबब बन के सामने आया है। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट (SOGA) 2024 के पांचवें संस्करण के मुताबिक यह दूसरा सबसे बड़े ग्लोबल हेल्थ रिस्क फैक्टर है।कुल मौतों में दिल की बीमारी, पक्षाघात (स्ट्रोक), मधुमेह (डायबिटीज), फेफड़ों का कैंसर और श्वसन संबंधी गंभीर…

जलवायु परिवर्तन ने एशिया में बढ़ाई हीटवेव की तीव्रता, बना दिया घातक
निशान्त सक्सेना वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के एक नए अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन ने अप्रैल में पूरे एशिया में अनुभव की गई हीट वेव की तीव्रता को काफ़ी बढ़ा दिया था. अध्ययन ने साफ किया कि इस अवधि में रिकॉर्ड तोड़ तापमान ने अरबों लोगों को प्रभावित किया, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन…

वाराणसी: 2023 में वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने वाला इकलौता भारतीय शहर
एक उल्लेखनीय उपलब्धि में, भारत के अपेक्षाकृत अधिक प्रदूषित सिंधु-गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद, मंदिरों की नगरी वाराणसी साल 2022-23 और 2023-24 दोनों के सर्दियों के महीनों के दौरान पीएम 2.5 स्तरों के लिए राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रही। इस उपलब्धि के साथ वाराणसी प्रमुख भारतीय शहरों के बीच पर्यावरणीय प्रगति का एक चमकदार उदाहरण बनकर खड़ा हो गया है।…

जलवायु परिवर्तन के शोर से सन्नाटे तक
दीपमाला पाण्डेय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भारत में विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुमेय शोर स्तर निर्धारित किया हुआ है। ध्वनि प्रदूषण नियमों ने दिन और रात, दोनों समय के लिए, विभिन्न क्षेत्रों में शोर के स्वीकार्य स्तर को परिभाषित भी किया है। जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में, अनुमेय सीमा दिन के लिए 75 डीबी…

नेट ज़ीरो के लिए कार्बन कैप्चर और स्टोरेज पर ज़रूरत से ज़्यादा निर्भरता पड़ेगी महंगी
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्मिथ स्कूल ऑफ एंटरप्राइज एंड द एनवायरनमेंट की एक हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि 2050 के आसपास नेट ज़ीरो एमिशन हासिल करने के लिए कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (सीसीएस) पर बहुत अधिक निर्भर रहने की महत्वपूर्ण आर्थिक लागत हो सकती है। अध्ययन से पता चलता है कि नेट ज़ीरो के…

प्रदूषण और बर्थ डिफ़ेक्ट्स: सिर्फ़ सर्दियों में नहीं, साल भर जनसहभागिता के साथ कार्यवाही ज़रूरी
दीपमाला पाण्डेय आजकल उत्तर भारत में एयर पोल्यूशन, एक्यूआई, स्मोग टावर,पराली, औड ईवन फॉर्मूला आदि काफ़ी चर्चा में है। पिछले कुछ सालों से हर साल सर्दियों में यह सब शब्द चर्चा का केंद्र बनने लगते हैं और एक दो महीने में फिर इनकी चर्चा कम होने लगती है। प्रदूषण को एक सीज़न की तरह या…

वैश्विक रिन्यूबल एनेर्जी दौड़ में एशिया अव्वल
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दुनिया भर में रिन्यूबल एनेर्जी को प्राथमिकता देने के मामले में एशिया सबसे तेज़ खिलाड़ी के तौर पर उभर रहा है। एशिया में इस क्षेत्र में निवेश में सालाना 23% की प्रभावशाली वृद्धि हो रही है, जो कि ज़ीरो कार्बन एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार $ 345 बिलियन की एक आश्चर्यजनक…

एयर क्वालिटी: लखनऊ, चेन्नई में हवा मस्त, दिल्ली, पटना, कलकत्ता में जनता त्रस्त
जहां एक ओर देश के चार महानगरों में पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष पीएम 2.5 की मात्रा में इजाफा हुआ है, वहीं देश के सबसे बड़े राज्य, उत्तर प्रदेश, की राजधानी लखनऊ में पीएम 2.5 की मात्रा में कमी देखी गयी। दक्षिण के राज्य तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई को सबसे कम प्रदूषित पाया…