जिस तरह से राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों में प्रकृति को महत्व दिया जाता है, वह वैश्विक जैव विविधता संकट का न सिर्फ एक प्रमुख घटक है बल्कि इसे संबोधित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। यह कहना है दुनिया के 82 शीर्ष वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का एक चार साल के मूल्यांकन के बाद। आईपीबीईएस की…
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सिर्फ़ सर्दियों में नहीं, गर्मियों में भी वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या
जहां आमतौर पर यह माना जाता है कि वायु प्रदूषण सर्दियों के दौरान होने वाली समस्या है, वहीं 10 शहरों के गर्मियों के दौरान जुटाये गए सरकारी डाटा पर नज़र डालें तो पता चलता है कि गर्मियों के महीनों में पीएम2.5 और पीएम10 के प्रति माह स्तर इन ज्यादातर महीनों में क्रमशः 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की…
इस केस में जलवायु क्षति आंकलन के लिए खुद जज पहुंचे मौका मुआइना करने
एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में, पूरी दुनिया को जलवायु परिवर्तन की गाज से बचाने के लिए हुए तमाम मुकदमों में से एक में, जर्मनी के न्यायाधीशों ने पेरू का दौरा किया है जिससे यूरोप के सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक की वजह से वहाँ होने वाले नुकसान के स्तर को निर्धारित किया जा सके। यह मामला मानव-जनित ग्लोबल वार्मिंग पर कानूनी…
टल सकता था अप्रैल का कोयला संकट अगर रिन्यूएबल एनेर्जी लक्ष्य होते हासिल
अप्रैल 2022 में, कोयले की उपलब्धता में कमी के कारण भारत में बिजली संकट पैदा हो गया था। बिजली उत्पादन में भारी कमी देखी गई और महीने के 8 दिनों में 100 मिलियन यूनिट (एमयू) (MU) से अधिक ऊर्जा की कमी हुई। इसने कई राज्यों में डिस्कॉम को बिजली सप्लाई राशन करने के लिए लोड-शेडिंग…
इस साल 175GW के लक्ष्य को हासिल करने में राज्यों का सहयोग होगा निर्णायक
भारत के पास दिसंबर 2022 तक 175 GW क्षमता के स्वच्छ ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य है। फिलहाल अप्रेल का महीना ख़त्म हो रहा है और मार्च 2022 तक कुल 110 GW रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता स्थापित हुई है, जो कि 175 GW लक्ष्य का 63% है।ग्लोबल थिंक टैंक एम्बर की एक नई रिपोर्ट से…
हीट वेव का भीषण वार, जलवायु परिवर्तन फिर जिम्मेदार
उत्तरी भारत के तमाम हिस्सों में फ़िलहाल लगभग हर कोई इस वक़्त एक जानलेवा हीटवेव का अनुभव कर रहा है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि भारत समेत पाकिस्तान में भी जानलेवा हीटवेव तैयार हो रही है। ये वो इलाका है जहां दुनिया के हर पांच में से एक व्यक्ति गुजर—बसर करता है। पाकिस्तान के जैकबाबाद…
जलवायु संकट : कोई सार्वभौमिक समाधान नहीं, मगर उम्मीद अभी बाक़ी
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट इस बात की गवाही देती है कि दुनिया प्रदूषण उत्सर्जन न्यूनीकरण के लक्ष्यों को हासिल कर पाने की राह पर नहीं है। इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिये जरूरी है कि प्रयासों को दोगुना किया जाए और नुकसान को जहां तक हो सके, कम किया जाए। नवरोज़ के दुबाष संयुक्त…
अंततः आ गया है विंड और सौर का दौर
दुनिया भर में कुल बिजली उत्पादन में विंड और सोलर का हिस्सा दस फीसद से ज़्यादा, 2015 के बाद से हुआ दोगुनाआज जारी हुई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में विंड और सोलर एनेर्जी अब कम से कम 10 फीसद की हिस्सेदार है।दरअसल यह दोनों ऊर्जा स्त्रोत पिछले…