दुनिया भर में बढ़ते क्लाइमेट मुक़दमे और भारत में इसकी गूंज एक ज़माना था जब जलवायु संकट का ज़िक्र सिर्फ़ वैज्ञानिक रिपोर्टों, यूएन सम्मेलनों या NGO की याचिकाओं तक सीमित होता था। लेकिन अब वही मुद्दा अदालतों की चौखट लांघ चुका है। कोर्टरूम अब सिर्फ़ न्याय का मंच नहीं, बल्कि जलवायु की अगली लड़ाई का…
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जलवायु नीति पर बहस में भारतीय कंपनियाँ खामोश
आजकल हर कोई Net Zero की बातें करता है। कॉरपोरेट जगत से भी बड़े-बड़े climate commitments आते हैं—websites पर sustainability pledges हैं, events में climate change पर panels हैं… लेकिन जब बात असल नीति निर्माण की आती है—जहाँ सच में बदलाव की बुनियाद रखी जाती है—तो ज़्यादातर कंपनियाँ खामोश नज़र आती हैं। भारतीय व्यापार जगत…

आपका सादा खाना भी काफ़ी ‘ओइली’ है!
क्या आप जानते हैं कि आपका सादा खाना भी काफ़ी ‘ओइली’ है?नहीं, हम घी या सरसों तेल की बात नहीं कर रहे—हम बात कर रहे हैं उस कच्चे तेल की जिसकी कीमत इज़राइल-ईरान जैसे युद्धों से तय होती है, और जिसकी लत में डूबी है आज की पूरी खाद्य प्रणाली। आज चावल से लेकर चिप्स…

एशिया तप रहा है, मौसम बदल रहा है – लेकिन चेतावनी काम आ रही है
साल 2024 का साल एशिया के लिए सिर्फ गर्म नहीं था, ये एक जलवायु चेतावनी की घंटी जैसा था—कभी धधकते शहर, कभी पिघलते ग्लेशियर, तो कभी डूबते खेत। वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन (WMO) की ताज़ा रिपोर्ट State of the Climate in Asia 2024 बताती है कि एशिया अब पूरी दुनिया से लगभग दोगुनी रफ्तार से गरम…

शुरू हो चुकी है बिजली के भविष्य की जंग — क्या भारत वाकई तैयार है?
नई दिल्ली की गर्म दोपहर में जब देश की ऊर्जा पर बात हुई, तो सिर्फ़ AC के रिमोट नहीं, सोच के स्विच भी ऑन हुए। 18 जून को दिल्ली के इंटरनेशनल सेंटर में कुछ ऐसे लोग एक साथ बैठे, जो भारत की ऊर्जा नीति के मानचित्र पर कल की दिशा तय कर सकते हैं। गोलमेज़…

बैकअप से आगे की बात, BESS के साथ
जब सूरज ढल जाए, BESS साथ निभाए कुछ इंकलाब नारे लेकर आते हैं। और कुछ सिर झुकाए, काम में लगे रहते हैं—बिना तमगे की चाहत के, बस अपना फ़र्ज़ निभाते हुए। Battery Energy Storage Systems, यानी BESS, ऐसी ही एक चुपचाप चलने वाली ताक़त है। ना चर्चा, ना तमाशा, पर जिसकी गैरमौजूदगी में पूरी रिन्यूएबल…

बंद पड़ी कोयला खदानों में अब सूरज बोलेगा – मेरी बारी!
नई रिपोर्ट में सामने आया 300 गीगावॉट का जबरदस्त मौका दुनिया भर में जो कोयला खदानें या तो बंद हो चुकी हैं या इस दशक के अंत तक बंद हो जाएंगी, अगर उन्हें सौर ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया जाए — तो इतनी बिजली बन सकती है कि पूरा जर्मनी एक साल तक रोशन रहे!…

बॉन सम्मेलन की तैयारी: जलवायु संकट, फाइनेंस और फॉसिल फ्यूल पर दुनिया की नज़र
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की मध्य वर्ष की बैठक (UNFCCC Bonn Climate Conference) सोमवार 16 जून से शुरू हो रही है। 26 जून तक चलने वाली ये बातचीत इस वक्त हो रही है जब हाल ही में मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने चेतावनी दी कि 2029 से पहले 1.5°C तापमान सीमा के टूटने की…

जलवायु परिवर्तन की चाल से झुलस रहा है भारत
उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पारा 44 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है और भारत मौसम विभाग (IMD) ने लगातार पांच दिनों तक रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम की ये मार सिर्फ तापमान की नहीं, बल्कि जलवायु…

मटके की ठंडक, मिट्टी की सीख
– श्रद्धा श्रीवास्तव मालवा की तीव्र गर्मी और झुलसाने वाली धूप हर भोपाली के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। ऐसी गर्मी, जिसमें सूरज मानो आग बरसाता है और लू अच्छे-अच्छों को बीमार कर देती है। इन विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए आजकल एसी, फ्रिज और कूलर जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग आम हो…