बात मानव जनित जलवायु परिवर्तन के लिए स्वयं को ऍडाप्ट करने की हो या ग्रीनहाउस गैस एमिशन को कम करने की हो, तो इस बात में कोई दो राय नहीं कि अब हमारे पास इन दोनों ही समस्याओं के समाधान के लिए तमाम व्यावहारिक और प्रभावी विकल्प उपलब्ध हैं। कमी है तो सिर्फ नीतिगत फैसलों…
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जलवायु संकट : कोई सार्वभौमिक समाधान नहीं, मगर उम्मीद अभी बाक़ी
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट इस बात की गवाही देती है कि दुनिया प्रदूषण उत्सर्जन न्यूनीकरण के लक्ष्यों को हासिल कर पाने की राह पर नहीं है। इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिये जरूरी है कि प्रयासों को दोगुना किया जाए और नुकसान को जहां तक हो सके, कम किया जाए। नवरोज़ के दुबाष संयुक्त…
वातावरण से कार्बन कैसे हटायेंगे, IPCC रिपोर्ट में वैज्ञानिक बताएँगे
IPCC ने अब तक बढ़ते तापमान के कारणों, चुनौतियों और प्रभावों का विवरण देने वाली रिपोर्ट के दो सेट जारी किए हैंजहाँ एक ओर जलवायु परिवर्तन लगातार अपनी गति पर बढ़ रहा है और स्थिति बिगाड़ रहा है, वहीँ एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र का अंतर सरकारी पैनल (IPCC) जलवायु परिवर्तन पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट…
विशेषज्ञों की राय, रूपांतरणकारी दृष्टिकोण अपनाकर ठोस और तात्कालिक कदम उठाये जाएं
जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट भविष्य की एक भयावह तस्वीर पेश करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कार्बन उत्सर्जन मौजूदा रफ्तार से बढ़ता रहा तो वर्ष 2100 तक लगभग पूरे भारत में वेट बल्ब टेंपरेचर 35 डिग्री सेल्सियस के जानलेवा स्तर तक पहुंच जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है…
संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी: गर्मी ले लेगी जान अगर नहीं लगी उत्सर्जन पर लगाम
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट रिलीज़ हो चुकी है और यह रिपोर्ट बेहद खास है। ख़ास इसलिए क्योंकि इसमें साफ़ तौर पर वैश्विक स्तर पर बढ़ते कार्बन एमिशन और उसकी वजह से बदलती जलवायु का मानवता पर हो रहे असर का ज़िक्र है।जो बात आईपीसीसी (IPCC) वर्किंग ग्रुप 2 (WG2) की इस…
आईपीसीसी की यह रिपोर्ट होगी ख़ास, भारत की बनी है नज़र
जलवायु परिवर्तन को लेकर हमारी वल्नरेबिलिटी और उसे ले कर हमारी एडाप्टेशन की क्षमताओं पर केन्द्रित संयुक्त राष्ट्र की इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की एक आगामी रिपोर्ट भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।इस महीने की 28 तारीख को जारी होने वाली यह बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट वैश्विक और क्षेत्रीय स्तरों पर पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता और…
किगाली संशोधन को मंज़ूरी के साथ एक बार फिर दिखाया भारत ने नेतृत्व
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) की खपत और उत्पादन को धीरे-धीरे कम करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इस प्रोटोकॉल में अकेले सदी के अंत तक वातावरण के 0.5 डिग्री गर्म होने से बचने की क्षमता है। जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ वैश्विक जंग में एक बार फिर भारत ने नेतृत्व दिखाते हुए, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली…
इन 20 देशों की 73 फ़ीसद जनता मानती है पृथ्वी महाविनाश के मुहाने पर
आईपीसीसी की ताज़ा रिपोर्ट ‘कोड रेड’ के बाद आज ग्लोबल कॉमंस अलायंस ने द ग्लोबल कॉमन्स सर्वे: एटिट्यूड टू प्लेनेटरी स्टीवर्डशिप एंड ट्रांसफॉर्मेशन अमंग जी20 कंट्रीज़ नाम की एक रिपोर्ट जारी की है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों के 73 फीसद लोग मानते हैं कि इंसान की हरकतों की वजह से दुनिया एक…
100 GW रिन्यूबल ऊर्जा क्षमता स्थापित करना भारत में राजनीतिक इच्छाशक्ति का नतीजा: विशेषज्ञ
देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लाल किले से दिए अपने भाषण में जहाँ तमाम महत्वपूर्ण घोषणाएं की, उनमें सबसे ख़ास रही राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की स्थापना की घोषणा, जिसके अंतर्गत भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का नया वैश्विक केंद्र बनाने के प्रयास होंगे। इसी के साथ उन्होंने…
विनाश की तरफ बढ़ रही है दुनिया
संयुक्त राष्ट्र की आज जारी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अगले 20 सालों में दुनिया के तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस इजाफा तय, ग्लोबल वार्मिंग की इस रफ्तार पर भारत में गर्म चरम मौसम की आवृत्ति में वृद्धि की उम्मीद धरती की सम्पूर्ण जलवायु प्रणाली के हर क्षेत्र में पर्यावरण में हो रहे बदलावों को दुनिया…