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Tag: climate action

जलवायु परिवर्तन लाएगा लगभग 20% कमाई में कमी: नेचर

Posted on April 17, 2024

वायुमंडल में पहले से मौजूद ग्रीनहाउस गैसों और सामाजिक-आर्थिक जड़ता के चलते, आने वाले 50 सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था औसतन 19% आय में कमी की ओर अग्रसर है. इस कमी का असर लगभग सभी देशों में देखने को मिलेगा. भारत की बात करें, तो यह आंकड़ा 22% हो जाता है, जो कि वैश्विक औसत से…

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जलवायु परिवर्तन और दिव्यांगता: एक अनदेखा संबंध

Posted on March 20, 2024

दीपमाला पाण्डेय साल 2023 में पृथ्वी की औसत भूमि और महासागर की सतह का तापमान 20वीं सदी से 2.12 डिग्री फ़ारेनहाइट (1.18 डिग्री सेल्सियस) अधिक था। यह आंकड़ा साल 1850 से अब तक रिकॉर्ड किया गया उच्चतम वैश्विक तापमान है। इसने, इससे पहले अब तक के सबसे गर्म वर्ष, 2016 को 0.27 डिग्री फ़ारेनहाइट (0.15…

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सर्दियों में लगातार दूसरे साल गर्मी का एहसास, बन रही है पानी की चिंता अब खास

Posted on March 1, 2024

भारत लगातार दूसरे साल गर्म सर्दियों से जूझ रहा है, जिससे देश की जल आपूर्ति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. क्लाइमेट ट्रेंड्स की एक हालिया रिपोर्ट स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते सर्दी के सीज़न में बारिश कम हुई है, जिससे कुल वर्षा की मात्रा में भारी कमी…

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जलवायु परिवर्तन से भारत की संवेदनशीलता और अर्थव्यवस्था पर पड़ता प्रभाव

Posted on February 28, 2024

भारत की विविध भौगोलिक संरचना, जलवायु परिस्थितियों और सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों के प्रति उसकी संवेदनशीलता अधिक है। ये प्रभाव पहले से ही अर्थव्यवस्था और आजीविका को प्रभावित कर रहे हैं, जो विकास और गरीबी उन्मूलन में प्रगति को बाधित कर सकते हैं।उदाहरण के लिए, वर्ष 2021 में, भारत में…

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पर्यावरणीय चिंताओं में आर्द्रभूमि संरक्षण और बहाली को नहीं मिलती पर्याप्त प्राथमिकता

Posted on February 26, 2024

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस), दिल्ली, ने 22 और 23 फरवरी को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग के सहयोग से “आर्द्रभूमि जीवन के लिए” विषय पर एक क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। आर्द्रभूमि, जिसे दलदल, तालाब या झील भी कहा जाता है, वो इलाका होता है जहाँ पानी…

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जलवायु परिवर्तन के शोर से सन्नाटे तक

Posted on February 10, 2024

दीपमाला पाण्डेय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भारत में विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुमेय शोर स्तर निर्धारित किया हुआ है। ध्वनि प्रदूषण नियमों ने दिन और रात, दोनों समय के लिए, विभिन्न क्षेत्रों में शोर के स्वीकार्य स्तर को परिभाषित भी किया है। जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में, अनुमेय सीमा दिन के लिए 75 डीबी…

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COP28: कुछ कदमों की प्रगति, लेकिन जरूरत बड़ी छलांग की

Posted on December 14, 2023

दुबई में सम्पन्न हुई COP28 अब तक के अपने इतिहास की सबसे बड़ी जलवायु वार्ता के रूप में याद की जाएगी. इतना ही नहीं, इस सम्मेलन को और भी तमाम वजहों से याद किया जाएगा और इन सभी वजहों के मिश्रित प्रभाव से यह COP एक ऐतिहासिक सम्मेलन बनता दिख रहा है. इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के परिणामों का विश्लेषण करना न सिर्फ एक…

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प्रोपेगेंडा के तहत कार्बन कैप्चर को बताया जा रहा है जलवायु समस्या का रामबाण इलाज

Posted on December 10, 2023

एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, क्लाइमेट एक्शन अगेंस्ट डिसइनफॉर्मेशन (सीएएडी) द्वारा किए गए एक व्यापक विश्लेषण ने जलवायु परिवर्तन समाधानों के बारे में प्रचलित विचारधारा में हेरफेर करने के लिए, वैश्विक स्तर पर फ़ौसिल फ्यूल उत्पादन और उपभोग का समर्थन करने वाले समूह द्वारा एक व्यापक और रणनीतिक अभियान चलाये जाने का खुलासा किया है।…

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सर्दियों में अंकित को गिरने का आदी मत होने दीजिये

Posted on December 9, 2023

दीपमाला पाण्डेय दो दिन पहले की  बात है। कुछ बच्चों से पता चला कि आठ साल का अंकित स्कूल आते समय रास्ते में गिर गया। अंकित को वैसे भी चलने में समस्या है। पूछ ताछ करने पर पता चला कि ठंड की वजह से उसके पैर अचानक से मुड़ जाते हैं और इसी वजह से…

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जलवायु एवं पर्यावरण कार्यकर्ताओं के खिलाफ बढ़ रही है ऑनलाइन और ऑफलाइन नफ़रत

Posted on December 7, 2023

जहां एक ओर जलवायु से जुड़ी चिंताएँ बढ़ रही हैं और सरकारों की प्राथमिकता में यह विषय शामिल हो रहा है, वहीं एक परेशान वाले घटनाक्रम में पता चल रहा है कि जलवायु संरक्षण के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं और संगठनों के खिलाफ हिंसा एक आम चलन बनती जा रही है।इस बात का पता…

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क्लाइमेट की कहानी, मेरी ज़बानी

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