नमिता विकास, संस्थापक और प्रबंध निदेशक, ऑक्टस ईएसजीस्वप्ना पाटिल, प्रबंधक, इंडिया, एसएमई क्लाइमेट हब एमएसएमई: अर्थव्यवस्था की रीढ़ और जलवायु परिवर्तन की चुनौती छोटे और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी होते हैं। भारत में इनका योगदान जीडीपी का 30% है। 2025-26 के केंद्रीय बजट में एमएसएमई को बढ़ावा…
Category: जलवायु नीति
सिक्किम की नदियाँ खतरे में!
तेस्ता-III परियोजना पर वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन और लोकतांत्रिक निर्णय की माँग जब भी उत्तर-पूर्वी भारत की बात होती है, तो अक्सर उसकी अनदेखी कर दी जाती है। यहाँ की समस्याएँ, यहाँ की आवाज़ें देश के मुख्यधारा विमर्श में शामिल नहीं हो पातीं। लेकिन सिक्किम की नदियों और ग्लेशियरों से जुड़ा यह मुद्दा सिर्फ़ राज्य तक सीमित…
जलवायु परिवर्तन कर रहा वैलेंटाइंस डे से चॉकलेट की मिठास कम
वैलेंटाइंस डे आते ही सबसे पहले क्या याद आता है? प्यार, गले लगना, और… चॉकलेट! लेकिन जलवायु परिवर्तन के चलते यह मीठी परंपरा खतरे में है। पश्चिम अफ्रीका, जहां दुनिया की 50% से ज्यादा कोको की खेती होती है, वहां बढ़ता तापमान और अनियमित बारिश किसानों को तबाह कर रही है। चॉकलेट पर जलवायु परिवर्तन…
बजट 2025: हरित विकास की दिशा में एक और कदम
केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत की सस्टेनेब्ल डेवेल्प्मेंट यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए कई अहम घोषणाएँ की गई हैं। सरकार ने साफ ऊर्जा, घरेलू उत्पादन और कृषि को मजबूती देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। इस बजट को करदाताओं के अनुकूल बताया जा रहा है, जिसमें कई ऐसे प्रावधान हैं जो क्लीन एनर्जी…
शहर, जलवायु परिवर्तन और डॉ. अंजल प्रकाश का नज़रिया
Climate कहानी “आपने कभी सोचा है, शहर सिर्फ ईंट-पत्थर की इमारतों और भीड़-भाड़ वाले बाजारों का नाम नहीं हैं। ये ज़िंदगियों के सपनों का कैनवास हैं। लेकिन ये सपने, जिनमें हम और आप जीते हैं, आज जलवायु परिवर्तन के साये में हैं। और एशिया के शहर तो इस बदलाव के केंद्र में खड़े हैं।” ये…
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल और जलवायु परिवर्तन: क्या अब भी उम्मीद है?
20 जनवरी, 2025 को ट्रंप फिर से राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में जलवायु नीति पर जो रुख था, उससे यह साफ है कि उनके आने से अमेरिका में जलवायु परिवर्तन की दिशा में और मुश्किलें आ सकती हैं। उन्होंने पेरिस समझौते से बाहर निकलने का फैसला लिया था,…
क्लीन एनर्जी लक्ष्यों के लिए सरकारी सहयोग ज़रूरी: रिपोर्ट
साल 2030 तक भारत के क्लीन एनर्जी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सरकार को ऑफ़शोर विंड एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) और ग्रीन हाइड्रोजन (जीएच2) जैसे क्षेत्रों में मदद बढ़ानी होगी। यह बात एक नई रिपोर्ट में सामने आई है। क्या कहती है रिपोर्ट?सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नॉलॉजी एंड पॉलिसी (सीएसटीईपी) और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट…
खुशहाली के बीज: कैसे वनीकरण भारत में कर सकता है गरीबी मिटाने में मदद
ज़रा कल्पना कीजिए, महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त गाँव में एक युवा माँ बंजर ज़मीन पर मेहनत कर रही है, लेकिन अपने बच्चों का पेट भरने में असमर्थ है। अब उसी महिला को हरे-भरे पेड़ों की छांव में काम करते हुए देखिए, जहां वो लकड़ी, फल या बांस इकट्ठा कर रही है—ऐसे उत्पाद जो उसे आय, स्थिरता…
बाकू में COP29: जलवायु संकट और अधूरे वादों की कहानी
निशान्त बाकू, अज़रबैजान में आयोजित 29वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP29) ने दुनिया भर के देशों को एक बार फिर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एकजुट होने का मौका दिया. लेकिन, इस सम्मेलन के अंत में जो हासिल हुआ, उसने यह साबित किया कि वादों और वास्तविकता के बीच की खाई आज भी बहुत गहरी है. सम्मेलन में कुछ महत्वपूर्ण…
COP29 में CBAM पर तीखा मतभेद: विकासशील और विकसित देशों के बीच व्यापारिक नीतियों पर टकराव
बकू, अज़रबैजान में चल रहे COP29 के जलवायु सम्मेलन के पहले दिन का आरंभिक सत्र विवादों के चलते देरी से शुरू हुआ, क्योंकि भारत और चीन जैसे विकासशील देशों ने सम्मेलन के एजेंडा में यूरोपीय संघ के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) को शामिल करने की मांग की, जिसका अमीर देशों ने कड़ा विरोध किया।…