IPCC ने अब तक बढ़ते तापमान के कारणों, चुनौतियों और प्रभावों का विवरण देने वाली रिपोर्ट के दो सेट जारी किए हैंजहाँ एक ओर जलवायु परिवर्तन लगातार अपनी गति पर बढ़ रहा है और स्थिति बिगाड़ रहा है, वहीँ एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र का अंतर सरकारी पैनल (IPCC) जलवायु परिवर्तन पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट…
Category: जलवायु परिवर्तन

ग्रेट बैरियर रीफ़ पर गंभीर ख़तरा, मामला संयुक्त राष्ट्र में पहुंचा
दुनिया की सबसे बड़ी कोरल रीफ़, द ग्रेट बैरियर रीफ, एक बार फिर खबरों में है। और यह खबर बुरी है। ऑस्ट्रेलियाई पर्यावरण समूह क्लाइमेट काउंसिल की ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो औस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्वी तट के पास समुद्री तापमान इतना बढ़ गया है कि इससे ग्रेट बैरियर रीफ में एक सामूहिक ब्लीचिंग का भी खतरा बढ़ गया…

जलवायु परिवर्तन की वित्तीय मार के लिए नहीं हैं भारतीय बैंक तैयार
संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित नेट-ज़ीरो बैंकिंग एलायंस में 40 देशों के बैंकों को किया गया सदस्य के रूप में सूचीबद्ध, मगर सूची में नहीं है एक भी भारतीय बैंक जलवायु परिवर्तन का हमारे ऊपर व्यापक असर होता है। और यह नकारात्मक असर सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक भी होता है। भारत जैसे विकासशील…

जलवायु अनुकूलन के लिए वित्त हो व्यवस्थित
जब हम जलवायु परिवर्तन और उसकी वजह से होने वाले जोखिम की बात करते हैं तो यह बात सामने आती है कि फाइनेंस को अधिक महत्वपूर्ण पहलू के तौर पर सामने रखा जाए। जलवायु परिवर्तन की विकराल होती समस्या से निपटने के लिये अनुकूलन कार्य में जलवायु वित्त या क्लाइमेट फाइनेंसिंग की भूमिका निर्विवाद रूप…

जंगलों के बाहर वृक्षारोपण का रोडमैप हुआ जारी
अगर किसान जंगलों के बाहर वृक्षारोपण की प्रथा को बढ़ावा दें तो उन्हें सात प्रकार के मौद्रिक और तीन प्रकार के गैर-मौद्रिक प्रोत्साहन लाभ मिल सकते हैं। इन लाभों में शामिल है इनपुट सब्सिडी, प्रदर्शन-आधारित भुगतान, अनुदान, ऋण, इत्यादि। हालांकि, किसानों के लिए इन प्रोत्साहनों तक पहुंच बनाने के लिए तमाम अनुकूलन गतिविधियों की भी आवश्यकता है। इस बात का ख़ुलासा हुआ…

93 फ़ीसद भारतीय ले रहे हैं मौत की सांस
एक ताज़ा जारी वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, 93 प्रतिशत भारतीय ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां वायु प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ के मानकों से अधिक है। इस रिपोर्ट से पता चला है कि इसके परिणामस्वरूप भारत में जीवन प्रत्याशा लगभग 1.5 वर्ष कम हो गई है। इस तथ्य का खुलासा अमेरिका के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (HEI) द्वारा जारी…

विशेषज्ञों की राय, रूपांतरणकारी दृष्टिकोण अपनाकर ठोस और तात्कालिक कदम उठाये जाएं
जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट भविष्य की एक भयावह तस्वीर पेश करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कार्बन उत्सर्जन मौजूदा रफ्तार से बढ़ता रहा तो वर्ष 2100 तक लगभग पूरे भारत में वेट बल्ब टेंपरेचर 35 डिग्री सेल्सियस के जानलेवा स्तर तक पहुंच जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है…

संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी: गर्मी ले लेगी जान अगर नहीं लगी उत्सर्जन पर लगाम
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट रिलीज़ हो चुकी है और यह रिपोर्ट बेहद खास है। ख़ास इसलिए क्योंकि इसमें साफ़ तौर पर वैश्विक स्तर पर बढ़ते कार्बन एमिशन और उसकी वजह से बदलती जलवायु का मानवता पर हो रहे असर का ज़िक्र है।जो बात आईपीसीसी (IPCC) वर्किंग ग्रुप 2 (WG2) की इस…

इस बार भी चुनावी विमर्श से गायब है प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का मुद्दा
पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के गंभीर परिणामों का सामना कर रही है, मगर भारत में यह मसला अब भी चुनावी मुद्दा नहीं बनता। आबादी के लिहाज से भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इसी महीने से विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि ज्यादातर राजनीतिक दलों ने अभी अपना चुनाव घोषणापत्र जारी नहीं…