दुनिया की आधी से ज़्यादा आबादी ऐसे शहरों में रहती है जहाँ दुनिया की तीन चौथाई बिजली की खपत होती है। इसी वजह से, लगातार दूसरे साल, REN21 ने अपने ताज़ा प्रयास में विश्लेषण किया है कि वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए उत्सर्जन के ख़िलाफ़ जंग में दुनिया भर के शहर रिन्यूएबल ऊर्जा का उपयोग…
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पर्यावरण की बेहतरी के नाम पर कहीं कार्बन न्यूट्रल एलएनजी छलावा तो नहीं?
आजकल आयल और गैस के क्षेत्र में एक नया ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। और ये है कार्बन न्यूट्रल एलएनजी का। शेल और गैज़प्रोम जैसी कम्पनियों ने यूरोप में पहला कार्बन न्यूट्रल एलएनजी कार्गो बेचने का दावा भी किया है। उधर जापान में 15 गैस खरीदारों ने इस ईंधन की खरीद को बढ़ावा देने के…

रिन्युब्ल एनेर्जी के बैटरी स्टोरेज को व्यावहारिक बनाने की स्पष्ट नीति जरूरी
परम्परागत कोयला बिजलीघरों के कारण बढ़ते प्रदूषण से उत्पन्न चिंताओं के बीच वैश्विक स्तर पर आशा की किरण के रूप में उभरी सौर और वायु ऊर्जा अपने साथ कुछ चुनौतियां भी लेकर आयी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की अक्षय ऊर्जा के स्टोरेज और उसके समझदारी से इस्तेमाल की स्पष्ट नीति नहीं…

चीन की ताज़ा पंचवर्षीय योजना में जलवायु के लिए अनिश्चिता के संकेत
इस साल, चीन में 14-वीं पंचवर्षीय योजना की शुरुआत होगी। लेकिन जलवायु परिवर्तन की चुनौती से लड़ने की नज़र से अगर इस योजना के बारे में मिल रही जानकारी को देखा जाए तो कहना गलत नहीं होगा कि ख़ास उम्मीद नहीं लगायी जा सकती इस योजना से। साल 1953 से, चीन सरकार अपने देश में…

के-पॉप का हाथ, अब जलवायु परिवर्तन मुद्दे के साथ!
दुनिया भर के युवाओं में कोरियन पॉप, या के-पॉप, संगीत ने धूम मचाई हुई है। लेकिन इस संगीत के प्रशंसक सिर्फ संगीत के उन्माद में ही चूर नहीं रहते, बल्कि अपनी सामाजिक भूमिका को भी बड़ी संजीदगी से लेते हैं। जहाँ एक ओर के-पॉप ने हाल के वर्षों में सांस्कृतिक फलक पर खासा दबदबा बना…

इस किंग का 3 BHK का साम्राज्य है!
निशान्त बाज़ार और बाज़ारवाद!अमूमन लोग इन दोनों शब्दों को एक सा मान लेते हैं और इनके बीच के फ़र्क़ को मामूली मानते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे हिन्दू होना और हिंदुत्व की बात करना, एक माना जाता है। बाहरहाल, हिन्दू और हिंदुत्व के फ़र्क़ पर चर्चा फिर कभी।अब वापस आते हैं बाज़ार और बाज़ारवाद के…

जलवायु आपातकाल रोकने के लिए CO2 उत्सर्जन कटौती दर में दस गुना वृद्धि ज़रूरी
भले ही तमाम देश कार्बन उत्सर्जन में कटौती का दम भर रहे हैं , लेकिन असलियत ये है कि उनकी इस कटौती की दर में दस गुना बढौतरी की ज़रूरत है। दरअसल एक नए शोध से पता चलता है कि भले ही 2016-2019 के दौरान 64 देशों ने अपने CO2 उत्सर्जन में ख़ासी कटौती की, लेकिन जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस समझौते…

सावधान! भारत में सूखा पड़ने की घटनाओं में होने वाली है वृद्धि
गर्मियों की आमद एक परेशान करने वाली ख़बर से हो रही है। और ये खबर एक बार फिर जलवायु परिवर्तन के हवाले से आ रही है।

शायद आपकी बिजली की ज़रूरत ले रही है इनकी जान
इस वक़्त अगर आप इस ख़बर को पढ़ रहे हैं तो मतलब आपके पास बिजली की सप्लाई है। और इस बात की भी पूरी उम्मीद है कि जिस बिजली से आपने अपने फोन को चार्ज किया या कम्प्यूटर को सप्लाई दी, वो कोयले के जलने से आयी होगी।ये भी हो सकता है कि इसी बिजली…

रेड अलर्ट पर पृथ्वी, 2021 मेक ओर ब्रेक यर: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मानें तो पृथ्वी “रेड अलर्ट” पर है। वजह है दुनिया भर की सरकारों का अपने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने में विफल होना।उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) की रिपोर्ट के बाद 2021 को “मेक या ब्रेक ईयर” के रूप में वर्णित किया। इस रिपोर्ट…