2015 की दिसंबर की वो ठंडी शाम याद है जब पेरिस में दुनिया एक साथ आई थी? 194 देशों ने पहली बार एक साझा वादा किया था – धरती को 1.5°C की सीमा में रोकने का। वो कोई साधारण समझौता नहीं था; वो भविष्य की उम्मीद पर लिखा गया एक दस्तावेज़ था। अब, उस ऐतिहासिक…
Tag: paris climate agreement
 
												कार्बन कैप्चर का खेल, धरती के लिए फेल
सोचिए, अगर घर में आग लगी हो और हम धुएं को खिड़की से बाहर निकालने की मशीन खरीद लें, पर आग बुझाने की कोशिश ही न करें, तो क्या घर बचेगा? यही हाल है कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (CCS) तकनीक का, जिस पर अब एशिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ दांव लगाने की सोच रही हैं।…
 
												बॉन सम्मेलन की तैयारी: जलवायु संकट, फाइनेंस और फॉसिल फ्यूल पर दुनिया की नज़र
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की मध्य वर्ष की बैठक (UNFCCC Bonn Climate Conference) सोमवार 16 जून से शुरू हो रही है। 26 जून तक चलने वाली ये बातचीत इस वक्त हो रही है जब हाल ही में मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने चेतावनी दी कि 2029 से पहले 1.5°C तापमान सीमा के टूटने की…
 
												जलवायु परिवर्तन ने एशिया में बढ़ाई हीटवेव की तीव्रता, बना दिया घातक
निशान्त सक्सेना वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के एक नए अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन ने अप्रैल में पूरे एशिया में अनुभव की गई हीट वेव की तीव्रता को काफ़ी बढ़ा दिया था. अध्ययन ने साफ किया कि इस अवधि में रिकॉर्ड तोड़ तापमान ने अरबों लोगों को प्रभावित किया, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन…
 
												हिन्द महासागर का बढ़ता तापमान करेगा पृथ्वी को परेशान: शोध
एक नए अध्ययन ने हिंद महासागर के भविष्य के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने रखी है। इस अध्ययन के अनुसार, हिंद महासागर का तेजी से गर्म होना वैश्विक जलवायु को प्रभावित कर सकता है। अध्ययन में पाया गया है कि हिंद महासागर का तापमान अब तक की रफ्तार से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है।…
 
												जलवायु परिवर्तन और दिव्यांगता: एक अनदेखा संबंध
दीपमाला पाण्डेय साल 2023 में पृथ्वी की औसत भूमि और महासागर की सतह का तापमान 20वीं सदी से 2.12 डिग्री फ़ारेनहाइट (1.18 डिग्री सेल्सियस) अधिक था। यह आंकड़ा साल 1850 से अब तक रिकॉर्ड किया गया उच्चतम वैश्विक तापमान है। इसने, इससे पहले अब तक के सबसे गर्म वर्ष, 2016 को 0.27 डिग्री फ़ारेनहाइट (0.15…
 
												जलवायु परिवर्तन से भारत की संवेदनशीलता और अर्थव्यवस्था पर पड़ता प्रभाव
भारत की विविध भौगोलिक संरचना, जलवायु परिस्थितियों और सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों के प्रति उसकी संवेदनशीलता अधिक है। ये प्रभाव पहले से ही अर्थव्यवस्था और आजीविका को प्रभावित कर रहे हैं, जो विकास और गरीबी उन्मूलन में प्रगति को बाधित कर सकते हैं।उदाहरण के लिए, वर्ष 2021 में, भारत में…
 
												वैश्विक विशेषज्ञों ने टॉप 10 जलवायु विज्ञान अंतर्दृष्टियों का किया अनावरण
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, सामाजिक और प्राकृतिक विज्ञान के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने वार्षिक “जलवायु विज्ञान में 10 नई अंतर्दृष्टि” नाम की एक रिपोर्ट, यूएनएफसीसीसी के कार्यकारी सचिव, साइमन स्टिल के साथ प्रस्तुत किया। यह रिपोर्ट, पिछले 18 महीनों के नवीनतम और महत्वपूर्ण जलवायु विज्ञान अनुसंधान से मिले नतीजों का संकलन है। इसका उद्देश्य नीति निर्माताओं…
 
												वैश्विक रिन्यूबल एनेर्जी दौड़ में एशिया अव्वल
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दुनिया भर में रिन्यूबल एनेर्जी को प्राथमिकता देने के मामले में एशिया सबसे तेज़ खिलाड़ी के तौर पर उभर रहा है। एशिया में इस क्षेत्र में निवेश में सालाना 23% की प्रभावशाली वृद्धि हो रही है, जो कि ज़ीरो कार्बन एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार $ 345 बिलियन की एक आश्चर्यजनक…
 
												संयुक्त राष्ट्र: वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ‘प्रगति अब भी अपर्याप्त’
संयुक्त राष्ट्र ने 2015 के ऐतिहासिक पेरिस समझौते के बाद से जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक प्रगति का अपना पहला आधिकारिक मूल्यांकन जारी करते हुए दुनिया को एक चेतावनी सी दी है। यह मूल्यांकन रिपोर्ट सीधे तौर पर कहती है कि पेरिस समझौते के वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5C तक सीमित करने के लक्ष्य को पूरा…
