पायलट अध्ययन से ज़ाहिर है कि रेगुलेटरी ग्रेड के मॉनिटर्स के साथ लगाये गये कम कीमत के सेंसर ने अपेक्षाकृत 85 प्रतिशत से ज्यादा दक्षता से काम कियादेश में प्रदूषण की बढ़ती मार के बीच पूरे भारत में इसके स्तरों पर नजर रखने के लिये जरूरी नेटवर्क के विस्तार की बहुत ज्यादा जरूरत महसूस की…
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गरीब मुल्कों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता हो कम, ये चाहते हैं हम: G7 देशों के नागरिक
G7 देशों की बैठक से पहले, वैश्विक थिंक टैंक E3G के लिए YouGov संस्था ने G7 देशों में एक सर्वे किया जिसमें पाया गया कि वहां गरीब देशों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद करने के लिए भारी जन समर्थन है। कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, यूके और अमेरिका में हुए इस सर्वे…
बड़े प्रदूषकों की नेट ज़ीरो योजनायें वास्तविकता कम जुमलेबाज़ी ज़्यादा
जैसे-जैसे जलवायु संकट के प्रभाव और अधिक स्पष्ट होते जा रहे हैं, दुनिया भर के लोग, महिलाओं और युवाओं के साथ, इन प्रभावों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन जवाब में, दुनिया के बड़े प्रदूषक और सरकारें अपने द्वारा उत्पन्न पर्यावरण संकट के समाधान के रूप में अपनी “नेट ज़ीरो एमिशन” योजना को दिखा रहे…
धरती पर इतने रिन्युब्ल संसाधन कि हर इंसान की ऊर्जा ज़रूरत हो सकती है पूरी
विश्व के प्रत्येक महाद्वीप में अपनी जनसंख्या को 100% रिन्यूएबल एनर्जी उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है। वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5ºC के लक्ष्य से नीचे रखने के लिए न सिर्फ जीवाश्म ईंधन उत्पादन के विस्तार का अंत ज़रूरी है बल्कि मौजूदा उत्पादन को भी चरणबद्ध तरीके से कम करना ज़रूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि भले…
ग़रीब देशों को मिल रही फंडिंग में रिन्युब्ल नहीं, गैस को मिल रही तरजीह
जलवायु प्रतिबद्धताओं के बावजूद, सार्वजनिक संस्थान प्राकृतिक गैस के लिए, पवन या सौर के मुक़ाबले, चार गुना ज़्यादा फंड प्रदान करते हैं बात जब ऊर्जा क्षेत्र के लिए फंडिंग की हो तब तमाम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पवन या सौर की तुलना में गैस परियोजनाओं के लिए चार गुना…
G7 देशों की जलवायु वित्त प्रतिज्ञाओं के मामले में वादाखिलाफ़ी बादस्तूरजारी
आज जारी एक ताज़ा विश्लेष्ण से पता चला है कि अमीर देशों की मौजूदा क्लाइमेट फाइनेंस योजनाएं अभी भी न सिर्फ 100 बिलियन डॉलर के लक्ष्य से कम हैं, बल्कि इनमें भविष्य के फंड के लिए वितरण और समयरेखा के बारे में विवरण और स्पष्टता की गंभीर कमी है। CARE संस्था ने पेरिस समझौते के तहत विकसित देशों…
जी7 देश वैश्विक तापमान को 1.5°C तक सीमित करने को हुए एकमत
दो डिग्री सेल्सियस तक वैश्विक तापमान को सीमित करने के अपने पिछले लक्ष्य के मुक़ाबले एक बेहद महत्वकांक्षी लक्ष्य पर सहमत होते हुए G7 देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की है कि वे वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5°C तक सीमित करने के अनुरूप अपने जलवायु लक्ष्य तय करेंगे। इन मंत्रियों ने 2021…
क्या अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने जीवाश्म ईंधन युग के अंत की शुरुआत घोषित कर दी है?
जीवाश्म ईंधन पर अंकुश लगाने की अब तक की सबसे बड़ी चेतावनी देते हुए ऊर्जा क्षेत्र की शीर्ष वैश्विक निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने साफ़ कर दिया है कि अगर दुनिया मध्य शताब्दी तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन के स्तर तक पहुंचना चाहती है तो निवेशकों को तेल, गैस और कोयले की आपूर्ति परियोजनाओं में…
इन 11 देशों के धार्मिक संगठनों ने किया जीवाश्म ईंधन कारोबार से हर नाता तोड़ने का ऐलान
दुनिया के 11 देशों के 36 धार्मिक संगठनों ने आज खुद को जीवाश्म ईंधन के कारोबार से अपना हर नाता तोड़ने का ऐलान किया। इन ११ देशों में भारत समेत ब्राज़ील, अर्जेंटीना, फिलीपींस, उगांडा, इटली, स्पेन, स्विटजरलैंड, आयरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका के संगठन शामिल हैं।यह ऐलान जी7 शिखर बैठक को लेकर विभिन्न देशों के नेताओं…
सिर्फ़ पौधे लगाने से ग्लोबल वार्मिंग नहीं रुकेगी: नेचर
‘नेचर-बेस्ड सॉल्यूशंस’ (NBS) सदी के अंत तक ही जलवायु परिवर्तन के खिलाफ हमारी लड़ाई में योगदान कर सकते हैं। नेट ज़ीरो होने की चर्चाओं में अमूमन कार्बन को कम करने के लिए ‘नेचर-बेस्ड सॉल्यूशंस’ (NBS) या प्राकृति पर निर्भर तरीकों का ज़िक्र होता है। जैसे जंगलों की रक्षा और उनको बढ़ाना क्योंकि वो कार्बन सोखते हैं…