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Climate कहानी

चलिए पढ़ा जाये

क्या असमान वार्मिंग से हो रहा है वसंत का अंत? 

Posted on March 18, 2024

क्लाइमेट सेंट्रल के एक नए विश्लेषण से भारत के सर्दियों के तापमान में एक चिंताजनक प्रवृत्ति का पता चलता है। जहां एक ओर पूरे देश में सर्दियाँ तो पहले से गर्म हो रही हैं, वहीं तापमान बढ़ने की दर, क्षेत्र, और महीने की बात करें तो उसमें एक जैसी प्रवृत्ति नहीं। इस असमान वार्मिंग पैटर्न के कारण भारत के कुछ हिस्सों में…

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सर्दियों में लगातार दूसरे साल गर्मी का एहसास, बन रही है पानी की चिंता अब खास

Posted on March 1, 2024

भारत लगातार दूसरे साल गर्म सर्दियों से जूझ रहा है, जिससे देश की जल आपूर्ति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. क्लाइमेट ट्रेंड्स की एक हालिया रिपोर्ट स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते सर्दी के सीज़न में बारिश कम हुई है, जिससे कुल वर्षा की मात्रा में भारी कमी…

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बदलते, बिगड़ते मौसम पर लिखने वाले पत्रकारों को अधिक प्रशिक्षण की जरूरत: रिपोर्ट

Posted on February 29, 2024

साल-दर-साल बढ़ती तपिश मीडिया के लिए भी खबरों का एक प्रमुख विषय बन चुकी है। एक अध्ययन के मुताबिक खास तौर पर भाषायी प्रकाशनों में काम कर रहे पत्रकारों को इस गूढ़ विषय के बारे में और प्रशिक्षित करने की जरूरत है।ब्रिटेन के स्कूल ऑफ़ जियोग्राफी एंड द एनवायरनमेंट के विशेषज्ञ जेम्स पेंटर, ऑस्ट्रेलिया स्थित…

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जलवायु परिवर्तन से भारत की संवेदनशीलता और अर्थव्यवस्था पर पड़ता प्रभाव

Posted on February 28, 2024

भारत की विविध भौगोलिक संरचना, जलवायु परिस्थितियों और सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों के प्रति उसकी संवेदनशीलता अधिक है। ये प्रभाव पहले से ही अर्थव्यवस्था और आजीविका को प्रभावित कर रहे हैं, जो विकास और गरीबी उन्मूलन में प्रगति को बाधित कर सकते हैं।उदाहरण के लिए, वर्ष 2021 में, भारत में…

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जलवायु परिवर्तन की चेतावनी: उत्तराखंड में असमय खिल उठा बुरांश!

Posted on February 27, 2024

पहाड़ों का गहना, उत्तराखंड का राजकीय फूल बुरांश, इस बार किसी उत्सव की सूचना नहीं, बल्कि खतरे की घंटी बजा रहा है. फरवरी में ही ये लाल रंग के शानदार फूल खिल गए हैं, जिसने पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है. आमतौर पर ये फूल मार्च-अप्रैल में अपने पूरे रंग में खिलते…

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कहीं आप किसी बच्चे की बौद्धिक मंदता के लिए ज़िम्मेदार तो नहीं?

Posted on February 27, 2024

दीपमाला पाण्डेय हर बार, बाज़ार जाने से पहले जब आप वो कपड़े का थैला ले जाना भूल जाते हैं और फिर सामान खरीदने के बाद दुकानदार से पॉलिथीन की थैली मांगते हैं, तब आप अनजाने में ही सही, लेकिन कहीं न कहीं, किसी बच्चे की बौद्धिक दिव्यांगता में योगदान दे रहे होते हैं। जी हाँ,…

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पर्यावरणीय चिंताओं में आर्द्रभूमि संरक्षण और बहाली को नहीं मिलती पर्याप्त प्राथमिकता

Posted on February 26, 2024

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस), दिल्ली, ने 22 और 23 फरवरी को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग के सहयोग से “आर्द्रभूमि जीवन के लिए” विषय पर एक क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। आर्द्रभूमि, जिसे दलदल, तालाब या झील भी कहा जाता है, वो इलाका होता है जहाँ पानी…

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जलवायु जागरूकता पर एमिटी छात्रों की फिल्म ‘दी नेक्स्ट लेसन’ को मिला प्रथम पुरस्कार

Posted on February 19, 2024

धरती के वातावरण में पर्यावरण प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के करण होने वाले बदलाव अब खतरनाक रूप लेते जा रहे हैं। धरती पर जीवन फलता-फूलता रहे इसके लिए त्वरित प्रभावी प्रयास करने होंगे।क्लाइमेट चेंज पर जनजागरूकता के लिए प्रमुख जन संचार संस्थानों में से एक एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन (एएससीओ) और क्लाइमेट…

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जलवायु परिवर्तन के शोर से सन्नाटे तक

Posted on February 10, 2024

दीपमाला पाण्डेय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भारत में विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुमेय शोर स्तर निर्धारित किया हुआ है। ध्वनि प्रदूषण नियमों ने दिन और रात, दोनों समय के लिए, विभिन्न क्षेत्रों में शोर के स्वीकार्य स्तर को परिभाषित भी किया है। जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में, अनुमेय सीमा दिन के लिए 75 डीबी…

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इंडिया एनेर्जी वीक: क्या ग्रीन हाइड्रोजन बनेगी गेम चेंजर?

Posted on February 8, 2024

गोवा में चल रहा इंडिया एनर्जी वीक 2024 भारत के ऊर्जा भविष्य की रोमांचक तस्वीर दिखा रहा है. क्लीन एनेर्जी, महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य और एनेर्जी सेक्युर्टी पर जोर के साथ, इस कार्यक्रम में कई प्रमुख घटनाक्रम सामने आए हैं, खासकर हाइड्रोजन का बढ़ता महत्व. लेकिन यहाँ बड़ा सवाल ये उठता है कि ये घटनाक्रम भारतीय…

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क्लाइमेट की कहानी, मेरी ज़बानी

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