क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। कुल बजटीय आवंटन ₹48.21 लाख करोड़ रुपये के साथ, यह बजट रिन्यूबल एनेर्जी, जलवायु अनुकूलन और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर देता है। एक नज़र बजट की मुख्य बातों पर पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना इस महत्वाकांशी पहल का लक्ष्य 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सौर पैनल लगाना है, जिससे हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। ₹6,250 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, यह कार्यक्रम गैर-रिन्यूबल एनेर्जी पर निर्भरता कम करने और रिन्यूबल एनेर्जी अपनाने को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी है। पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाएं रिन्यूबल एनेर्जी को बिजली ग्रिड में एकीकृत करने में स्थिरता लाने के लिए, सरकार पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। ये परियोजनाएं रिन्यूबल एनेर्जी स्रोतों के परिवर्तनशील स्वरूप को प्रबंधित करने में मदद करेंगी, जिससे एक विश्वसनीय बिजली आपूर्त्ति सुनिश्चित होगी। परमाणु ऊर्जा विकास बजट में भारत स्मॉल रिएक्टर और भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करने की योजना है। इसमें नई परमाणु प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास के लिए समर्थन भी शामिल है। आवश्यक खनिज मिशन नया महत्वपूर्ण खनिज मिशन विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू उत्पादन, पुनर्चक्रण और अधिग्रहण को बढ़ावा देगा। यह मिशन प्रौद्योगिकी विकास, कर्मचारियों के प्रशिक्षण और वित्तपोषण व्यवस्था स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्नत अति महत्वपूर्ण ताप विद्युत संयंत्र (एयूएससी) एनटीपीसी और बीएचईएल के सहयोग से, उच्च दक्षता वाली बिजली उत्पादन के लिए 800 मेगावाट का एयूएससी तकनीक वाला थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। पारंपरिक उद्योगों के लिए समर्थन अधिक टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए, 60 पारंपरिक लघु और कुटीर उद्योगों के समूहों में ऊर्जा जांच और स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जलवायु अनुकूलन और शमन के प्रयास जलवायु के अनुकूल कृषि सरकार 109 उच्च उपज देने वाली, जलवायु-सहने वाली फसल किस्मों को जारी करेगी और 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के कार्यान्वयन में 400 जिलों में खरीफ फसल का डिजिटल सर्वेक्षण और 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन को रजिस्ट्री में शामिल करना शामिल है। जलवायु वित्त के लिए वर्गीकरण जलवायु अनुकूलन और कमी के प्रयासों के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जलवायु वित्त के लिए एक नया वर्गीकरण प्रणाली विकसित की जाएगी। बाढ़ प्रबंधन और पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता बजट में बिहार, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों में…
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उत्तराखंड में गर्मी के नए रिकॉर्ड, जलवायु परिवर्तन ने बढ़ाई संकट की स्थिति
उत्तराखंड ने पिछले दो महीनों में चरम मौसम की स्थितियों का सामना किया है। जून में जहां अधिकतम तापमान ने रिकॉर्ड तोड़े, वहीं जुलाई में मूसलधार मानसूनी बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा कर दी। 1 जून से 10 जुलाई तक उत्तराखंड में कुल बारिश 328.6 मिमी दर्ज की गई, जो सामान्य 295.4…
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अधिकांश भारतीय ग्लोबल वार्मिंग पर चिंतित, करते हैं प्रधानमंत्री मोदी के मिशन लाइफ का समर्थन
येल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन और सीवोटर इंटरनेशनल द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा ग्लोबल वार्मिंग के बारे में चिंतित है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण सरकारी उपायों का समर्थन करता है। “भारतीय मानस में जलवायु परिवर्तन 2023” शीर्षक वाली रिपोर्ट, इस विषय…
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जलवायु परिवर्तन ने एशिया में बढ़ाई हीटवेव की तीव्रता, बना दिया घातक
निशान्त सक्सेना वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के एक नए अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन ने अप्रैल में पूरे एशिया में अनुभव की गई हीट वेव की तीव्रता को काफ़ी बढ़ा दिया था. अध्ययन ने साफ किया कि इस अवधि में रिकॉर्ड तोड़ तापमान ने अरबों लोगों को प्रभावित किया, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन…
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जमीन का संकट: थमती खेती, बढ़ता पलायन, खतरे में खाद्य सुरक्षा
एक हालिया अध्ययन से एक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। साल 2008 के बाद से वैश्विक भूमि की कीमतें दोगुनी हो गई हैं, जबकि मध्य यूरोप में कीमतों में तीन गुना वृद्धि देखी जा रही है। ज़मीन की कीमतों में यह उछाल दुनिया भर में किसानों और ग्रामीण समुदायों पर भारी दबाव डाल रहा है। अध्ययन से पता…
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रिन्यूबल एनेर्जी में ट्रांज़िशन को न्यायसंगत बनाना जरूरी: विशेषज्ञ
पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी दुष्परिणामों के मद्देनजर भारत में रिन्यूबल एनेर्जी से जुड़े महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किये गये हैं। इसके तहत कार्बन एमिशन को खत्म करने के लिये कोयला खदानों को दीर्घकाल में बंद करना होगा। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि इन खदानों में काम करने वाली बड़ी…
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हिन्द महासागर का बढ़ता तापमान करेगा पृथ्वी को परेशान: शोध
एक नए अध्ययन ने हिंद महासागर के भविष्य के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने रखी है। इस अध्ययन के अनुसार, हिंद महासागर का तेजी से गर्म होना वैश्विक जलवायु को प्रभावित कर सकता है। अध्ययन में पाया गया है कि हिंद महासागर का तापमान अब तक की रफ्तार से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है।…
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जानिए क्यों बढ़ती गर्मी हेमंत की दुनिया उजाड़ रही है
दीपमाला पाण्डेय अप्रैल के महीने में पहले कभी इतनी गर्मी का एहसास नहीं हुआ जितना इस साल हो रहा है। पिछला साल धरती के इतिहास का सबसे गरम साल था। इस महीने की गर्मी महसूस करते हुए लग रहा है ये साल भी उसी दिशा में बढ़ रहा है। आप और हम तो शायद अपने…
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क्या होली आ जाएगी भीषण गर्मी की चपेट में?
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि भारत के नौ राज्यों में होली के त्योहार के दौरान तापमान के 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तक हो जाने की संभावना है होली कुछ ही दिनों दूर है, और क्लाइमेट सेंट्रल द्वारा किए गए एक नए अध्ययन ने चिंताजनक तस्वीर पेश की है। रंगों का यह…
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RE RTC: भारत के ऊर्जा संकट का स्थायी समाधान?
विकसित दुनिया भले ही भारत पर जलवायु कार्यवाही को और प्रभावी बनाने की जुगत लगता रहे, लेकिन भारत सरकार की जलवायु परिवर्तन को लेकर संवेदनशीलता किसी से छिपी नहीं है. आज भारत जलवायु कार्यवाही के मामले में शीर्ष वैश्विक नेतृत्व भी बन के उभर रहा है. ऐसे में सरकार के रिन्यूबल एनेर्जी को तरजीह देने…