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Climate कहानी

Category: जीवाश्म ईंधन

जी20 देशों में रिन्यूबल एनेर्जी बना रही है पैठ

Posted on May 15, 2023

पैरिस समझौते के बाद से पवन और सौर ऊर्जा के कारण जी20 देशों में कोयले से बनने वाली बिजली की हिस्‍सेदारी में गिरावट आयी है। चौथे वार्षिक ग्‍लोबल इलेक्ट्रिसिटी रीव्‍यू के डेटा के ताजा विश्‍लेषण में यह दावा किया गया है। ऊर्जा थिंक टैंक एम्‍बर ने इस विश्‍लेषण को प्रकाशित किया है। हालांकि यह बदलाव…

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Just Transition Difficult

झारखण्‍ड का अधिकांश कोयला कारोबार कार्यबल चाहता है क्षमता संवर्धन: अध्‍ययन

Posted on April 17, 2023

जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की तरफ बढ़ते रुझान और नेटजीरो लक्ष्यों के प्रति भारत की संकल्पबद्धता के बीच एक ताजा अध्ययन में झारखंड में कोयला कारोबार से जुड़े कामगारों को लेकर एक विस्तृत अध्ययन किया गया है। हर तीन में से एक कोयला कामगार खेती को रोजगार के अपने वैकल्पिक साधन के तौर…

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IFC ने की नई कोयला परियोजनाओं की फंडिंग बंद करने की घोषणा

Posted on April 6, 2023

विश्व बैंक की निजी क्षेत्र की शाखा, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) ने साफ कर दिया है कि वह नई कोयला परियोजनाओं में निवेश का समर्थन नहीं करेगी।IFC बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को धन देता है जो बदले में बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं को उधार देते हैं। IFC ने कथित तौर पर भारत में…

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कोयला बिजली: नए निवेशों की रफ्तार धीमी, पुराने प्लांटों को बंद करने पर स्थिति असपष्ट  

Posted on April 6, 2023

ग्लोबल एनेर्जी मॉनिटर के नौवें वार्षिक सर्वे की मानें तो भविष्य में अपने कोयले के इस्तेमाल को लेकर भारत वैश्विक स्तर पर मिले जुले संकेत भेजता रहा है।   कोल प्लांट पाइप लाइन पर होने वाले इस सर्वे के मुताबिक़ जहां एक ओर नयी कोयला बिजली परियोजनाओं की कमीशनिंग बीते वर्षों में अपने निचले स्तर पर रही है, वहीं नई परियोजनाओं के लिए प्लान भी बन रहे हैं और पुराने कम आउटपुट और एफ़िशियेन्सी वाले प्लांटों को बंद करने की कोई स्पष्ट योजना नहीं दिख रही।  रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने 2022 में केवल 3.5 गीगावाट (GW) नई कोयला बिजली क्षमता पर खर्च किया है। 2020 में होने वाली महामारी की मंदी को छोड़ दें तो, यह 2014 के उच्च…

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अगले सात साल में दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन मार्केट होगा भारत

Posted on March 4, 2023

एक नए अध्ययन से पता चला है कि देश में कार्बन एमिशन कम करने की गतिविधियों पर होने वाले खर्चे में 28 फीसद की कमी आयी है। इतना ही नहीं, विशेषज्ञों का मानना है साल 2030 तक भारत दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन बाज़ार बन जाएगा।दरअसल साल 2020-21 में लागू किए गए इस कार्बन मार्केट…

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पेट्रोल, डीज़ल, बिजली के दाम बढ़ना तय

Posted on February 20, 2023

कैम्ब्रिज इकोनोमेट्रिक्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जीवाश्म-ईंधन से संबंधित चीजों, जैसे परिवहन और घरेलू ऊर्जा, ने अप्रैल और मई 2022 के बीच भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर में लगभग 20% का योगदान दिया। उस समय भारत के वार्षिक मुद्रास्फीति की दर (सीपीआई) 7 से 8% के बीच थी।रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी 2021…

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इस स्टील कंपनी की दोहरी नीति की हो रही है आलोचना

Posted on February 18, 2023

लक्‍जमबर्ग स्थित आर्सेलर मित्‍तल कम्‍पनी को अगली मई में होने जा रही अपनी वार्षिक सभा में मुश्किल सवालों का सामना करने के लिये तैयार रहना चाहिये। उसे जवाब देना होगा कि वह जापान की कम्‍पनी निपॉन स्‍टील (एएम/एनएस इंडिया) के साथ मिलकर भारत में स्टील बनने के लिए कोयला आधारित ब्लास्ट फरनेस क्यों लगा रही…

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साफ ऊर्जा अपनाने से सालाना 19.5 बिलियन डॉलर बचा सकता है भारत

Posted on January 24, 2023

भारत ने वर्ष 2025 तक 76 गीगावॉट यूटिलिटी स्केल सौर और पवन बिजली उत्पादन क्षमता विकसित करने की योजना बनाई है। इससे भारत 19.5 बिलियन डॉलर (1588 बिलियन रुपए) बचा सकता है। ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है। ग्लोबल सोलर पावर ट्रैकर और ग्लोबल विंड पावर ट्रैकर के आंकड़ों के हिसाब से भारत को…

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इस स्टील निर्माता ने पेश की सस्टेनेबिलिटी के लिए ज़िम्मेदारी की नज़ीर 

Posted on January 21, 2023

देश की पूरी स्टील इंडस्ट्री को प्रेरणा देते हुए, भारत के अग्रणी स्टील निर्माताओं में से एक, जेएसडब्ल्यू स्टील, ResponsibleSteel™ का सदस्य बन गया है।   ResponsibleSteel™ जिम्मेदारी से प्राप्त और उत्पादित स्टील के लिए एकमात्र वैश्विक मल्टी-स्टेखोल्डर स्टैंडर्ड और सर्टिफिकेशन पहल है। यह एक तरह का संगठन है जिसमें दुनिया भर के 130 स्टील उद्योग से जुड़े संस्थान शामिल हैं। जेएसडब्ल्यू स्टील 22 अरब अमेरिकी डॉलर के जेएसडब्ल्यू समूह का प्रमुख व्यवसाय है, और इनोवेशन, डिजिटलीकरण…

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Just Transition Difficult

बीते 17 सालों में कोयला बिजली उत्पादन को नहीं मिला सार्वजनिक बैंकों की फंडिंग का ख़ास साथ  

Posted on December 16, 2022

सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी (सीएफए) की नई रिपोर्ट ‘द कोल टेल : ट्रैकिंग इन्वेस्टमेंट्स इन कोल फायर्ड थर्मल पावर प्लांट्स इन इंडिया’ ने देश में कोयले से चलने वाले बिजली घरों को दी गई वित्तीय सहायता का खुलासा करते हुए बताया है कि साल 2005 से 2022 के बीच भारत में 84 राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं ने 1000 मेगा वाट या उससे ज्यादा की क्षमता…

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क्लाइमेट की कहानी, मेरी ज़बानी

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