भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र और गुजरात समेत देश के कई हिस्सों में लू का अलर्ट जारी किया है। कोंकण क्षेत्र पर एक पश्चिमी विक्षोभ की उपस्थिति सहित कारकों के संयोजन के कारण अलर्ट जारी किया गया है, जिससे हवा के पैटर्न में बदलाव हो रहा है, और लंबे समय तक शुष्क मौसम…
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जलवायु विज्ञान से जुडी कहानियाँ

मानव गतिविधि के चलते मंडरा रहा है दुनिया भर के तटीय समुदायों पर खतरा
विश्व मौसम विज्ञान विभाग (डब्ल्यूएमओ) ने 2013-2022 की अवधि के दौरान वैश्विक औसत समुद्र स्तर की वृद्धि पर एक रिपोर्ट जारी की है, और इसमें पता चले परिणाम चिंताजनक हैं। WMO ने पाया कि इस अवधि के दौरान समुद्र का स्तर औसतन 4.5 मिमी प्रति वर्ष बढ़ा और मानव गतिविधि इन वृद्धि का मुख्य चालक…

अल नीनो की वापसी बिगाड़ेगी मानसून 2023 के हाल, हालात बिगाड़ेगा जलवायु परिवर्तन
भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर क्षेत्र के सतह पर निम्न हवा का दबाव होने पर जो स्थिति पैदा होती है, उसे ला नीना कहते हैं। इसकी उत्पत्ति के अलग-अलग कारण माने जाते हैं लेकिन सबसे प्रचलित कारण ये तब पैदा होता है, जब ट्रेड विंड, पूर्व से बहने वाली हवा काफी तेज गति से बहती हैं। इससे समुद्री सतह का…

जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बढ़ा रही है स्वास्थ्य समस्याओं के दुष्प्रभाव: लान्सेट काउंटडाउन
सभी देश और वहाँ की स्वास्थ्य प्रणालियाँ COVID-19 महामारी के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों से उबर ही रही थीं कि ठीक तब ही रूस और यूक्रेन के संघर्ष ने एक वैश्विक ऊर्जा संकट खड़ा कर दिया। और इस सब के साथ जलवायु परिवर्तन बेरोकटोक अपनी गति से बढ़ता चला जा रहा है।द लैंसेट काउंटडाउन ऑन…

ला नीना के चलते हुई भारत में सामान्य से अधिक बारिश
चार महीने तक चलने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून आधिकारिक तौर पर 30 सितंबर को समाप्त हो गया। एक शांत शुरुआत के बाद, देश में भरपूर बारिश के साथ मानसून का मौसम एक अच्छे मोड़ पर समाप्त हुआ। हालांकि, बदलती जलवायु परिस्थितियों के कारण मॉनसून की बढ़ती परिवर्तनशीलता बारिश पर हावी रही। जैसा कि अनुमान लगाया गया…

आधी हो सकती है बिजली की कीमत
अगर ऊर्जा क्षेत्र में कोयले पर निर्भरता चरणबद्ध तरीके से की जाती है कम तो साल 2050 तक हो सकती है बिजली की कीमत आधी एक नए वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि अगर भारत बिजली क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से अपनी कोयले पर निर्भरता कम करता है तो न सिर्फ साल 2040 की शुरुआत से…

अब चीता लाएगा पारिस्थितिकी के अच्छे दिन
निशान्त दुनिया के जिस सबसे तेज़ जानवर को साल 1952 में भारत में विलुप्त घोषित किया गया, उसी जानवर का सत्तर साल बाद मध्य प्रदेश के श्योपुर ज़िले में कुनो-पालपुर नेशनल पार्क (केएनपी) में एक नया घर मिलेगा। और इसी के साथ देश कि पारिस्थितिकी के शुरू होंगे अच्छे दिन। यहाँ जिस जानवर की बात…

चरम मौसम में अब नहीं कुछ खास, जलवायु परिवर्तन ने बनाया इसे आम सी बात
यह एक ज्ञात तथ्य है कि जलवायु परिवर्तन के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून में कई परिवर्तन हुए हैं। राज्य द्वारा संचालित भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 2022 में 1902 के बाद से दूसरी सबसे बड़ी चरम घटनाएं देखी गई हैं। जबकि बाढ़ और सूखे की घटनाओं में वृद्धि हुई है, इस बात के और…

50 हजार वन्यजीव प्रजातियाँ कर रहीं सेवा, अरबों लोग खा रहे मेवा
हर पांच में से एक व्यक्ति अपनी आमदनी और भोजन के लिये वन्यजीव प्रजातियों पर है निर्भर। इंसान के भोजन के लिये 10 हजार वन्यजीव प्रजातियों का होता है दोहनअक्सर ‘जैव-विविधता के लिये आईपीसीसी’ के तौर पर वर्णित की जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय शोध एवं नीति इकाई आईपीबीईएस ने एक नयी रिपोर्ट जारी की है, जो कहती है- विकसित और विकासशील…

एनसीईआरटी द्वारा पर्यावरण पाठ्यक्रम में बदलाव कितना सही?
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि दुनिया भर में करीब 100 करोड़ बच्चों पर जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के बढ़ते प्रभावों का खतरा है। इस आंकड़ें में भारत का भी योगदान है और भारत समेत 33 देशों के बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा पर यह जलवायु संकट मंडरा…