एक बेहद तेज़ घटनाक्रम में यूके की COP प्रेसीडेंसी ने ग्लासगो क्लाइमेट समिट के लिए फैसलों का एक नया मसौदा जारी किया है। इस मसौदे की भाषा सशक्त है और इशारा करती है कि अंततः फैसलों की शक्ल कैसी हो सकती है।लेकिन इस मसौदे को ले कर विशेषज्ञों की कुछ चिंताएं हैं। इनमें चिंता का मुख्य विषय…
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जलवायु परिवर्तन जनस्वास्थ्य का भी मुद्दा है
जब दुनिया भर के देशों के शीर्ष नेता और नीति निर्माता स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में जलवायु परिवर्तन पर नीति निर्धारण के लिए चल रही COP 26 में चर्चा और फैसलों में व्यस्त हैं, तब भारत के सबसे प्रदेश की राजधानी लखनऊ में, एशिया के सबसे बड़े चिकित्सालय, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, में भी जलवायु परिवर्तन…

विश्व को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेगी ब्रिटेन और भारत की यह ग्रीन ग्रिड
यूके के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन और भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त रूप सेCOP26 वर्ल्ड लीडर्स समिट में एक नई प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय पहल की शुरुआत की, जिसे 80 से अधिक देशों द्वारा समर्थित किया गया था, और जिससे वैश्विक स्तर पर एनर्जी ट्रांज़िशन में नाटकीय रूप से परिवर्तन किया जा सके। यूके और…

मुंबई समेत दुनिया के यह 50 देश हो जायेंगे ग़ायब, अगर…
क्लाइमेट सेंट्रल नाम के एक गैर-लाभकारी समाचार संगठन ने कुछ हैरान करने वाली फ़ोटोज़ का एक सेट जारी किया है जो दिखाता है कि अगर जलवायु परिवर्तन संकट से निपटा नहीं गया तो दुनिया भर के कुछ सबसे प्रतिष्ठित स्थलों का क्या होगा। क्लाइमेट सेंट्रल के नवीनतम शोध से पता चलता है कि वर्तमान उत्सर्जन मार्ग के…

अगले तीन दशक में 21.6 करोड़ लोग हो जायेंगे देश से पलायन को मजबूर
अगले दस सालों में ही शुरू हो सकता है देश में आंतरिक पलायन का सिलसिला विश्व बैंक की आज जारी हुई ग्राउंड्स वेल रिपोर्ट में पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में लोगों के विस्थापन का एक बड़ा कारण बनता जा रहा। इस बात की गम्भीरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा…

किगाली संशोधन को मंज़ूरी के साथ एक बार फिर दिखाया भारत ने नेतृत्व
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) की खपत और उत्पादन को धीरे-धीरे कम करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इस प्रोटोकॉल में अकेले सदी के अंत तक वातावरण के 0.5 डिग्री गर्म होने से बचने की क्षमता है। जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ वैश्विक जंग में एक बार फिर भारत ने नेतृत्व दिखाते हुए, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली…

इन 20 देशों की 73 फ़ीसद जनता मानती है पृथ्वी महाविनाश के मुहाने पर
आईपीसीसी की ताज़ा रिपोर्ट ‘कोड रेड’ के बाद आज ग्लोबल कॉमंस अलायंस ने द ग्लोबल कॉमन्स सर्वे: एटिट्यूड टू प्लेनेटरी स्टीवर्डशिप एंड ट्रांसफॉर्मेशन अमंग जी20 कंट्रीज़ नाम की एक रिपोर्ट जारी की है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों के 73 फीसद लोग मानते हैं कि इंसान की हरकतों की वजह से दुनिया एक…

कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 76% के लिए अकेले G20 देश ज़िम्मेदार
अकेले चीन वैश्विक उत्सर्जन के एक चौथाई से ज़्यादा के लिए ज़िम्मेदार, मगर सभी G20 देशों को निभानी होगी महत्वपूर्ण भूमिका क्योंकि दुनिया के कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 76 फीसद हिस्से के लिए अकेले G20 देश ज़िम्मेदार हैं, इसलिए अगर इन देशों के नेता मन बना लें तो दुनिया की सूरत बदल सकती है। गौर करने वाली बात है कि इस 76 फ़ीसद…

जलवायु परिवर्तन के कारण बदल रहा है भारत के मानसून का मिजाज़
फ़िलहाल भारत में मानसून आ चुका है, लेकिन मिजाज़ बदले बदले से हैं इस मौसम की घटना के। वैसे भी भारतीय मानसून एक जटिल परिघटना है और विशेषज्ञों की मानें तो जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग ने मानसून के बनने की परिस्थिति पर और तनाव डाल दिया है। आंकड़े बताते हैं कि बारिश का रिकॉर्ड हर…

एयर क्वालिटी मोनिटरिंग में ये सस्ते सेंसर बनेंगे गेम चेंजर
पायलट अध्ययन से ज़ाहिर है कि रेगुलेटरी ग्रेड के मॉनिटर्स के साथ लगाये गये कम कीमत के सेंसर ने अपेक्षाकृत 85 प्रतिशत से ज्यादा दक्षता से काम कियादेश में प्रदूषण की बढ़ती मार के बीच पूरे भारत में इसके स्तरों पर नजर रखने के लिये जरूरी नेटवर्क के विस्तार की बहुत ज्यादा जरूरत महसूस की…