जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सबसे महत्वाकांक्षी सरकारी योजनाओं में से एक, यूरोपीय संघ की ग्रीन डील साल 2050 तक यूरोपीय देशों के इस समूह की अर्थव्यवस्था को नेट ज़ीरो उत्सर्जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से बनी नीतियों का एक सेट है। यह अपनी तरह की एक अनूठी और पहली पहल है। लेकिन किसी…
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भारत का नेट-ज़ीरो होना संभव, लेकिन जटिल भी!
जिस जलवायु परिर्वतन को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, उसे जो बिडेन के नेतृत्व में अमेरिका की ओर से दुनिया की सबसे बड़ी प्राथमिकता के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसी सिलसिले में जॉन केरी, जो कि जो बाइडेन के क्लाइमेट दूत हैं, तीन…
प्राकृतिक अजूबों को भी नष्ट कर सकता है जलवायु परिवर्तन
यदि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि जारी रहती है तो दुनिया के सबसे आश्चर्यजनक प्राकृतिक स्थानों के अद्वितीय जानवर और पौधे विलुप्त हो सकते हैं। यह चेतावनी सामने आई है जर्नल बायोलॉजिकल संरक्षण में प्रकाशित एक नए वैज्ञानिक अध्ययन में। हालाँकि पेरिस समझौते के जलवायु लक्ष्यों के भीतर शेष है – जिसका उद्देश्य वैश्विक तापमान को 2°C से नीचे रखना है, आदर्श रूप…
क्या उत्तराखंड की बढ़ती गर्मी बनी वहाँ जंगलों में लगी आग का सबब?
जंगलों में लगने वाली आग अब तक हमें अमेरिका और ब्राज़ील की याद दिलाती हैं। लेकिन अब, आग लगने की ख़बर हमारे अपने उत्तराखंड के जंगलों से फ़िलहाल आ रही है। अटपटा सिर्फ यही नहीं कि भारत के जंगलों में आग लगी है। जंगलों में आग लगना असामान्य नहीं है लेकिन हैरान करने वाली बात…
ट्रम्प के नेतृत्व में ओबामा काल से ज़्यादा कोयला बिजली प्लांट हुए रिटायर
भले ही डोनाल्ड ट्रम्प पेरिस समझौते से अमेरिका को बाहर निकालने के लिए पर्यावरण विरोधी कहे जाते हों, लेकिन ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि बराक ओबामा के आख़िरी शासन काल के मुकाबले ट्रम्प के शासन काल में ज़्यादा क्षमता के कोयला बिजली संयंत्रों को रिटायर किया गया।वहीँ चीन में साल 2020 में 38.4 गीगावॉट के…
भूमध्यरेखा पर ग्लोबल वार्मिंग ने किया त्रस्त, गर्मी से समुद्री जीवन अस्त-व्यस्त
एक नए अध्ययन से पहली बार यह पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के चलते समुद्री जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। यहाँ तक की भूमध्यरेखा और ट्रॉपिक्स पर पानी में गर्मी इस कदर बढ़ चुकी है कि वहां से तमाम समुद्री जीवन की प्रजातियाँ दूर जा चुकी हैं। भूमध्यरेखीय जल में पाए जाने वाले…
क्या IEA वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक में नेट ज़ीरो मार्ग को रेखांकित करेगा?
वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक साथ काम करने के इरादे से 31 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) और संयुक्त राष्ट्र की 26वीं क्लाइमेट चेंज कांफेरेंस (COP26) के नेट शून्य शिखर सम्मेलन में 40 से अधिक देशों के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और जलवायु…
जलवायु निष्क्रियता की कीमत नेट ज़ीरो होने के खर्चे से कहीं ज़्यादा
मौजूदा वार्मिंग प्रवृत्ति जारी रहने पर जलवायु परिवर्तन से आर्थिक नुकसान 2025 तक प्रति वर्ष $ 1.7 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा, और 2075 तक लगभग 30 ट्रिलियन डॉलर प्रति वर्ष (अनुमानित GDPका 5%) तक पहुंच जाएगा। जलवायु कार्रवाई को रोकने या टालने के इरादे से राजनेता अक्सर तर्क देते हैं कि इसमें बहुत अधिक लागत…
जीवाश्म ईंधन पर प्रतिबन्ध लगाने वाले शहरों की संख्या में हुआ पांच गुना इज़ाफ़ा
दुनिया की आधी से ज़्यादा आबादी ऐसे शहरों में रहती है जहाँ दुनिया की तीन चौथाई बिजली की खपत होती है। इसी वजह से, लगातार दूसरे साल, REN21 ने अपने ताज़ा प्रयास में विश्लेषण किया है कि वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए उत्सर्जन के ख़िलाफ़ जंग में दुनिया भर के शहर रिन्यूएबल ऊर्जा का उपयोग…
पर्यावरण की बेहतरी के नाम पर कहीं कार्बन न्यूट्रल एलएनजी छलावा तो नहीं?
आजकल आयल और गैस के क्षेत्र में एक नया ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। और ये है कार्बन न्यूट्रल एलएनजी का। शेल और गैज़प्रोम जैसी कम्पनियों ने यूरोप में पहला कार्बन न्यूट्रल एलएनजी कार्गो बेचने का दावा भी किया है। उधर जापान में 15 गैस खरीदारों ने इस ईंधन की खरीद को बढ़ावा देने के…